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आधुनिक ग़ज़ल का पर्याय बन चुके बशीर बद्र आज के बेहद लोकप्रिय और सम्मानित शायर हैं। जब समकालीन ग़ज़ल की बात चलती है तो बशीर बद्र का नाम अनायास ही होठों पर आ जाता है और फिर याद आने लगते हैं उनके वे कालजयी शे’र, जो हिन्दी-उर्दू बोलने वाले आम लोगों की बातचीत का हिस्सा बन चुके हैं। बशीर बद्र ने अब तक पांच सौ से अधिक ग़ज़लों की रचना की है। जिनमें से एक बड़ी संख्या उन ग़ज़लों की है, जो ग़ज़ल के विकास में एक नया अध्याय जोड़ती हैं। ‘उजालों की परियां’ के बाद ‘धूप का चेहरा’ उनकी उत्कृष्ट ग़ज़लों का ऐसा संकलन है, जो आम पाठक को अपनी अनुभूतियों का आइना महसूस

होगा। सुरेश कुमार

Additional information

Author

Rajesh Tiwari

ISBN

9790000000000

Pages

184

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128812491

आधुनिक ग़ज़ल का पर्याय बन चुके बशीर बद्र आज के बेहद लोकप्रिय और सम्मानित शायर हैं। जब समकालीन ग़ज़ल की बात चलती है तो बशीर बद्र का नाम अनायास ही होठों पर आ जाता है और फिर याद आने लगते हैं उनके वे कालजयी शे’र, जो हिन्दी-उर्दू बोलने वाले आम लोगों की बातचीत का हिस्सा बन चुके हैं। बशीर बद्र ने अब तक पांच सौ से अधिक ग़ज़लों की रचना की है। जिनमें से एक बड़ी संख्या उन ग़ज़लों की है, जो ग़ज़ल के विकास में एक नया अध्याय जोड़ती हैं। ‘उजालों की परियां’ के बाद ‘धूप का चेहरा’ उनकी उत्कृष्ट ग़ज़लों का ऐसा संकलन है, जो आम पाठक को अपनी अनुभूतियों का आइना महसूस

होगा। सुरेश कुमार

ISBN10-8128812491

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