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Bhoj SanhitaMangal Khand – भोज संहिता : मंगल खण्ड

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डॉ.भोजराज द्विवेदी मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा गया है। यह पुरुषार्थ व शक्ति का प्रतीक है। पुरुष का शुक्राणु एवं स्त्रियों का रज मंगल ग्रह के प्रभाव से बनता है। अतः संतान उत्पत्ति, दाम्पत्य सुख, परस्पर ग्रह-गुण-मेलापक में मंगल का प्रभाव सर्वोपरि है, अक्षुण्ण है। मंगलीक दोष का होना सम्पूर्ण संसार में व्यापक है। छोटे-छोटे ग्रामीण अंचल में मंगलीक दोष को लेकर मातापिता चिंतित रहते हैं तथा महानगरों, विदेशों में मंगलीक दोष निवारण के टोटके पूछते हैं। रक्त विकार एवं भाइयों का सुख भी मंगल से ही देखा जाता है।
बारह लग्न एवं बारह भावों में मंगल की स्थिति को लेकर 144 प्रकार की जन्मकुण्डलियां अकेले मंगल को लेकर बनीं। इसमें मंगल की अन्य ग्रहों के साथ युति को लेकर भी चर्चा की गई है। फलतः 144X9 ग्रहों का गुणा करने पर कुल 1296 प्रकार से मंगल की स्थिति पर फलादेश की चर्चा इस ग्रंथ में मिलेगी।
पूर्वाचार्यों के सप्रमाण मत के अलावा इस पुस्तक का उपचार खण्ड सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। जिसमें प्रतिकूल मंगल को अनुकूल बनाने के लिए वैदिक, पौराणिक, तांत्रिक, लाल किताब व अन्य अनुभूत सरल टोटके, रत्नोपचार व प्रार्थनाएं दी गई हैं। जिससे तत्त्वग्राही, प्रबुद्ध पाठकों के लिए यह पुस्तक अनमोल हो गई। पीड़ित मानवता के कष्टों को दूर करने की श्रृंखला में लोक-कल्याण की उत्तम भावना को लेकर लिखे गए ऐसे उत्कृष्ट साहित्य को प्रकाशित करते हुए हमें गर्व का अनुभव हो रहा है।

About the Author

डॉ. भोजराज दिवेदी एक विश्वविख्यात वास्तुशास्त्री एवं ज्योतिषाचार्य हैं। ‘अंतर्राष्ट्रीय वास्तु एसोसिएशन’ के संस्थापक डॉ. भोजराज जी की यशस्वी लेखनी से रचित ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, हस्तरेखा, अंकविद्या, यंत्र-तंत्र-मंत्र विज्ञान और कर्मकाण्डों पर आधारित 400 से अधिक पुस्तकें देश-विदेश में अनेक भाषाओँ में पढ़ी जाती हैं। इस पुस्तक के सहलेखक पं. रमेश भोजराज दिवेदी ने अल्प समय में ही ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, हस्तरेखा, अंकविद्या आदि के क्षेत्र में विशेष ख्याति अर्जित की है। भारत की कई प्रसिद्ध हस्तियां, राजनेता, फिल्म सितारे, क्रिकेट खिलाड़ी दिवेदी जी से नियमित ज्योतिषीय परामर्श व मार्गदर्शन लेते रहते हैं।

Bhoj Sanhita Mangal Khand (भोज संहिता: मंगल खण्ड) is an ancient Sanskrit scripture that outlines detailed Hindu rituals, customs, and ceremonies. The text primarily focuses on Mangal (auspicious) rituals, including sacred rites for marriages, auspicious beginnings, and life events in alignment with Vedic traditions. The Bhoj Sanhita:Mangal Khand – भोज संहिता : मंगल खण्ड known for its precision in detailing ancient Hindu cerem Bhoj Sanhita:Mangal Khand – भोज संहिता : मंगल खण्ड insight into the deep-rooted cultural heritage of India.

This edition, Mangal Khand, focuses on marriage ceremonies, explaining the significance of each step in the Vedic tradition, from the selection of an auspicious time to the completion of sacred vows. It also touches on other important life rituals that mark auspicious occasions in a person’s life, such as housewarming, child naming, and other cultural milestones.

Written with a focus on preserving India’s age-old spiritual wisdom, Bhoj Sanhita: Mangal Khand serves as a vital reference for scholars, religious practitioners, and anyone interested in understanding the deeper meanings behind Hindu rituals and ceremonies

Introduction to Bhoj Sanhita:

Provide a brief introduction to Bhoj Sanhita as an ancient Hindu scripture, highlighting its significance in documenting the Vedic rituals and customs. Focus on its role in preserving cultural heritage.

Understanding Mangal Khand:

Explain the importance of the “Mangal Khand” section, which focuses on auspicious ceremonies. Highlight how the rituals in this section are central to Hindu traditions, especially in marriage and other key life events.

Rituals and Ceremonies Described in the Text:

Detail the major rituals outlined in Bhoj Sanhita: Mangal Khand, such as the sacred marriage ceremonies, their symbolic meanings, and the importance of following Vedic protocols.

Significance of Hindu Marriage Rituals:

Explore the specific rituals involved in a Hindu wedding as explained in Mangal Khand, including “Kanyadaan,” “Saptapadi” (seven steps), and the importance of planetary positions in determining auspicious times.

