भारत के समकालीन, राजनीति में आंतरिक एवं बाह्य दोनों क्षेत्रों में सर्वाधिक महत्व है। सौभाग्य से ई. 1979 में विदेश मंत्री स्व. बाजपेयी की बीजिंग यात्रा के बाद दोनों देशों के संबंधों में उत्तरोत्तर सुधार हुआ है। र्दुभाग्य से भारतीय जन मानस में चीन की एक नकारात्मक छवि जो सत्य से अधिक भ्रामक पर आधारित है। इस पुस्तक में उस भ्रमजाल के पार जाकर देखने का निष्पक्ष प्रयास है।
पुस्तक में उन परिस्थितियों एवं कारणों का विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है कि 1954 का हिन्दी चीनी एक भाई-भाई त्रासद युद्ध में क्यों बदल गया? यह भी स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिस्थितियों वास्तविकताओं और राष्ट्रहित में हमारी राह क्या हो? चीन के साथ व्यापारिक असंतुलन के क्या कारण है? चीन पाकिस्तान का बढ़ता संबंध क्या भारत की कीमत पर है? क्या यदि हम सकारात्मक जन मत तैयार करें तो सीमा समस्या का भी स्थाई समाधान संभव है?
Bharat-Cheen : Naye Rishte, Nayi Raahen (भारत-चीन: नए रिश्ते, नई राहें)
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भारत के समकालीन, राजनीति में आंतरिक एवं बाह्य दोनों क्षेत्रों में सर्वाधिक महत्व है। सौभाग्य से ई. 1979 में विदेश मंत्री स्व. बाजपेयी की बीजिंग यात्रा के बाद दोनों देशों के संबंधों में उत्तरोत्तर सुधार हुआ है। र्दुभाग्य से भारतीय जन मानस में चीन की एक नकारात्मक छवि जो सत्य से अधिक भ्रामक पर आधारित है। इस पुस्तक में उस भ्रमजाल के पार जाकर देखने का निष्पक्ष प्रयास है।
पुस्तक में उन परिस्थितियों एवं कारणों का विश्लेषण करने का प्रयास किया गया है कि 1954 का हिन्दी चीनी एक भाई-भाई त्रासद युद्ध में क्यों बदल गया? यह भी स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान भू-राजनीतिक परिस्थितियों वास्तविकताओं और राष्ट्रहित में हमारी राह क्या हो? चीन के साथ व्यापारिक असंतुलन के क्या कारण है? चीन पाकिस्तान का बढ़ता संबंध क्या भारत की कीमत पर है? क्या यदि हम सकारात्मक जन मत तैयार करें तो सीमा समस्या का भी स्थाई समाधान संभव है?
About the Author
Additional information
Author | Vishwamohan |
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ISBN | 9789356842489 |
Pages | 48 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/bharat-cheen-naye-rishte-nayi-raahen/p/itmb4fbf0009da63?pid=9789356842489 |
ISBN 10 | 9356842485 |