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आजादी के 75 शौर्य प्रसंग (Azadi Ke 75 Shourya Prasnag) by बी.जे. राष्ट्रभाषा -भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के 75 साहसिक और प्रेरणादायक प्रसंगों का संकलन है। यह पुस्तक उन महान योद्धाओं, स्वतंत्रता सेनानियों और वीर नारियों के जीवन और संघर्षों पर प्रकाश डालती है, जिन्होंने अपने साहस और बलिदान से भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारत के स्वतंत्रता संग्राम की यात्रा में कई ऐसे वीर योद्धा थे, जो कभी इतिहास के पन्नों में खो गए थे। यह पुस्तक उन गुमनाम नायकों की कहानियाँ सामने लाती है, जिनके अद्वितीय साहस और बलिदान ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसमें भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, सुभाष चंद्र बोस जैसे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ अनजान वीरों की भी कहानियाँ शामिल हैं, जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
आजादी के 75 शौर्य प्रसंग भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के गौरवमयी इतिहास को समर्पित है और इसे पढ़कर पाठक उन वीर योद्धाओं की जीवन गाथाओं से प्रेरित होंगे, जिन्होंने हमें स्वतंत्रता का वरदान दिया।
पुस्तक का परिचय (Introduction to the Book):
आजादी के 75 शौर्य प्रसंग एक ऐतिहासिक संग्रह है, जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान घटित 75 वीरता और साहसिक प्रसंगों को संकलित किया गया है। यह पुस्तक उन बहादुर नायकों की कहानियाँ प्रस्तुत करती है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना भारत को आजाद कराने के लिए संघर्ष किया।
भारत के नायकों को सम्मान (Honoring India’s Heroes):
इस पुस्तक में केवल भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों का ही नहीं, बल्कि उन गुमनाम वीरों का भी सम्मान किया गया है, जिनका नाम इतिहास के पन्नों में खो गया था। यह उन सभी का आदर करती है, जिन्होंने अपने साहस से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को प्रेरित किया।
बलिदान और वीरता की कहानियाँ (Inspiring Tales of Sacrifice and Bravery):
इस संग्रह की प्रत्येक कहानी उन वीर योद्धाओं की असाधारण वीरता और बलिदान की दास्तान है, जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए सब कुछ दांव पर लगाया। यह कहानियाँ पाठकों को वीरता और देशभक्ति की भावना से प्रेरित करती हैं।
स्वतंत्रता संग्राम की अनकही कहानियाँ (Untold Stories of the Freedom Struggle):
कई नायकों की कहानियाँ, जो समय के साथ खो गई थीं, इस पुस्तक के माध्यम से फिर से जीवित होती हैं। यह पुस्तक न केवल महान स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियाँ बताती है, बल्कि उन अनसुने नायकों की भी चर्चा करती है, जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई।
आजादी के 75 वर्ष: एक श्रद्धांजलि (Celebrating 75 Years of Independence):
यह पुस्तक आजादी के 75 साल पूरे होने पर उन नायकों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। यह न केवल एक ऐतिहासिक दस्तावेज है, बल्कि भारत की स्वतंत्रता के लिए किए गए बलिदानों की याद दिलाने वाली प्रेरणादायक कृति है।
पाठकों के लिए प्रेरणा (Inspiration for Readers):
आजादी के 75 शौर्य प्रसंग न केवल एक ऐतिहासिक पुस्तक है, बल्कि यह पाठकों को प्रेरणा भी देती है। इसमें दिए गए साहस और बलिदान के किस्से आज के युवाओं को उनके कर्तव्यों और देशभक्ति के प्रति जागरूक करते हैं।
यह पुस्तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान घटित 75 वीरता और साहसिक प्रसंगों का संकलन है। इसमें उन योद्धाओं की गाथाएँ हैं जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी और भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान किया।
आजादी के 75 शौर्य प्रसंग इतिहास प्रेमियों, छात्रों, और उन लोगों के लिए है जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणादायक कहानियों को जानना और समझना चाहते हैं। यह पुस्तक भारतीय इतिहास और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को गहराई से जानने का अवसर प्रदान करती है।
यह पुस्तक 75 स्वतंत्रता सेनानियों के शौर्य और साहसिक कार्यों का वर्णन करती है, जिनमें प्रसिद्ध और गुमनाम दोनों ही नायक शामिल हैं। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष और बलिदान की अद्वितीय कहानियाँ प्रस्तुत करती है।
यह पुस्तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण घटनाओं और नायकों पर प्रकाश डालती है, जो पाठकों को आजादी के संघर्ष के इतिहास से परिचित कराती है। यह आजादी के 75 वर्षों को समर्पित एक प्रेरणादायक संग्रह है।
हां, आजादी के 75 शौर्य प्रसंग छात्रों और शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक संसाधन है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों और वीर योद्धाओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
एम.कॉम, एम.ए., एल.एल.बी., पीएच.डी. बी.जे. राष्ट्रभाषा रत्न। कई व्यंग्य लेख संग्रह प्रकाशित। अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित, व्यंग्य पत्रिकाओं में नियमित कॉलम, चर्चित पत्रिका, खनन भारती के पूर्व सम्पादक, शोध लेख भी प्रकाशित।
भारत सरकार के दूरसंचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, दिल्ली एवं महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के पूर्व हिन्दी सलाहकार।
‘आजादी के शौर्य प्रसंग’ ब्रिटिश शासन की क्रूरता, अत्याचार व अमानवीय यातनाओं के खुले दस्तावेज हैं। ब्रिटिश लेखकों व पत्रकारों ने स्वयं इन जघन्य अपराधों का गौरवपूर्ण बखान किया है। वे कहते हैं कि ‘काले हिन्दुस्तानियों को जलाने में हमें अद्भुत आनन्द होता था।’
प्रस्तुत पुस्तक में इन्हीं वीरों के अनोखे बलिदानी प्रसंग हैं। इन्हें सदा स्मरण रखने की आवश्यकता है। नई पीढ़ी को बताना आवश्यक है कि आजादी बिना कवच-बिना ढाल नहीं मिली है। अंग्रेजों के आगमन से ही उनके विरुद्ध सशस्त्र विद्रोह की एक अखण्ड परम्परा रही है। बंगाल के सैनिक विद्रोह, संन्यासी विद्रोह, संथाल विद्रोह आदि विद्रोहों की परिणति सन् सत्तावन के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के रूप में हुई।
Weight | 0.15 g |
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Dimensions | 21.59 × 13.97 × 1.4 cm |
Author | Dr. Rajendra Patodia |
ISBN | 9789355992390 |
Pages | 96 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/azadi-ke-75-shourya-prasnag/p/itm8b4d938b1ed3a?pid=9789355992390 |
ISBN 10 | 9355992394 |
ISBN 10 {Asin} – 9355992394
ISBN10-9355992394
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