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अगर हम हिंदी पट्टी की बात करें तो बलोचिस्तान के बारे में न के बराबर साहित्य मिलेगा। कैलाश नाथ मिश्रा द्वारा सम्पादित यह किताब आपको महत्वपूर्ण ब्यौरा देगी जो आपकी समझ को बलोचिस्तान के दृष्टिकोण से विकसित करेगी। समकालीन दृष्टी से भी इस किताब की प्रासंगिकता बढ़ जाती है जो की युद्ध के विषय में भारत को भी जागरूक करेगी।
यह दुर्भाग्य की बात है कि हमारे राजनीतिज्ञ, प्रशासक, बुद्धिजीवी एवं मीडिया के कर्ताधर्ता इस महत्त्वपूर्ण क्षेत्र की इस तरह अनदेखी कर रहे हैं। बलोचिस्तान के बारे में अपने यहां प्रकाशन न के बराबर है, हिन्दी में तो बिल्कुल ही नहीं। प्रस्तुत पुस्तक इस दिशा में, इस महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में, जनमानस में रुचि एवं उत्सुकता जगाने का एक छोटा-सा प्रयास है।
ISBN10-9359643955
Books, Diamond Books, Self Help