Chacha Chaudhary aur Ganga Utsav (चाचा चौधरी और गंगा उत्सव)
₹100.00
- Description
- Information
यह कॉमिक्स हमारी राष्ट्रीय नदी- गंगा के महत्त्व को खूबसूरत तरीके से प्रदर्शित करती है। इसके अतिरिक्त, गंगा महोत्सव, नदियों की उपयोगिता, इनका इतिहास, इनकी पवित्रता, संस्कार इत्यादि के विषय में इस नई युवा पीढ़ी को अवगत कराया गया है। यह कॉमिक, चाचा चौधरी के अन्य अंकों को भी समाहित करती है।
About the Author
प्राण ने अपने बचपन में सब्जी के एक लिफाफे पर कार्टून बना देखा। जिससे उन्हें कार्टून बनाने की प्रेरणा मिली। वह वास्तव में स्कूल में अपने ड्राईंग-अध्यापक से प्रभावित हुए, जिनका अगूंठा नहीं था, इसके बावजूद वह अत्यन्त सुंदर चित्र बनाते थे। वह दोपहर में केवल आधे घंटे की झपकी लेते थे। प्राण के सात भाई-बहन थे। उन्हें अपनी मां द्वारा चूल्हे पर पकाई जाने वाली रोटी अत्यन्त प्रिय थी। करारी और बढ़िया पकी हुई रोटी…। प्राण को भगवान पर कभी यकीन नहीं रहा। वह कभी मंदिर प्रार्थना करने या दर्शन करने के लिए नहीं गए। उन्हें केवल मानवता में भरोसा था। सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्टस् से विशेष योग्यता द्वारा डिग्री प्राप्त करने के बाद भी उन्हें किसी स्कूल में ड्राईंग अध्यापक के रूप में नौकरी नहीं मिली। इसी कारण उन्होंने कार्टून बनाना आरंभ किया और एक परंपरा का निर्माण किया। वह शायद एकमात्र ऐसे कार्टूननिस्ट रहे, जिन्होंने 20 से अधिक कार्टून चरित्रों की रचना की और उनके कार्टून की श्रृंखला प्रति सप्ताह विभिन्न समाचार-पत्रों में नियमित चलती रही। जिसे वह आसानी से निभाते रहे।
Additional information
Author | Pran |
---|---|
ISBN | 9789355133236 |
Pages | 192 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/chacha-chaudhary-aur-ganga-utsav-hindi/p/itmf64d1e1e1d914?pid=9789355133236 |
ISBN 10 | 9355133235 |
यह कॉमिक्स हमारी राष्ट्रीय नदी- गंगा के महत्त्व को खूबसूरत तरीके से प्रदर्शित करती है। इसके अतिरिक्त, गंगा महोत्सव, नदियों की उपयोगिता, इनका इतिहास, इनकी पवित्रता, संस्कार इत्यादि के विषय में इस नई युवा पीढ़ी को अवगत कराया गया है। यह कॉमिक, चाचा चौधरी के अन्य अंकों को भी समाहित करती है।
About the Author
प्राण ने अपने बचपन में सब्जी के एक लिफाफे पर कार्टून बना देखा। जिससे उन्हें कार्टून बनाने की प्रेरणा मिली। वह वास्तव में स्कूल में अपने ड्राईंग-अध्यापक से प्रभावित हुए, जिनका अगूंठा नहीं था, इसके बावजूद वह अत्यन्त सुंदर चित्र बनाते थे। वह दोपहर में केवल आधे घंटे की झपकी लेते थे। प्राण के सात भाई-बहन थे। उन्हें अपनी मां द्वारा चूल्हे पर पकाई जाने वाली रोटी अत्यन्त प्रिय थी। करारी और बढ़िया पकी हुई रोटी…। प्राण को भगवान पर कभी यकीन नहीं रहा। वह कभी मंदिर प्रार्थना करने या दर्शन करने के लिए नहीं गए। उन्हें केवल मानवता में भरोसा था। सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्टस् से विशेष योग्यता द्वारा डिग्री प्राप्त करने के बाद भी उन्हें किसी स्कूल में ड्राईंग अध्यापक के रूप में नौकरी नहीं मिली। इसी कारण उन्होंने कार्टून बनाना आरंभ किया और एक परंपरा का निर्माण किया। वह शायद एकमात्र ऐसे कार्टूननिस्ट रहे, जिन्होंने 20 से अधिक कार्टून चरित्रों की रचना की और उनके कार्टून की श्रृंखला प्रति सप्ताह विभिन्न समाचार-पत्रों में नियमित चलती रही। जिसे वह आसानी से निभाते रहे।
ISBN10-9355133235