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किताब के बारे में
बालिकाओं की मनभावन कहानियां पुस्तक में ऐसी बहुत सारी रंग-बिरंगी, मनमोहक कहानियाँ हैं, जिनमें नन्ही, नटखट बालिकाओं की चुलबुली हँसी है तो मीठी मुस्कानें भी, जो हर किसी को मोह लेती हैं। और ऐसी चंचल शरारतें तो हैं ही, जिन्हें देखकर मम्मी-पापा, दीदी सब हँस पड़ते हैं। ऐसे में उनके भीतर भी एक मीठी गुदगुदी तो जरूर ही होती होगी। पर साथ ही इनमें बालिकाओं की छोटी-बड़ी उलझनें, समस्याएँ और परेशानियाँ भी हैं, जिन्हें वे किसी से कह नहीं पातीं। ये कहानियाँ नन्ही, नटखट बालिकाओं की उन उलझनों और समस्याओं की तह तक भी जाती हैं, और बड़े ही प्यार से उन्हें सुलझा देती हैं। साथ ही उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की राह भी सुझाती हैं।बालिकाओं की मनभावन कहानियां बालिकाओं को प्रेरित करती है कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयासरत रहें और आत्मविश्वास के साथ जीवन जीएं। यह पुस्तक बाल साहित्य का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो बच्चों के मानसिक और नैतिक विकास में सहायक है। बालिकाओं की मनभावन कहानियां बालिकाओं के लिए विशेष रूप से लिखी गई कहानियों का संग्रह है। ये कहानियां न केवल मनोरंजन करती हैं बल्कि बच्चों को नैतिकता, आत्मविश्वास और जीवन की महत्वपूर्ण सीख भी प्रदान करती हैं।बालिकाओं की मनभावन कहानियां एक ऐसा संग्रह है जो बालिकाओं को प्रेरित करने और उनका मनोरंजन करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस पुस्तक में कहानियां न केवल रोचक हैं, बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण पाठ भी सिखाती हैं।
लेखक के बारे में
प्रकाश मनु – सुप्रसिद्ध साहित्यकार, संपादक और बच्चों के प्रिय लेखक । मूल नाम : चंद्रप्रकाश विग ।
जन्म : 12 मई, 1950 को शिकोहाबाद, उत्तर प्रदेश में।शिक्षा : आगरा कॉलेज, आगरा से भौतिक विज्ञान में एम.एस-सी. (1973)। फिर साहित्यिक रुझान के कारण जीवन का सारा ताना-बाना ही बदल गया। पूरा जीवन लिखने-पढ़ने के लिए समर्पित करने का निश्चय। लगभग ढाई दशकों तक बच्चों की लोकप्रिय पत्रिका ‘नंदन’ के संपादन से जुड़े रहे। अब स्वतंत्र लेखन प्रसिद्ध साहित्यकारों के संस्मरण, आत्मकथा तथा बाल साहित्य से जुड़ी कुछ बड़ी योजनाओं पर काम कर रहे हैं। मनु जी के ‘यह जो दिल्ली है’, ‘कथा सर्कस’ और ‘पापा के जाने के बाद’ उपन्यास बहुत चर्चित हुए। ‘अंकल को विश नहीं करोगे’, ‘अरुंधती उदास है’, ‘मिसेज मजूमदार’, ’21 श्रेष्ठ कहानियाँ’, ‘तुम याद आओगे लीलाराम’ और ‘प्रकाश मनु की लोकप्रिय कहानियाँ’ समेत कोई डेढ़ दर्जन संग्रह ‘एक और प्रार्थना’ और ‘छूटता हुआ घर’ कविता संकलन खासे सराहे गए। ‘मेरी आत्मकथा : रास्ते और पगडंडियाँ’, ‘मैं मनु’, ‘यादें घर-आँगन की’ तथा ‘मैं और मेरी जीवन कहानी’ में लेखक होने की रोमांचक कथा ।बाल साहित्य का पर्याय कहे जाने वाले प्रकाश मनु जी की बच्चों के लिए विभिन्न विधाओं की डेढ़ सौ से अधिक रुचिकर पुस्तकें हैं, जिन्हें बच्चे ही नहीं, बड़े भी ढूँढ़- ढूँढ़कर पढ़ते हैं। इनमें प्रमुख हैं- प्रकाश मनु की चुनिंदा बाल कहानियाँ, मेरे मन की बाल कहानियाँ, धमाल – पंपाल के जूते, एक स्कूल मोरों वाला, खुशी का जन्मदिन, मैं जीत गया पापा, मातुंगा जंगल की अचरज भरी कहानियाँ, मेरी प्रिय बाल कहानियाँ, बच्चों की 51 हास्य कथाएँ, गंगा दादी जिंदाबाद, किस्सा एक मोटी परी का, चश्मे वाले मास्टर जी (कहानियाँ), प्रकाश मनु के संपूर्ण बाल उपन्यास (दो खंड), गोलू भागा घर से, एक था ठुनदुनिया, चीनू का चिड़ियाघर, नन्ही गोगो के कारनामे, पुंपू और पुनपुन, नटखट कुप्पू के अजब-अनोखे कारनामे, खजाने वाली चिड़िया (उपन्यास), मेरी संपूर्ण बाल कविताएँ, प्रकाश मनु की 100 श्रेष्ठ बाल कविताएँ, बच्चों की एक सौ एक कविताएँ, मेरी प्रिय बाल कविताएँ, मेरे प्रिय शिशुगीत(कविताएँ), प्रकाश मनु के श्रेष्ठ बाल नाटक, मुनमुन का छुट्टी क्लब, बच्चों के अनोखे हास्य नाटक, बच्चों के रंग-रंगीले नाटक ( बाल नाटक ), विज्ञान फंतासी कथाएँ, अजब अनोखी विज्ञान कथाएँ, अद्भुत कहानियाँ ज्ञान-विज्ञान की (बाल विज्ञान साहित्य )।