Chacha Chaudhary Keh Saath Ganga Ki Baat (चाचा चौधरी के साथ गंगा की बात)

299.00

“चाचा चौधरी के साथ गंगा की बात” कॉमिक बुक डायमंड टून्स और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) प्रोजेक्ट के सहयोग से तैयार की गई है। हमारा उद्देश्य नदियों और उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ और स्वस्थ रखने के महत्व के बारे में बच्चों के भीतर जागरूकता पैदा करना है, नमामि गंगे मिशन – गंगा नदी को साफ करने के लिए भारत सरकार की ऐसी ही एक पहल है।
भारत सरकार के जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा 20/अप्रैल/2023 को कॉमिक बुक“चाचा चौधरी के साथ गंगा की बात”का विमोचन किया गया।
यह हास्य पुस्तक श्रृंखला बच्चों को शिक्षित करेगी और उन्हें जल संसाधनों के संरक्षण और नदी के विकास की दिशा में कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
चाचा चौधरी (जिसका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज काम करता है) और साबू देश की नदियों को बचाने के लिए इस परियोजना को भारत के लोगों की एक सामुदायिक पहल के रूप में जल आंदोलन से जन आंदोलन में बदलने के लिए इस कॉमिक बुक श्रृंखला को लाये है, जो कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी जी का भी विजन है।
यह प्रतिष्ठित चरित्र हर भारतीय के दिल में गहराई से बसा हुआ है। चाचा चौधरी की शक्ति और प्रभाव अभी भी देश भर में सभी आयु वर्ग के लोगों और सामाजिक प्रोफाइल के लोगों तक पहुंचने में बेहतर काम कर रहे हैं।

इस पुस्तक मे कवर किया गया है –

* चाचा चौधरी और गंगा दर्शन
* चाचा चौधरी और गंगा डॉल्फिन
* चाचा चौधरी और अविरल गंगा
* चाचा चौधरी और निर्मल गंगा
* चाचा चौधरी और कछुआ
* चाचा चौधरी और गंगा घाट
* चाचा चौधरी और क्लैप4गंगा गंगा क्वेस्ट
* चाचा चौधरी और गंगा उत्सव

About the Author

प्राण ने अपने बचपन में सब्जी के एक लिफाफे पर कार्टून बना देखा। जिससे उन्हें कार्टून बनाने की प्रेरणा मिली। वह वास्तव में स्कूल में अपने ड्राईंग-अध्यापक से प्रभावित हुए, जिनका अगूंठा नहीं था, इसके बावजूद वह अत्यन्त सुंदर चित्र बनाते थे। वह दोपहर में केवल आधे घंटे की झपकी लेते थे। प्राण के सात भाई-बहन थे। उन्हें अपनी मां द्वारा चूल्हे पर पकाई जाने वाली रोटी अत्यन्त प्रिय थी। करारी और बढ़िया पकी हुई रोटी…। प्राण को भगवान पर कभी यकीन नहीं रहा। वह कभी मंदिर प्रार्थना करने या दर्शन करने के लिए नहीं गए। उन्हें केवल मानवता में भरोसा था। सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्टस् से विशेष योग्यता द्वारा डिग्री प्राप्त करने के बाद भी उन्हें किसी स्कूल में ड्राईंग अध्यापक के रूप में नौकरी नहीं मिली। इसी कारण उन्होंने कार्टून बनाना आरंभ किया और एक परंपरा का निर्माण किया। वह शायद एकमात्र ऐसे कार्टूननिस्ट रहे, जिन्होंने 20 से अधिक कार्टून चरित्रों की रचना की और उनके कार्टून की श्रृंखला प्रति सप्ताह विभिन्न समाचार-पत्रों में नियमित चलती रही। जिसे वह आसानी से निभाते रहे।

Additional information

Author

Pran

ISBN

9789357185615

Pages

48

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Junior Diamond

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9357185615

Flipkart

https://www.flipkart.com/chacha-chaudahary-keh-saath-ganga-ki-baat-hindi/p/itm49ec94439db7d?pid=9789357185615

