मशहूर संगीतकार ओ पी नैय्यर के अनुसार किसी भी गीत की सफलता का 50% श्रेय गीतकार को, 25% संगीतकार, ऑर्केस्ट्रा को व 25 % गायक को जाता है। लेकिन अक्सर ये देखा गया है कि गीत प्रसारित करने से पहले गीतकार का नाम तक नहीं लिया जाता। आजकल भी यदि आप किसी से किसी फ़िल्मगीत के बारे में पूछें तो उसे गायक का नाम ही अधिकतर याद होता है और उसे ही सबसे ज़्यादा लोकप्रियता हासिल होती है। ये अच्छे बोलों का ही कमाल है कि 60-70 साल पुराने गीत आज भी लोगों की जुबान पर हैं जबकि आज के दौर के गीतों की उम्र अक्सर 6 महीने भी नहीं होती।
इस पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को बॉलीवुड गीतों के उन फ़नकारों से अवगत कराना जिन्होंने अपने बोल, संगीत या गायकी द्वारा कितने ही सुमधुर बेशक़ीमती गीतों की रचना की। पुस्तक के तीन भाग हैं- गीतकार, संगीतकार व गायक फ़नकारों को उनकी जन्म तिथि के आधार पर क्रम में रखा गया है कुछ फ़नकार ऐसे भी रहे जिन्हें एक से अधिक क्षेत्र में महारथ हासिल थी जैसे हेमंत कुमार, रविंद्र जैन, एसडी बर्मन इत्यादि। ऐसे कलाकारों को दोहराने से बचने के लिए एक ही भाग में रखा गया है और अन्य क्षेत्रों में उनके कृतित्व की जानकारी उसी भाग में उपलब्ध कराई गयी है. कुछ फ़नकारों की खूबियों को लेखक ने ग़ज़ल के रूप में बयान किया है जैसे लता जी, मुकेश जी, मोहम्मद रफ़ी साहब आदि।
हर कलाकार के बारे में जानकारी उनके चित्र सहित दी गयी है जैसे परिचय, मुख्य फ़िल्में, मुख्य गीत, अवार्ड्स आदि, ताकि एक ही नज़र में फ़नकार की समुचित जानकारी हासिल हो जाये।
About the Author
पैथोलॉजिस्ट, मंचीय हास्यव्यंग कवि, गायक, गीतकार, लेखक
नाम : डाक्टर विजय मित्तल
जन्म : 19.10.1960
शिक्षा : एम.बी.बी.एस, डी. सी. एच, एम.डी (पैथोलॉजी ) QMAHO, दिल्ली
पद : पैथोलॉजिस्ट, एस. ए. जी ऑफिसर, दिल्ली सरकार
कृतियां : हिंदी, उर्दू, इंग्लिश में 3000 से अधिक काव्य रचनाएं व 1000 से अधिक गीतों का मंच पर गायन व रिकॉर्डिंग
दस पुस्तकें प्रकाशितः
• नज़्मों ग़ज़ल की तीन पुस्तकें- फ़ासले, कभी कभी साथिया • डायरी अंश पर एक पुस्तक: डायरी – अंतर्जीवन के साक्ष्य पुरस्कृत स्वास्थ्य पर एक पुस्तक आपकी सेहत ( एन.बी.टी 2017) ग़ज़ल ऐसे कहें, भारत कवि की नज़र से सुखी सरल सफल जीवन लपेटे में ( हास्यव्यंग कविता संग्रह) • Shades of life ( English poems) • सक्रियता : आकाशवाणी, दूरदर्शन व विभिन्न प्रतिष्ठित मंचों पर बतौर मज़ाहिया शायर सक्रिय, ग़ज़ल व कवितायें अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित मलयालम मनोरमा ईयर बुक में निरंतर लेख दिल्ली व बाहर बतौर गायक, कवि व संचालक अनेक बार मंच पर प्रस्तुति