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यह उपन्यास इतिहास नही है पर इतिहास के कई प्रश्नों का उत्तर तलाश करने की कोशिश इस पुस्तक द्वारा की गयी है। सिंध के इतिहास से प्रारम्भ होकर मुगलों के पतन तक की कथा के बहाने ‘असभ्यता का आक्रमण’ के एक बिलकुल नये रूप जिसका प्रवर्तक शाह वलीउल्ला देहलवी था उसकी ओर भी यह उपन्यास संकेत करता है। इतिहास के अनखुले पृष्ठ खोलने के लिए अपरिमित साहस और श्रम की आवश्यकता होती, मैं दावे के साथ कह सकती हूँ कि ऐसे साहस और श्रम की लेखक अरविंद पथिक में रंच मात्र भी कमी नहीं है। सिर्फ हिंदी साहित्य अपितु प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास की कड़ियों को तलाशने के लिए उत्सुक शोधार्थियों के लिए भी यह उपन्यास सन्दर्भ के नए सूत्र खोलेगा।
Author | Arvind Pathik |
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ISBN | 9789356845633 |
Pages | 528 |
Format | Hardcover |
Language | Hindi |
Publisher | Junior Diamond |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/asabhyata-ka-akraman/p/itm458a4098cf6e7?pid=9789356845633 |
ISBN 10 | 9356845638 |
यह उपन्यास इतिहास नही है पर इतिहास के कई प्रश्नों का उत्तर तलाश करने की कोशिश इस पुस्तक द्वारा की गयी है। सिंध के इतिहास से प्रारम्भ होकर मुगलों के पतन तक की कथा के बहाने ‘असभ्यता का आक्रमण’ के एक बिलकुल नये रूप जिसका प्रवर्तक शाह वलीउल्ला देहलवी था उसकी ओर भी यह उपन्यास संकेत करता है। इतिहास के अनखुले पृष्ठ खोलने के लिए अपरिमित साहस और श्रम की आवश्यकता होती, मैं दावे के साथ कह सकती हूँ कि ऐसे साहस और श्रम की लेखक अरविंद पथिक में रंच मात्र भी कमी नहीं है। सिर्फ हिंदी साहित्य अपितु प्राचीन और मध्यकालीन इतिहास की कड़ियों को तलाशने के लिए उत्सुक शोधार्थियों के लिए भी यह उपन्यास सन्दर्भ के नए सूत्र खोलेगा।