Bhoj Sanhita : Briahaspati Khand (भोज संहिता : बृहस्पति खंड)

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बृहस्‍पति ग्रह सभी ग्रहों में बड़ा एवं वयोवृद्ध है। ज्ञान का प्रतीक यह ग्रह देवताओं का गुरु है। कुंडली में बृहस्‍पति को लेकर व्‍यक्ति की शैक्षणिक योग्‍यता, धार्मिक चिंतन, आध्‍यात्मिक ऊर्जा, नेतृत्‍व शक्ति, राजनैतिक योग्‍यता, संतति, वंशवृद्धि, विरासत, परंपरा, आचार व्‍यवहार, सभ्‍यता, पद-प्रतिष्‍ठा, पैरोहित्‍य, ज्‍योतिष तंत्र-मंत्र एवं तप तस्‍या में सिद्धि का पता चलता है। बारह लग्‍न एवं बारह भावों में बृहस्‍पति की स्थिति को लेकर 144 प्रकार की जन्‍मकुं‍डलियां अकेले चंद्रमा को लेकर बनीं। इसमें बृहस्‍पति की अन्‍य ग्रहों के साथ युति को लेकर भी चर्चा की गई हैं फलत 144 गुणा 9 ग्रहों का गुणा करने पर कुल 1,296 प्रकार से बृहस्‍पति की स्थितिपर फलादेश की चर्चा इस ग्रंथ में मिलेगी। पूर्वाचार्यों के सप्रमाण मत के अलावा इस पुस्‍तक का ‘उपचार खंड’ सबसे अधिक महत्‍वपूर्ण है। जिसमें प्रतिकूल बृहस्‍पति को अनुकूल बनाने के लिए वैदिक, पौराणिक, तांत्रिक, लाल किताब व अन्‍य अनुभूति सरल टोटके, रत्‍नोपचार व प्रार्थनाएं दी गई हैं। जिससे तत्‍वाग्राही, प्रबुद्ध पाठकोंके लिए यह पुस्‍तक अनमोल वरदान साबित हो गई।

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Bhoj Sanhita : Briahaspati Khand (भोज संहिता : बृहस्पति खंड)
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बृहस्‍पति ग्रह सभी ग्रहों में बड़ा एवं वयोवृद्ध है। ज्ञान का प्रतीक यह ग्रह देवताओं का गुरु है। कुंडली में बृहस्‍पति को लेकर व्‍यक्ति की शैक्षणिक योग्‍यता, धार्मिक चिंतन, आध्‍यात्मिक ऊर्जा, नेतृत्‍व शक्ति, राजनैतिक योग्‍यता, संतति, वंशवृद्धि, विरासत, परंपरा, आचार व्‍यवहार, सभ्‍यता, पद-प्रतिष्‍ठा, पैरोहित्‍य, ज्‍योतिष तंत्र-मंत्र एवं तप तस्‍या में सिद्धि का पता चलता है। बारह लग्‍न एवं बारह भावों में बृहस्‍पति की स्थिति को लेकर 144 प्रकार की जन्‍मकुं‍डलियां अकेले चंद्रमा को लेकर बनीं। इसमें बृहस्‍पति की अन्‍य ग्रहों के साथ युति को लेकर भी चर्चा की गई हैं फलत 144 गुणा 9 ग्रहों का गुणा करने पर कुल 1,296 प्रकार से बृहस्‍पति की स्थितिपर फलादेश की चर्चा इस ग्रंथ में मिलेगी। पूर्वाचार्यों के सप्रमाण मत के अलावा इस पुस्‍तक का ‘उपचार खंड’ सबसे अधिक महत्‍वपूर्ण है। जिसमें प्रतिकूल बृहस्‍पति को अनुकूल बनाने के लिए वैदिक, पौराणिक, तांत्रिक, लाल किताब व अन्‍य अनुभूति सरल टोटके, रत्‍नोपचार व प्रार्थनाएं दी गई हैं। जिससे तत्‍वाग्राही, प्रबुद्ध पाठकोंके लिए यह पुस्‍तक अनमोल वरदान साबित हो गई।

Additional information

Author

Dr. Bhojraj Dwivedi

ISBN

8128810871

Pages

384

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128810871