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चल हंसा उस देश-Chal Hansa Us Desh by osho

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ओशो ने मेरी प्रतिभा में नया आयाम जोड़ा है। उनकी मधुर संगीतभरी वाणी सुन कर मेरी महिमा की खोज आनंद के विस्फोट में बदल गयी है और उसने मेरे लिए जीवन के नए क्षितिज उद्घाटित कर दिए हैं।
– जगजीत सिंह
विश्वविख्यात ग़ज़ल गायक

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चल हंसा उस देश-Chal Hansa Us Desh by osho
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चल हंसा उस देश” ओशो द्वारा आत्मज्ञान, आध्यात्मिकता और मोक्ष की दिशा में मार्गदर्शन देने वाली एक महत्वपूर्ण पुस्तक है। इस पुस्तक में, ओशो ने ‘हंसा’ (आत्मा) को उस शाश्वत देश की ओर ले जाने की बात कही है, जो आत्मिक शांति और मुक्ति का प्रतीक है। इसमें ओशो ने मानव जीवन के उद्देश्य, आत्मा की यात्रा, और आध्यात्मिक मुक्ति के बारे में गहरे दृष्टिकोण साझा किए हैं। वे समझाते हैं कि यह यात्रा भीतर की ओर है, जो ध्यान, साधना और सत्य की खोज से पूर्ण होती है।

ओशो का दृष्टिकोण: ओशो इस पुस्तक में जीवन और मृत्यु के पार जाने की प्रक्रिया को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करते हैं। उनके अनुसार, ‘हंसा’ का प्रतीक आत्मा है, जो अपने वास्तविक घर, यानी परमात्मा की ओर लौटने की प्रतीक्षा में है। ध्यान और साधना के माध्यम से आत्मा इस शाश्वत यात्रा को पूरा कर सकती है।


लेखक के बारे में:

ओशो (1931-1990) एक प्रसिद्ध भारतीय आध्यात्मिक गुरु और विचारक थे, जिन्हें उनके क्रांतिकारी और गहन दृष्टिकोण के लिए जाना जाता है। उनका असली नाम रजनीश चंद्र मोहन जैन था। ओशो ने आध्यात्मिकता, ध्यान, भक्ति, प्रेम, और ध्यान के महत्व पर बहुत गहराई से चर्चा की। उनके विचारों ने पूरी दुनिया में लाखों लोगों को प्रभावित किया, खासकर उनके ध्यान की विधियों और जीवन के प्रति अद्वितीय दृष्टिकोण ने उन्हें एक विश्वस्तरीय आध्यात्मिक गुरु बना दिया।

ओशो का मानना था कि हर व्यक्ति के भीतर जागरूकता और प्रेम की असीम क्षमता होती है, जिसे समझने और जागृत करने के लिए ध्यान और आत्म-ज्ञान की आवश्यकता होती है। उन्होंने पारंपरिक धर्मों और समाज द्वारा बनाई गई मानसिक और भावनात्मक बंधनों पर सवाल उठाए और अपने अनुयायियों को स्वतंत्रता, सत्य, और प्रेम की खोज की ओर प्रेरित किया।

ओशो ने सैकड़ों पुस्तकें लिखी हैं, जो उनके प्रवचनों और विचारों पर आधारित हैं। उनकी शिक्षाओं का दायरा ध्यान, योग, तंत्र, भक्ति, ज़ेन, और कई अन्य आध्यात्मिक विषयों तक फैला हुआ है। “भक्ति सूत्र” जैसी किताबों में, ओशो ने भक्ति और प्रेम को नई दृष्टि से प्रस्तुत किया, जहाँ भक्ति केवल ईश्वर की पूजा नहीं, बल्कि आत्मा और परमात्मा के बीच का गहरा प्रेम-संबंध है।

चल हंसा उस देश” का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस पुस्तक का उद्देश्य पाठकों को ध्यान और साधना के माध्यम से आत्मा की यात्रा को समझने और मोक्ष प्राप्त करने की दिशा में मार्गदर्शन करना है।

ओशो ने ‘हंसा’ शब्द का क्या अर्थ बताया है?

ओशो ने ‘हंसा’ को आत्मा का प्रतीक बताया है, जो अपने वास्तविक घर, यानी परमात्मा की ओर लौटने की प्रतीक्षा कर रही है।

क्या इस पुस्तक में मोक्ष और आत्म-ज्ञान पर ध्यान दिया गया है?

हां, पुस्तक का मुख्य फोकस आत्मा की मुक्ति और मोक्ष की ओर ध्यान और साधना के माध्यम से यात्रा करने पर है

ओशो के अनुसार आत्मा की यात्रा कैसे शुरू होती है?

ओशो के अनुसार, आत्मा की यात्रा भीतर की ओर होती है, जो ध्यान, आत्म-ज्ञान और सत्य की खोज से प्रारंभ होती है।

ओशो ने आत्म-ज्ञान और मुक्ति को कैसे परिभाषित किया है?

ओशो के अनुसार, आत्म-ज्ञान और मुक्ति का अर्थ है आत्मा की यात्रा को पूर्ण करना और परम सत्य को प्राप्त करना, जो ध्यान और साधना के माध्यम से संभव है।

ओशो ने आत्मा को किस प्रकार समझाया है?

ओशो ने आत्मा को परमात्मा से जुड़ी हुई एक शाश्वत इकाई के रूप में परिभाषित किया है, जो ध्यान और साधना से अपने मूल स्रोत की ओर लौटने की कोशिश करती है।

Additional information

Weight 150 g
Dimensions 17.78 × 12.7 × 0.92 cm
Author

Osho

ISBN

8128803956

Pages

312

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128803956