ISBN 10

9357185615

“चाचा चौधरी के साथ गंगा की बात” कॉमिक बुक डायमंड टून्स और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (NMCG) प्रोजेक्ट के सहयोग से तैयार की गई है। हमारा उद्देश्य नदियों और उसकी सहायक नदियों को स्वच्छ और स्वस्थ रखने के महत्व के बारे में बच्चों के भीतर जागरूकता पैदा करना है, नमामि गंगे मिशन – गंगा नदी को साफ करने के लिए भारत सरकार की ऐसी ही एक पहल है।
भारत सरकार के जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा 20/अप्रैल/2023 को कॉमिक बुक“चाचा चौधरी के साथ गंगा की बात”का विमोचन किया गया।
यह हास्य पुस्तक श्रृंखला बच्चों को शिक्षित करेगी और उन्हें जल संसाधनों के संरक्षण और नदी के विकास की दिशा में कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
चाचा चौधरी (जिसका दिमाग कंप्यूटर से भी तेज काम करता है) और साबू देश की नदियों को बचाने के लिए इस परियोजना को भारत के लोगों की एक सामुदायिक पहल के रूप में जल आंदोलन से जन आंदोलन में बदलने के लिए इस कॉमिक बुक श्रृंखला को लाये है, जो कि भारत के माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी जी का भी विजन है।
यह प्रतिष्ठित चरित्र हर भारतीय के दिल में गहराई से बसा हुआ है। चाचा चौधरी की शक्ति और प्रभाव अभी भी देश भर में सभी आयु वर्ग के लोगों और सामाजिक प्रोफाइल के लोगों तक पहुंचने में बेहतर काम कर रहे हैं।

इस पुस्तक मे कवर किया गया है –

* चाचा चौधरी और गंगा दर्शन
* चाचा चौधरी और गंगा डॉल्फिन
* चाचा चौधरी और अविरल गंगा
* चाचा चौधरी और निर्मल गंगा
* चाचा चौधरी और कछुआ
* चाचा चौधरी और गंगा घाट
* चाचा चौधरी और क्लैप4गंगा गंगा क्वेस्ट
* चाचा चौधरी और गंगा उत्सव

About the Author

प्राण ने अपने बचपन में सब्जी के एक लिफाफे पर कार्टून बना देखा। जिससे उन्हें कार्टून बनाने की प्रेरणा मिली। वह वास्तव में स्कूल में अपने ड्राईंग-अध्यापक से प्रभावित हुए, जिनका अगूंठा नहीं था, इसके बावजूद वह अत्यन्त सुंदर चित्र बनाते थे। वह दोपहर में केवल आधे घंटे की झपकी लेते थे। प्राण के सात भाई-बहन थे। उन्हें अपनी मां द्वारा चूल्हे पर पकाई जाने वाली रोटी अत्यन्त प्रिय थी। करारी और बढ़िया पकी हुई रोटी…। प्राण को भगवान पर कभी यकीन नहीं रहा। वह कभी मंदिर प्रार्थना करने या दर्शन करने के लिए नहीं गए। उन्हें केवल मानवता में भरोसा था। सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्टस् से विशेष योग्यता द्वारा डिग्री प्राप्त करने के बाद भी उन्हें किसी स्कूल में ड्राईंग अध्यापक के रूप में नौकरी नहीं मिली। इसी कारण उन्होंने कार्टून बनाना आरंभ किया और एक परंपरा का निर्माण किया। वह शायद एकमात्र ऐसे कार्टूननिस्ट रहे, जिन्होंने 20 से अधिक कार्टून चरित्रों की रचना की और उनके कार्टून की श्रृंखला प्रति सप्ताह विभिन्न समाचार-पत्रों में नियमित चलती रही। जिसे वह आसानी से निभाते रहे।

ISBN10-9357185615

SKU 9789357185615 Category Tags ,