हिंदी में बाल साहित्य का पहला बृहत् इतिहास ‘हिंदी बाल साहित्य का इतिहास’ लिखा। इसके अलावा ‘हिंदी बाल कविता का इतिहास’, ‘हिंदी बाल साहित्य के शिखर व्यक्तित्व’, ‘हिंदी बाल साहित्य के निर्माता’ और ‘हिंदी बाल साहित्य : नई चुनौतियाँ और संभावनाएँ’ पुस्तकें भी हैं। कई पुस्तकों का पंजाबी, सिंधी, मराठी, गुजराती, कन्नड़ समेत अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद |पुरस्कार : बाल उपन्यास ‘एक था ठुनठुनिया’ पर साहित्य अकादेमी का पहला बाल साहित्य पुरस्कार। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के ‘बाल साहित्य भारती’ पुरस्कार और हिंदी अकादमी के ‘साहित्यकार सम्मान’ से सम्मानित । कविता-संग्रह ‘छूटता हुआ घर’ पर प्रथम गिरिजाकुमार माथुर स्मृति पुरस्कार |
यह कहानियां न केवल मनोरंजन करती हैं बल्कि बच्चों को नैतिकता, आत्मविश्वास और जीवन की महत्वपूर्ण सीख भी प्रदान करती हैं।
कहानियाँ हमें आकार देती हैं कि हम कौन हैं, हम दूसरों से कैसे संबंध रखते हैं, और हम दुनिया को कैसे समझते हैं ।कहानियां नए विचारों को अपनाने में मदद कर सकती हैं
कहानियाँ हमारे जीवन में बहुत से उद्देश्यों की पूर्ति करती हैं। कहानियाँ सिर्फ़ पढ़ने या सुनने से कहीं ज़्यादा मायने रखती हैं। वे संज्ञानात्मक, सामाजिक और भावनात्मक विकास में सहायक होती हैं। साक्षरता की शुरुआत उन कहानियों से होती है जो दूसरे हमें बताते हैं या हम खुद को बताते हैं।
बालिकाओं की मनभावन कहानियाँ मनोरंजन और आनंद का स्रोत हैं, इसलिए मस्तिष्क को प्रभावित भी करती हैं यह हमारी संज्ञानात्मक क्षमताओं को सक्रिय करती हैं और हमें आलोचनात्मक सोच कौशल विकसित करने में मदद करती हैं।
जब बच्चे कहानियाँ सुनते हैं, तो उन्हें अलग-अलग तरह के लोगों, जगहों और घटनाओं से परिचित कराया जाता है। कहानियाँ सुनाने से संभावनाओं की एक पूरी नई दुनिया खुल सकती है, जिससे बच्चों को पता चलता है कि अगर वे बड़े सपने देखें तो कुछ भी संभव है।
Weight | 0.175 g |
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Dimensions | 21.59 × 13.97 × 1.5 cm |
Author | Prakash Manu |
Pages | 224 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
बालिकाओं की मनभावन कहानियां एक ऐसा संग्रह है जो बालिकाओं को प्रेरित करने और उनका मनोरंजन करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस पुस्तक में कहानियां न केवल रोचक हैं, बल्कि जीवन के महत्वपूर्ण पाठ भी सिखाती हैं। कहानियों में नैतिकता, साहस, आत्मविश्वास और दोस्ती जैसे विषयों को खूबसूरती से पिरोया गया है। यह संग्रह विशेष रूप से बालिकाओं के लिए लिखा गया है, लेकिन यह सभी बच्चों के लिए भी उपयुक्त है।हर कहानी बाल मन को आकर्षित करती है और उन्हें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करती है। इस पुस्तक में सरल भाषा का प्रयोग किया गया है ताकि बच्चे इसे आसानी से समझ सकें। माता-पिता और शिक्षक भी इसे बच्चों को पढ़ने के लिए सुझा सकते हैं। “बालिकाओं की मनभावन कहानियां” बच्चों के चरित्र निर्माण और नैतिक विकास के लिए एक उत्कृष्ट पुस्तक है।
ISBN10-: 9363182991
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