Cultural and Religious Importance:

Discuss the cultural and religious significance of following these rituals. Explain how these ancient practices are still relevant and widely followed today in Hindu society.

Why Study Bhoj Sanhita: Mangal Khand?

Highlight the importance of studying Bhoj Sanhita for those interested in Vedic traditions, scholars of Sanskrit, or anyone looking to gain a deeper understanding of Hindu customs and spiritual practices.

डॉ.भोजराज द्विवेदी मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा गया है। यह पुरुषार्थ व शक्ति का प्रतीक है। पुरुष का शुक्राणु एवं स्त्रियों का रज मंगल ग्रह के प्रभाव से बनता है। अतः संतान उत्पत्ति, दाम्पत्य सुख, परस्पर ग्रह-गुण-मेलापक में मंगल का प्रभाव सर्वोपरि है, अक्षुण्ण है। मंगलीक दोष का होना सम्पूर्ण संसार में व्यापक है। छोटे-छोटे ग्रामीण अंचल में मंगलीक दोष को लेकर मातापिता चिंतित रहते हैं तथा महानगरों, विदेशों में मंगलीक दोष निवारण के टोटके पूछते हैं। रक्त विकार एवं भाइयों का सुख भी मंगल से ही देखा जाता है।
बारह लग्न एवं बारह भावों में मंगल की स्थिति को लेकर 144 प्रकार की जन्मकुण्डलियां अकेले मंगल को लेकर बनीं। इसमें मंगल की अन्य ग्रहों के साथ युति को लेकर भी चर्चा की गई है। फलतः 144X9 ग्रहों का गुणा करने पर कुल 1296 प्रकार से मंगल की स्थिति पर फलादेश की चर्चा इस ग्रंथ में मिलेगी।
पूर्वाचार्यों के सप्रमाण मत के अलावा इस पुस्तक का उपचार खण्ड सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है। जिसमें प्रतिकूल मंगल को अनुकूल बनाने के लिए वैदिक, पौराणिक, तांत्रिक, लाल किताब व अन्य अनुभूत सरल टोटके, रत्नोपचार व प्रार्थनाएं दी गई हैं। जिससे तत्त्वग्राही, प्रबुद्ध पाठकों के लिए यह पुस्तक अनमोल हो गई। पीड़ित मानवता के कष्टों को दूर करने की श्रृंखला में लोक-कल्याण की उत्तम भावना को लेकर लिखे गए ऐसे उत्कृष्ट साहित्य को प्रकाशित करते हुए हमें गर्व का अनुभव हो रहा है।

 

 

About the Author

डॉ. भोजराज दिवेदी एक विश्वविख्यात वास्तुशास्त्री एवं ज्योतिषाचार्य हैं। ‘अंतर्राष्ट्रीय वास्तु एसोसिएशन’ के संस्थापक डॉ. भोजराज जी की यशस्वी लेखनी से रचित ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, हस्तरेखा, अंकविद्या, यंत्र-तंत्र-मंत्र विज्ञान और कर्मकाण्डों पर आधारित 400 से अधिक पुस्तकें देश-विदेश में अनेक भाषाओँ में पढ़ी जाती हैं। इस पुस्तक के सहलेखक पं. रमेश भोजराज दिवेदी ने अल्प समय में ही ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, हस्तरेखा, अंकविद्या आदि के क्षेत्र में विशेष ख्याति अर्जित की है। भारत की कई प्रसिद्ध हस्तियां, राजनेता, फिल्म सितारे, क्रिकेट खिलाड़ी दिवेदी जी से नियमित ज्योतिषीय परामर्श व मार्गदर्शन लेते रहते हैं।

What is Bhoj Sanhita?

Bhoj Sanhita is an ancient Hindu scripture written in Sanskrit, detailing various rituals and ceremonies related to Vedic traditions. It serves as a guide for performing auspicious rites for marriage, festivals, and other important life events

What is Mangal Khand in Bhoj Sanhita?

Mangal Khand is a specific section within Bhoj Sanhita that focuses on auspicious (Mangal) ceremonies such as weddings, housewarming rituals, child naming, and other key events in a person’s life

What rituals are explained in Mangal Khand?

What rituals are explained in Mangal Khand?
Mangal Khand explains rituals such as Hindu wedding ceremonies, including Kanyadaan, Saptapadi, and other essential steps. It also describes other auspicious rituals like Griha Pravesh (housewarming) and Namkaran (child naming).

Why is Bhoj Sanhita important?

Bhoj Sanhita is significant because it documents the precise Vedic rituals and customs followed in Hindu culture. It serves as a reference for performing religious ceremonies in accordance with ancient traditions

is Bhoj Sanhita still relevant today?

es, Bhoj Sanhita remains highly relevant as many Hindu rituals and traditions outlined in the text are still practiced today. It continues to guide religious practices, especially during important life events like marria

Additional information

Weight 0.4 g
Dimensions 21.59 × 13.97 cm
Author

Dr. Bhojraj Dwivedi

ISBN

9789351655237

Pages

64

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9351655237

Flipkart

https://www.flipkart.com/bhoj-sanhita-mangal-khand-h-hindi/p/itme4j89zhzypw4y?pid=9789351655237

ISBN : 9789351655237 SKU 9789351655237 Categories , , ,

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