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Bhoj Sanhita : Rahu Khand in Hindi (भोज संहिता : राहु खंड)-1
Bhoj Sanhita : Rahu Khand in Hindi (भोज संहिता : राहु खंड)-1
Bhoj Sanhita : Rahu Khand in Hindi (भोज संहिता : राहु खंड)-2

Bhoj Sanhita : Rahu Khand in Hindi(भोज संहिता : राहु खंड)in Hardcover

Original price was: ₹499.00.Current price is: ₹498.00.

किताब के बारे में

भोज संहिता : राहु खंड डॉ. भोजराज द्विवेदी द्वारा रचित एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय ग्रंथ है सभी ग्रहों में सबसे खतरनाक ग्रह राह है। यह दैत्यराज, असराधिपति है। प्रत्येक कार्य को बिगाड़ने का श्रेय राहु को है। यह भ्रम पैदा करने वाला काल-विभाजक सूर्य का मुख है। इसका रंग काला है। इसका कोई शरीर नहीं है। सूर्य-चंद्र ग्रहण राहु के कारण ही होते हैं, यह इसका वैज्ञानिक पक्ष है। ग्रहण काल में पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव को राहु कहते हैं। यह राक्षस का सिर मात्र है। राहु शुभ और अशुभ दोनों फल देता है। बारह लग्न एवं बारह भावों में राहु की स्थिति को लेकर 144 प्रकार की जन्मकुंडलियां अकेले राहु को लेकर बनीं। इसमें राहु की अन्य ग्रहों के साथ युति को लेकर चर्चा की गई है। फलतः 144×9 ग्रहों का गुणा करने पर कुल 1,296 प्रकार से राहु की स्थिति पर फलादेश की चर्चा की गई है। पूर्वाचार्यों के सप्रमाण मत और प्रतिकूल राहु को अनुकूल बनाने के लिए। वैदिक, पौराणिक, तांत्रिक, लाल किताब व अन्य अनुभूत सरल टोटके, रत्नोपचार व प्रार्थनाएं दी गई हैं, जिससे तत्त्वग्राही, प्रबुद्ध पाठकों के लिए यह पुस्तक अनमोल वरदान साबित होगी।

लेखक के बारे में

इस पुस्तक के सहलेखक पं. रमेश भोजराज द्विवेदी ने अल्प समय में ही ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, हस्तरेखा, अंकविद्या आदि के क्षेत्र में विशेष ख्याति अर्जित की है। भारत की कई प्रसिद्ध हस्तियां, राजनेता, फिल्म सितारे, क्रिकेट खिलाड़ी द्विवेदी जी से नियमित ज्योतिषीय परामर्श व मार्गदर्शन लेते रहते हैं। रमेश जी के द्वारा की गई सार्वजनिक महत्व की भविष्यवाणियां वक़्त की कसौटी पर खरी उतर चुकी हैं।

भोज संहिता : राहु खंड पुस्तक किसके द्वारा लिखी गई है?

यह पुस्तक डॉ. भोजराज द्विवेदी द्वारा लिखी गई है, जिसमें राहु ग्रह का विस्तृत ज्योतिषीय अध्ययन किया गया है।

भोज संहिता : राहु खंड किस विषय पर आधारित है?

यह पुस्तक राहु ग्रह के प्रभाव, ज्योतिषीय गणनाओं और उससे बचाव के उपायों पर आधारित है।

राहु ग्रह को खतरनाक क्यों माना जाता है?

राहु को दैत्यराज और असराधिपति कहा जाता है, जो भ्रम, बाधा और नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करता है।

राहु का सूर्य और चंद्र ग्रहण से क्या संबंध है?

राहु ही सूर्य और चंद्र ग्रहण उत्पन्न करता है, इसे वैज्ञानिक रूप से ग्रहण का कारण माना जाता है।

भोज संहिता : राहु खंड किसके लिए उपयोगी है?

यह पुस्तक ज्योतिष में रुचि रखने वाले, राहु के प्रभाव को समझने और उसके उपाय जानने वालों के लिए उपयोगी है।

Additional information

Weight 0.440 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 1.83 cm
Author

Dr. Bhojraj Dwivedi

Pages

304

Format

Hardcover

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN10-: 9359642266