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Bharat Ke Mahan Rishi Vegyanik (भारत के महान ऋषि वैज्ञानिक)

Original price was: ₹250.00.Current price is: ₹249.00.

‘भारत के महान ऋषि वैज्ञानिक’ पुस्तक भारत के गौरवशाली, कर्मशील और वैज्ञानिक अतीत पर प्रकाश डालने वाला एक महत्वपूर्ण और शोधपरक ग्रंथ है। भारत के ऋषि वास्तव में उस समय के वैज्ञानिक ही हुआ करते थे जिनका चिंतन पूर्णतया मानवीय होता था। उनकी वैज्ञानिक सोच सारे समाज को साथ लेकर चलने की होती थी और कहीं पर भी किसी भी प्रकार का अन्याय अत्याचार ना होने पाए, इसके लिए वह समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते रहते थे।
हमारे पूर्वजों की सकारात्मकता उनकी वैज्ञानिकता के साथ समन्वित होती थी और उनकी वैज्ञानिकता वैदिक सिद्धांतों और मान्यताओं पर आधारित होती थी। वेद संपूर्ण मानवता के लिए सृष्टि प्रारंभ में ईश्वर द्वारा प्रदान किए गए थे। इनकी शिक्षाएं मनुष्य मात्र के लिए हैं। मनुष्य समाज की विध्वंसात्मक शक्तियों के विनाश के लिए राज्यसत्ता की खोज की गई। जिन्हें सृजनात्मकता में लीन रहने वाली ब्रह्म शक्ति के प्रतिनिधि के रूप में हमारे ऋषि, मुनि – महात्मा लोग अपने मार्गदर्शन में संचालित करते थे। भारत का गौरवशाली इतिहास इन्हीं सर्जनात्मक शक्तियों के प्रतिनिधि ऋषि महात्माओं समाज सुधारकों, राजा महाराजाओं का इतिहास है।
‘भारत को समझो’ अभियान के अंतर्गत भारत के युवाओं को जागृत करने का काम करने वाले इस पुस्तक के विद्वान लेखक डॉ. राकेश कुमार आर्य का जन्म 17 जुलाई 1967 को उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर ( तत्कालीन बुलंदशहर) जनपद के महावड़ नामक ग्राम में हुआ। डॉ. आर्य की अब तक 70 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी प्रत्येक पुस्तक में भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का गुणगान होता है। उनके लेखन के इस विशिष्ट गुण से यह पुस्तक भी अछूती नहीं है।
डॉ. आर्य ने इस पुस्तक में भारत के ऐसे 50 वैज्ञानिक ऋषि महात्माओं और समाज सुधारकों को स्थान दिया है जिनके दिव्य और सृजनात्मक चिंतन का लाभ समकालीन इतिहास में मानवता को प्राप्त हुआ। डॉक्टर आर्य विश्व गुरु भारत के उपासक हैं और इसी दिशा में प्रस्तुत पुस्तक का लेखन कर इसे आज की युवा पीढ़ी को उन्होंने सौंपा है। निश्चय ही इस दिशा में पुस्तक युवा पीढ़ी के लिए एक ज्योति स्तंभ का कार्य करेगी। जिसके दिव्य प्रकाश से प्रकाशित हो हमारी युवा पीढ़ी भारत के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकने में सफल होगी।

Additional information

Author

Dr. Rakesh Kumar Arya

ISBN

9789356847965

Pages

108

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Junior Diamond

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https://www.amazon.in/dp/9356847967

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ISBN 10

9356847967

‘भारत के महान ऋषि वैज्ञानिक’ पुस्तक भारत के गौरवशाली, कर्मशील और वैज्ञानिक अतीत पर प्रकाश डालने वाला एक महत्वपूर्ण और शोधपरक ग्रंथ है। भारत के ऋषि वास्तव में उस समय के वैज्ञानिक ही हुआ करते थे जिनका चिंतन पूर्णतया मानवीय होता था। उनकी वैज्ञानिक सोच सारे समाज को साथ लेकर चलने की होती थी और कहीं पर भी किसी भी प्रकार का अन्याय अत्याचार ना होने पाए, इसके लिए वह समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते रहते थे।
हमारे पूर्वजों की सकारात्मकता उनकी वैज्ञानिकता के साथ समन्वित होती थी और उनकी वैज्ञानिकता वैदिक सिद्धांतों और मान्यताओं पर आधारित होती थी। वेद संपूर्ण मानवता के लिए सृष्टि प्रारंभ में ईश्वर द्वारा प्रदान किए गए थे। इनकी शिक्षाएं मनुष्य मात्र के लिए हैं। मनुष्य समाज की विध्वंसात्मक शक्तियों के विनाश के लिए राज्यसत्ता की खोज की गई। जिन्हें सृजनात्मकता में लीन रहने वाली ब्रह्म शक्ति के प्रतिनिधि के रूप में हमारे ऋषि, मुनि – महात्मा लोग अपने मार्गदर्शन में संचालित करते थे। भारत का गौरवशाली इतिहास इन्हीं सर्जनात्मक शक्तियों के प्रतिनिधि ऋषि महात्माओं समाज सुधारकों, राजा महाराजाओं का इतिहास है।
‘भारत को समझो’ अभियान के अंतर्गत भारत के युवाओं को जागृत करने का काम करने वाले इस पुस्तक के विद्वान लेखक डॉ. राकेश कुमार आर्य का जन्म 17 जुलाई 1967 को उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर ( तत्कालीन बुलंदशहर) जनपद के महावड़ नामक ग्राम में हुआ। डॉ. आर्य की अब तक 70 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनकी प्रत्येक पुस्तक में भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का गुणगान होता है। उनके लेखन के इस विशिष्ट गुण से यह पुस्तक भी अछूती नहीं है।
डॉ. आर्य ने इस पुस्तक में भारत के ऐसे 50 वैज्ञानिक ऋषि महात्माओं और समाज सुधारकों को स्थान दिया है जिनके दिव्य और सृजनात्मक चिंतन का लाभ समकालीन इतिहास में मानवता को प्राप्त हुआ। डॉक्टर आर्य विश्व गुरु भारत के उपासक हैं और इसी दिशा में प्रस्तुत पुस्तक का लेखन कर इसे आज की युवा पीढ़ी को उन्होंने सौंपा है। निश्चय ही इस दिशा में पुस्तक युवा पीढ़ी के लिए एक ज्योति स्तंभ का कार्य करेगी। जिसके दिव्य प्रकाश से प्रकाशित हो हमारी युवा पीढ़ी भारत के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकने में सफल होगी।

ISBN10-9356847967