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बिहार का नाम सामने आते ही भारत की संस्कृति, सभ्यता, इतिहास और ज्ञान-चिन्तन परम्परा हमारे सामने आती है। लगने लगता है कि, मानो एक समय ऐसा था जब शौर्य, नीति, धर्म, कला, विवेक, मर्यादा, संस्कृति, स्थापत्य इत्यादि सभी का केन्द्र यही था। मिथिला, मगध, वैशाली, अंग, कौरूष जैसे राज्य भी ईसा के पहले से ही ऐतिहासिक बन चुके थे और इसी भांति विदेहराज जनक, तत्त्वज्ञानी महर्षि याज्ञवल्क्य, दानवीर कर्ण, जरासंध, तीर्थंकर महावीर, भगवान बुद्ध कूटनीतिज्ञ चाणक्य, पुष्यमित्र शुंग, देवानांप्रिय महाराज अशोक जैसे प्रतापी पुरुषों और सम्राटों ने ईसा पूर्व ही इस धरती को गौरव से मंडित कर दिया था।
यह पुस्तक पाठकों को बिहार के अतीत, वर्तमान और भविष्य को बेहतर ढंग से समझने के लिए व्यवस्थित रूप से घटनाक्रम को विस्तारित करती है तथा पाठकों को बिहार के सभी आयामों को समझने के लिए एक महत्त्वपूर्ण पुस्तक साबित होगी।
Author | Shankar Dayal Singh |
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ISBN | 9789356842182 |
Pages | 96 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/bihar-ek-saanskritik-vaibhav/p/itm193f3386547d4?pid=9789356842182 |
ISBN 10 | 9356842183 |
बिहार का नाम सामने आते ही भारत की संस्कृति, सभ्यता, इतिहास और ज्ञान-चिन्तन परम्परा हमारे सामने आती है। लगने लगता है कि, मानो एक समय ऐसा था जब शौर्य, नीति, धर्म, कला, विवेक, मर्यादा, संस्कृति, स्थापत्य इत्यादि सभी का केन्द्र यही था। मिथिला, मगध, वैशाली, अंग, कौरूष जैसे राज्य भी ईसा के पहले से ही ऐतिहासिक बन चुके थे और इसी भांति विदेहराज जनक, तत्त्वज्ञानी महर्षि याज्ञवल्क्य, दानवीर कर्ण, जरासंध, तीर्थंकर महावीर, भगवान बुद्ध कूटनीतिज्ञ चाणक्य, पुष्यमित्र शुंग, देवानांप्रिय महाराज अशोक जैसे प्रतापी पुरुषों और सम्राटों ने ईसा पूर्व ही इस धरती को गौरव से मंडित कर दिया था।
यह पुस्तक पाठकों को बिहार के अतीत, वर्तमान और भविष्य को बेहतर ढंग से समझने के लिए व्यवस्थित रूप से घटनाक्रम को विस्तारित करती है तथा पाठकों को बिहार के सभी आयामों को समझने के लिए एक महत्त्वपूर्ण पुस्तक साबित होगी।
ISBN10-9356842183
Self Help, Books, Diamond Books