Apan Gaye Hi Nahi (Hindi)

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कवि राजेन्द्र मालवीय 25 वर्षों से कवि सम्मेलन के मंचों पर अपने आलस्यमय अंदाज से ऐसी कविताएं सुनाते हैं कि श्रोता स्वतः ही उनकी आलस्यधरा में खो जाता है। अपने छोटे से शहर इटारसी से निकलकर देश भर के प्रमुख महानगरों से होते हुए यूनाइटेड स्टेट आपफ अमेरिका तक के अनेक कवि सम्मेलनों में उन्होंने यह बात साबित की है। श्री मालवीय ने 90 के दशक में दूरदर्शन के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘सुरभि’ से लेकर स्टार वन के लाफ्रटर चैलेंज तक अपनी मौलिकता, विशिष्ट शैली और अनोखे अंदाज से वाहवाही बटोरी है। यही कारण है कि देश-विदेश के छोटे-बड़े शहरों के कई सम्मान व पुरस्कार उनके पास हैं। आशा है कि प्रस्तुत पुस्तक के चुटीले व्यंग आपको भी अपने सम्मोहन में बांध् लेंगे।

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कवि राजेन्द्र मालवीय 25 वर्षों से कवि सम्मेलन के मंचों पर अपने आलस्यमय अंदाज से ऐसी कविताएं सुनाते हैं कि श्रोता स्वतः ही उनकी आलस्यधरा में खो जाता है। अपने छोटे से शहर इटारसी से निकलकर देश भर के प्रमुख महानगरों से होते हुए यूनाइटेड स्टेट आपफ अमेरिका तक के अनेक कवि सम्मेलनों में उन्होंने यह बात साबित की है। श्री मालवीय ने 90 के दशक में दूरदर्शन के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘सुरभि’ से लेकर स्टार वन के लाफ्रटर चैलेंज तक अपनी मौलिकता, विशिष्ट शैली और अनोखे अंदाज से वाहवाही बटोरी है। यही कारण है कि देश-विदेश के छोटे-बड़े शहरों के कई सम्मान व पुरस्कार उनके पास हैं। आशा है कि प्रस्तुत पुस्तक के चुटीले व्यंग आपको भी अपने सम्मोहन में बांध् लेंगे।

Additional information

Author

Rajender Malviya

ISBN

9788128838569

Pages

20

Format

Paper Back

Language

Hindi

Publisher

Jr Diamond

ISBN 10

8128838563