Aravali Ka Martand (Maharana Pratap ki Atmakatha) : अरावली का मार्तण्ड (महाराणा प्रताप की महागाथा)

299.00

यह उपन्यास महाराणा प्रताप के जीवन पर आधारित है। उनके साहस, धैर्य, वीरता और स्वातंत्र्य-प्रेम की स्तुति भारतीय जन-मानस पिछले साढ़े चार सौ वर्षों से करता आया है। किंतु सत्तावन वर्ष के जीवन-काल वाले राणा प्रताप से आम जनमानस का परिचय कुछ गिनी-चुनी घटनाओं जैसे, हल्दीघाटी का युद्ध और अरावली की कुछ जन-श्रुतियों तक ही सीमित है। लोगों को यह तक ज्ञात नहीं है कि उनका जन्म कहाँ हुआ था, कहाँ लालन-पालन हुआ, कहाँ राजतिलक हुआ, कहाँ उनकी राजधानी रही और कहाँ उनका देहावसान हुआ। इस उपन्यास में राणा प्रताप के सम्पूर्ण जीवन और व्यक्तित्व को दर्शाया गया है। उनके जीवन के अनेक नए रोचक तथ्य अवश्य ही चमत्कृत और रोमांचित करने वाले हैं।

 

About the Author

प्रताप नारायण सिंह, जन्म: 20 जुलाई 1971, उत्तर प्रदेश (भारत)। प्रकाशित कृतियाँ: “सीताः एक नारी” (खंडकाव्य), “बस इतना ही करना” (काव्य-संग्रह), “राम रचि राखा” (कहानी-संग्रह)। पुरस्कार: “सीता: एक नारी” के लिये हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा “जयशंकर प्रसाद पुरस्कार”।

Additional information

Author

Pratap Narayan Singh

ISBN

9789355993090

Pages

81

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

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https://www.amazon.in/dp/9355993099

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ISBN 10

9355993099

यह उपन्यास महाराणा प्रताप के जीवन पर आधारित है। उनके साहस, धैर्य, वीरता और स्वातंत्र्य-प्रेम की स्तुति भारतीय जन-मानस पिछले साढ़े चार सौ वर्षों से करता आया है। किंतु सत्तावन वर्ष के जीवन-काल वाले राणा प्रताप से आम जनमानस का परिचय कुछ गिनी-चुनी घटनाओं जैसे, हल्दीघाटी का युद्ध और अरावली की कुछ जन-श्रुतियों तक ही सीमित है। लोगों को यह तक ज्ञात नहीं है कि उनका जन्म कहाँ हुआ था, कहाँ लालन-पालन हुआ, कहाँ राजतिलक हुआ, कहाँ उनकी राजधानी रही और कहाँ उनका देहावसान हुआ। इस उपन्यास में राणा प्रताप के सम्पूर्ण जीवन और व्यक्तित्व को दर्शाया गया है। उनके जीवन के अनेक नए रोचक तथ्य अवश्य ही चमत्कृत और रोमांचित करने वाले हैं।

 

About the Author

प्रताप नारायण सिंह, जन्म: 20 जुलाई 1971, उत्तर प्रदेश (भारत)। प्रकाशित कृतियाँ: “सीताः एक नारी” (खंडकाव्य), “बस इतना ही करना” (काव्य-संग्रह), “राम रचि राखा” (कहानी-संग्रह)। पुरस्कार: “सीता: एक नारी” के लिये हिंदी संस्थान उत्तर प्रदेश द्वारा “जयशंकर प्रसाद पुरस्कार”।