किताब के बारे में
बड़ी बेगम’ आचार्य चतुरसेन का चर्चित कहानी संग्रह है जिसमें मुगल काल के इतिहास की झलक देखने को मिलती है। इस कहानी संग्रह में उस दौर की राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक धारणा को भी पाठकगण महसूस कर पायेंगे। इस संग्रह की कहानियों को पढ़ते हुए पाठकों को उस समय की विभिन्न सामाजिक संरचना, चाहे वे धार्मिक हो या सामाजिक, वर्णीय और वर्गीय राजाओं का पाखण्ड हो या वीरता, उच्च बलिदान हो या नीचता, उन तमाम बिन्दुओं को लेखक ने रेखांकित किया है जिनसे समाज प्रभावित होता है।यही नहीं लेखक दुनियाभर की जानकारी भी रखता है। इस संदर्भ को समझने के लिए उनकी एक कहानी ‘जार की अत्त्योष्टि’ भी महत्त्वपूर्ण है। सच्चा गहना, अपराजित, आत्मदान जैसी कालजयी कहानियों ने इस संग्रह को महत्त्वपूर्ण बना दिया है।
लेखक के बारे में
आचार्य चतुरसेन जी साहित्य की किसी एक विशिष्ट विधा तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने किशोरावस्था में कहानी और गीतिकाव्य लिखना शुरू किया, बाद में उनका साहित्य-क्षितिज फैला और वे जीवनी, संस्मरण, इतिहास, उपन्यास, नाटक तथा धार्मिक विषयों पर लिखने लगे।शास्त्रीजी साहित्यकार ही नहीं बल्कि एक कुशल चिकित्सक आचाय चतुरसन भी थे। वैद्य होने पर भी उनकी साहित्य-सर्जन में गहरी रुचि थी। उन्होंने राजनीति, धर्मशास्त्र, समाजशास्त्र, इतिहास और युगबोध जैसे विभिन्न विषयों पर लिखा। ‘वैशाली की नगरवधू’, ‘वयं रक्षाम’ और ‘सोमनाथ’, ‘गोली’, ‘सोना औरखून’ (तीन खंड), ‘रत्तफ की प्यास’, ‘हृदय की प्यास’, ‘अमर अभिलाषा’, ‘नरमेघ’, ‘अपराजिता’, ‘धर्मपुत्र’ सबसे ज्यादा चर्चित कृतियाँ हैं।
बड़ी बेगम उपन्यास किसकी रचना है ?
बड़ी बेगम हिन्दी भाषा के महान उपन्यासकार आचार्य चतुरसेन शास्त्री की रचना है।
आचार्य चतुरसेन जी की मुख्य उपन्यास कौन-कौन से है?
उनकी बहुप्रशंसित एवं क्लासिक स्तर की रचनाओं में वैशाली की नगरवधू’, ‘वयं रक्षामः’, ‘सोना और खून’, ‘गोली’, ‘सोमनाथ’, ‘आरोग्य शास्त्र’ आदि प्रमुख हैं।
बड़ी बेगम किस प्रकार का उपन्यास है?
बड़ी बेगम’ आचार्य चतुरसेन का चर्चित कहानी संग्रह है जिसमें मुगल काल के इतिहास की झलक देखने को मिलती है।
बड़ी बेगम उपन्यास के माध्यम से कौन-कौन से बिन्दुओं को लेखक ने रेखांकित किया है
आचार्य चतुरसेन जी ने सामाजिक संरचना, चाहे वे धार्मिक हो या सामाजिक, वर्णीय और वर्गीय राजाओं का पाखण्ड हो या वीरता, उच्च बलिदान हो या नीचता, उन तमाम बिन्दुओं को रेखांकित किया है जिनसे समाज प्रभावित होता है।
आचार्य चतुरसेन जी ने उपन्यास में किन मुद्दों को उजागर किया है ?
इस कहानी संग्रह में मुगल काल के इतिहास की राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक धारणा, शाही जीवन और सामाजिक मुद्दों को गहराई से दर्शाया है ।