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बच्चों की इन सदाबहार कहानियों की एक विशेषता यह भी है कि इन्हें पढ़कर मन में उम्मीद के नन्हे नन्हे दीये टिमटिमाने लगते हैं। वैसे भी कहानी है, तो उजाला भी है। इसलिए कि कहानी अँधेरे में रास्ता टटोलने का ही दूसरा नाम है। और जब एक बार मन में उजाला भर जाता है तो वह हमारे जरिए बहुतों तक पहुँचता है। तब हमारी यह दुनिया भी जाने-अनजाने थोड़ी सी तो जरूर उजली हो जाती होगी।
उम्मीद है, ये मीठी-मीठी, सदाबहार कहानियाँ पढ़कर बच्चे अपनी प्यारी सी नन्ही-मुन्नी चिट्ठी जरूर लिखेंगे। मुझे बड़ी उत्सुकता से उसका इंतजार रहेगा।
Author | Prakash Manu |
---|---|
ISBN | 9789359200156 |
Pages | 242 |
Format | Hardcover |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/bachchon-ki-sadabahaar-kahaniyan/p/itm15e668a459b49?pid=9789359200156 |
ISBN 10 | 9359200158 |
बच्चों की इन सदाबहार कहानियों की एक विशेषता यह भी है कि इन्हें पढ़कर मन में उम्मीद के नन्हे नन्हे दीये टिमटिमाने लगते हैं। वैसे भी कहानी है, तो उजाला भी है। इसलिए कि कहानी अँधेरे में रास्ता टटोलने का ही दूसरा नाम है। और जब एक बार मन में उजाला भर जाता है तो वह हमारे जरिए बहुतों तक पहुँचता है। तब हमारी यह दुनिया भी जाने-अनजाने थोड़ी सी तो जरूर उजली हो जाती होगी।
उम्मीद है, ये मीठी-मीठी, सदाबहार कहानियाँ पढ़कर बच्चे अपनी प्यारी सी नन्ही-मुन्नी चिट्ठी जरूर लिखेंगे। मुझे बड़ी उत्सुकता से उसका इंतजार रहेगा।
ISBN10-9359200158