Asabhyata Ka Akraman (असभ्यता का आक्रमण)

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यह उपन्यास इतिहास नही है पर इतिहास के कई प्रश्नों का उत्तर तलाश करने की कोशिश इस पुस्तक द्वारा की गयी है। सिंध के इतिहास से प्रारम्भ होकर मुगलों के पतन तक की कथा के बहाने ‘असभ्यता का आक्रमण’ के एक बिलकुल नये रूप जिसका प्रवर्तक शाह वलीउल्ला देहलवी था उसकी ओर भी यह उपन्यास संकेत करता है। इतिहास के अनखुले पृष्ठ खोलने के लिए अपरिमित साहस और श्रम की आवश्यकता होती, मैं दावे के साथ कह सकती हूँ कि ऐसे साहस और श्रम की लेखक अरविंद पथिक में रंच मात्र भी कमी नहीं है। सिर्फ हिंदी साहित्य अपितु प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास की कड़ियों को तलाशने के लिए उत्सुक शोधार्थियों के लिए भी यह उपन्यास सन्दर्भ के नए सूत्र खोलेगा।

About the Author

अरविन्द पथिक – 11 फरवरी, 1972 को शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश में जन्मे अरविंद पथिक के पिता का नाम स्व. चन्द्रमोहन अग्निहोत्री तथा माता का नाम विमला देवी है। अरविंद पथिक की प्रकाशित कृतियाँ हैं- ‘मैं अंगार लिखता हूँ’, ‘अक्षांश अनुभूतियों के’, ‘क्यों लिखूं मैं’? ( कविता-संग्रह), ‘बस थोड़ा आशीष चाहिए’ ( गीत संग्रह), ‘बिस्मिल चरित’ (महाकाव्य), ‘जुगाड़ तकनीक के विविध आयाम’ ( व्यंग्य संग्रह ), ‘अँधेरे कोने / फेसबुक डॉट कॉम’ (उपन्यास) । इनके अतिरिक्त किंडल पर ‘बदलता हुआ सिनेमा’ ‘समीक्षा’ और ‘इतिहास की अनकही कहानियां’ ई-बुक के रूप में प्रकाशित हो चुकी हैं। ‘मैं अंगार लिखता हूँ’ के लिए अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन का ‘साहित्य श्री’ सम्मान तथा ‘बिस्मिल चरित’ के लिए भाऊराव देवरस संस्थान का राष्ट्रीय युवा कवि पुरस्कार प्राप्त कर चुके, अरविंद पथिक को अब तक सौ से भी अधिक सम्मान / पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।

Additional information

Author

Arvind Pathik

ISBN

9789356845633

Pages

528

Format

Hardcover

Language

Hindi

Publisher

Junior Diamond

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https://www.amazon.in/dp/9356845638

Flipkart

https://www.flipkart.com/asabhyata-ka-akraman/p/itm458a4098cf6e7?pid=9789356845633

ISBN 10

9356845638

यह उपन्यास इतिहास नही है पर इतिहास के कई प्रश्नों का उत्तर तलाश करने की कोशिश इस पुस्तक द्वारा की गयी है। सिंध के इतिहास से प्रारम्भ होकर मुगलों के पतन तक की कथा के बहाने ‘असभ्यता का आक्रमण’ के एक बिलकुल नये रूप जिसका प्रवर्तक शाह वलीउल्ला देहलवी था उसकी ओर भी यह उपन्यास संकेत करता है। इतिहास के अनखुले पृष्ठ खोलने के लिए अपरिमित साहस और श्रम की आवश्यकता होती, मैं दावे के साथ कह सकती हूँ कि ऐसे साहस और श्रम की लेखक अरविंद पथिक में रंच मात्र भी कमी नहीं है। सिर्फ हिंदी साहित्य अपितु प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास की कड़ियों को तलाशने के लिए उत्सुक शोधार्थियों के लिए भी यह उपन्यास सन्दर्भ के नए सूत्र खोलेगा।

About the Author

अरविन्द पथिक – 11 फरवरी, 1972 को शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश में जन्मे अरविंद पथिक के पिता का नाम स्व. चन्द्रमोहन अग्निहोत्री तथा माता का नाम विमला देवी है। अरविंद पथिक की प्रकाशित कृतियाँ हैं- ‘मैं अंगार लिखता हूँ’, ‘अक्षांश अनुभूतियों के’, ‘क्यों लिखूं मैं’? ( कविता-संग्रह), ‘बस थोड़ा आशीष चाहिए’ ( गीत संग्रह), ‘बिस्मिल चरित’ (महाकाव्य), ‘जुगाड़ तकनीक के विविध आयाम’ ( व्यंग्य संग्रह ), ‘अँधेरे कोने / फेसबुक डॉट कॉम’ (उपन्यास) । इनके अतिरिक्त किंडल पर ‘बदलता हुआ सिनेमा’ ‘समीक्षा’ और ‘इतिहास की अनकही कहानियां’ ई-बुक के रूप में प्रकाशित हो चुकी हैं। ‘मैं अंगार लिखता हूँ’ के लिए अखिल भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन का ‘साहित्य श्री’ सम्मान तथा ‘बिस्मिल चरित’ के लिए भाऊराव देवरस संस्थान का राष्ट्रीय युवा कवि पुरस्कार प्राप्त कर चुके, अरविंद पथिक को अब तक सौ से भी अधिक सम्मान / पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।