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भारत एक अमृत-पथ” ओशो द्वारा भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर पर लिखी गई एक गहन पुस्तक है। इसमें भारत को न केवल एक भौगोलिक राष्ट्र के रूप में, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा के प्रतीक के रूप में चित्रित किया गया है। ओशो ने भारत की प्राचीन धरोहर, ऋषि-मुनियों की परंपरा, ध्यान और योग के मार्गों को विस्तार से समझाया है। उनके अनुसार, भारत अमृत यानी आत्मज्ञान और मुक्ति की यात्रा का मार्ग है, जहां ध्यान और साधना से व्यक्ति अपनी सच्ची पहचान को प्राप्त कर सकता है।
ओशो का दृष्टिकोण: ओशो भारत को केवल एक देश नहीं, बल्कि एक ऐसी आध्यात्मिक धारा मानते हैं, जिसने सदियों से दुनिया को ज्ञान, ध्यान और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है। उनके अनुसार, भारत की शक्ति उसकी ध्यान और आत्म-खोज की परंपरा में निहित है, जिसे समझकर व्यक्ति अपने भीतर के अमृत को प्राप्त कर सकता है
ओशो (1931-1990) एक प्रख्यात भारतीय आध्यात्मिक गुरु और विचारक थे, जिन्होंने ध्यान, भक्ति, और जीवन के गहरे प्रश्नों पर अपने अनूठे दृष्टिकोण से दुनिया भर के लोगों को प्रभावित किया। उनका असली नाम रजनीश चंद्र मोहन जैन था। ओशो ने पारंपरिक धार्मिक मान्यताओं पर सवाल उठाया और ध्यान तथा आत्म-ज्ञान के माध्यम से व्यक्तिगत मुक्ति पर जोर दिया। उन्होंने सैकड़ों प्रवचन दिए और कई पुस्तकें लिखीं, जिनमें “भारत एक अमृत-पथ” जैसी कृतियाँ शामिल हैं। ओशो की शिक्षाएँ स्वतंत्रता, प्रेम, और ध्यान की ओर प्रेरित करती हैं, और उनका प्रभाव आज भी गहरा और व्यापक है।
ओशो ने भारत को एक आध्यात्मिक यात्रा और ध्यान की भूमि के रूप में परिभाषित किया है, जहां आत्मज्ञान और मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
ओशो के अनुसार, भारत आत्मज्ञान और ध्यान का मार्ग है, जो व्यक्ति को अमृत यानी मुक्ति की ओर ले जाता है
हां, इस पुस्तक में स्वतंत्रता संग्राम, भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और उनके योगदान का भी विस्तृत वर्णन किया गया है।
यह पुस्तक आज के भारत के विकास के लिए दिशा और प्रेरणा प्रदान करती है, और पाठकों को राष्ट्र के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रेरित करती है।
हां, पुस्तक में भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिकता का महत्व और उसका जीवन में उपयोग पर गहराई से प्रकाश डाला गया है।
Weight | 580 g |
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Dimensions | 19.8 × 12.9 × 0.4 cm |
Author | Osho |
ISBN | 9789352618118 |
Pages | 304 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 9352618114 |
भारत एक अमृत-पथ “उस सत्य को, जो हमारे हृदय की धड़कन-धड़कन में बसा है। उस सत्य को, जो हमारी चेतना की तहों में सोया है। वह जो हमारा होकर भी हमें भूल गया है। उसका पुनर्स्मरण, उसकी पुनरुद्घोषणा भारत है।” — ओशो “जैसा ओशो ने भारत को समझा है ऐसा कोई भी नहीं समझा है। यह समझ बहुत तललों पर है: दार्शनिक, ऐतिहासिक, शुद्ध भावनात्मक— और यहां तक कि राजनीतिक और सामाजिक, स्वतंत्र और आध्यात्मिक। ओशो की समझ सर्वग्राही है। एक ऐसी समझ जो शब्दों के पार जाती है— सच्चे प्रेम के अज्ञात लोक में। क्योंकि ओशो की सभी धारणाओं का आध्यात्मिक केंद्र था प्रेम। यही उनका परम संदेश था जो उन्होंने हमारे लिए छोड़ा। जीवन की प्रेम के माध्यम से खोज, अनुभव और रसास्वादन। यह पुस्तक हमें उस प्रेम के दिशासूचक प्रदान करती है।” — प्रीतीश नंदी ओशो ISBN10-9352618114
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