Sale!

अष्‍टवक्र महागीता भाग 3 जो है सो है-Ashtavakra Mahageeta Bhag III Jo Hai So Hai

Original price was: ₹300.00.Current price is: ₹299.00.

-0%

In stock

Free shipping On all orders above Rs 600/-

  • We are available 10/5
  • Need help? contact us, Call us on: +91-9716244500
Guaranteed Safe Checkout

यह जनक और अष्टावक्र के बीच जो चर्चा है, यह अद्भुत संवाद है। अष्टावक्र ने कुछ बहुमूल्य बातें कहीं। जनक उन्हीं बातों की प्रतिध्वनि करते हैं। जनक कहते हैं कि ठीक कहा, बिल्कुल ठीक कहा; ऐसा ही मैं अनुभव कर रहा हूं; मैं अपने अनुभव की अभिव्यक्ति देता हूं। इसमें कुछ प्रश्नोत्तर नहीं हैं। एक ही बात को गुरु और शिष्य दोनों कह रहे हैं। एक ही बात को अपने-अपने ढंग से दोनों ने गुनगुनाया है। दोनों के बीच एक गहरा संवाद है। यह संवाद है, यह विवाद नहीं है। कृष्ण और अर्जुन के बीच विवाद है। अर्जुन को संदेह है। वह नयी-नयी शंकाएं उठाता है। चाहे कृष्ण को लगता भी न हो कि तुम गलत कह रहे हो, लेकिन अपर्याप्त रूप से कहे चला जाता है कि अभी मेरा संशय नहीं मिटा। वह एक ही बात मेरा संशय नहीं मिटा, अभी मेरी शंका जिंदा है; तुमने जो कहा वह जंचा नहीं।

ISBN10-8184190026

Ashtavakra Mahageeta Bhag III Jo Hai So Hai (अष्‍टवक्र महागीता भाग 3 जो है सो है)
अष्‍टवक्र महागीता भाग 3 जो है सो है-Ashtavakra Mahageeta Bhag III Jo Hai So Hai
300.00 Original price was: ₹300.00.299.00Current price is: ₹299.00.

अष्टावक्र महागीता भाग 3: जो है सो है” ओशो की एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक पुस्तक है, जो अष्टावक्र और राजा जनक के संवाद पर आधारित है। यह पुस्तक आत्मा की सच्चाई, ध्यान, और स्वीकृति के महत्व पर जोर देती है, और पाठकों को आत्मज्ञान की दिशा में प्रेरित करती है

A Book Is Forever
अष्‍टवक्र महागीता भाग 3 जो है सो है-Ashtavakra Mahageeta Bhag Iii Jo Hai So Hai
Osho Quote
अष्‍टवक्र महागीता भाग 3 जो है सो है-Ashtavakra Mahageeta Bhag Iii Jo Hai So Hai
Osho Quote
अष्‍टवक्र महागीता भाग 3 जो है सो है-Ashtavakra Mahageeta Bhag Iii Jo Hai So Hai
Osho Quote And Books
अष्‍टवक्र महागीता भाग 3 जो है सो है-Ashtavakra Mahageeta Bhag Iii Jo Hai So Hai

About the Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

अष्टावक्र महागीता भाग 3: जो है सो है” किसने लिखी है?

यह पुस्तक ओशो द्वारा लिखी गई है, जिसमें उन्होंने अष्टावक्र गीता के गहन श्लोकों की व्याख्या की है। इसमें जीवन की सच्चाई और आत्मज्ञान को सरल और स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया गया है

जो है सो है” का क्या अर्थ है?

जो है सो है” का अर्थ है जीवन को जैसा है, वैसे ही स्वीकार करना। ओशो बताते हैं कि जब हम जीवन की सच्चाइयों को स्वीकार करते हैं, तभी हम ध्यान और आत्मज्ञान की ओर बढ़ सकते हैं। यह स्वीकृति शांति और मुक्ति की कुंजी है।

अष्टावक्र और राजा जनक का संवाद क्या सिखाता है?

अष्टावक्र और राजा जनक का संवाद जीवन के गहरे आध्यात्मिक सत्य को उजागर करता है। यह संवाद आत्मा की वास्तविकता, ध्यान, और माया के बंधनों से मुक्ति पाने का मार्ग बताता है

ओशो की व्याख्या में क्या खास है?

ओशो की व्याख्या सरल, स्पष्ट, और गहन है। उन्होंने ध्यान और आत्मनिरीक्षण के माध्यम से जीवन की सच्चाइयों को समझाया है। उनका दृष्टिकोण हर व्यक्ति के लिए सुलभ है और जीवन को गहराई से समझने के लिए प्रेरित करता है।

अष्टावक्र गीता का अध्ययन क्यों करें?

अष्टावक्र गीता का अध्ययन आत्मा की सच्चाई और माया के बंधनों से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण है। यह पुस्तक आत्मज्ञान की दिशा में प्रेरित करती है और जीवन की गहन सच्चाइयों को समझने का मार्ग दिखाती है।

Additional information

Weight 428 g
Dimensions 19.8 × 12.97 × 0.2 cm
Author

Osho

ISBN

8184190026

Pages

328

Format

Hard Bound

Language

Hindi

Publisher

Fusion Books

ISBN 10

8184190026