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Charaiveti – Charaiveti (चरैवेति – चरैवेति)

250.00

प्रेम का उच्चतम शिखर है, तो प्रवचना भी है। प्रकृति का अद्भुत चित्रण है, तो नदी की मृत्यु की वेदना भी है। माधुर्य, अवसाद, मैत्री, ममता का अवदान है, खंडन मंडन भी है। इन सबका विलय होता है आध्यात्मिक चेतना में। स्थूल से सूक्ष्म की ओर यात्रा है “चरैवेति-चरैवेति’
– डॉ. रविन्द्र शुक्ल
पूर्व शिक्षा मन्त्री, उत्तर प्रदेश
आम घटनाओं का असाधारण व उत्कृष्ट वर्णन है। मानवीय भावनाओं का अथाह समुद्र है। धवल शिखर तक कुहूकिनी की यात्रा का लीक से हटकर व रोमांचक चित्रण है।
– डॉ. उषा लाल, कुरूक्षेत्र
“दर्द भी कब तक चुभता । उसने भी चुप्पी धर ली। मोह या प्रेम के धागे अब जंजीर में उसे नहीं जकड़ रहे थे । उसके जीवन की सूनी संकरी गलियों में अबीर की स्मृतियों के बेतरतीब जंगल सूखने लगे थे
“कुहूकिनी की आध्यात्मिक यात्रा में अबीर एक पड़ाव था। पड़ाव कभी स्कन्धावार नहीं बनते। कभी-कभी जिसे हम घृणा समझते हैं वह प्रेमसूत्र का दूसरा छोर ही होता है।”
– इसी उपन्यास से

Additional information

Author

Dr. Kumud Ramanand Bansal

ISBN

9789359640488

Pages

144

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Junior Diamond

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9359640484

Flipkart

https://www.flipkart.com/charaiveti-hindi/p/itm10e5f3651634e?pid=9789359640488

ISBN 10

9359640484

प्रेम का उच्चतम शिखर है, तो प्रवचना भी है। प्रकृति का अद्भुत चित्रण है, तो नदी की मृत्यु की वेदना भी है। माधुर्य, अवसाद, मैत्री, ममता का अवदान है, खंडन मंडन भी है। इन सबका विलय होता है आध्यात्मिक चेतना में। स्थूल से सूक्ष्म की ओर यात्रा है “चरैवेति-चरैवेति’
– डॉ. रविन्द्र शुक्ल
पूर्व शिक्षा मन्त्री, उत्तर प्रदेश
आम घटनाओं का असाधारण व उत्कृष्ट वर्णन है। मानवीय भावनाओं का अथाह समुद्र है। धवल शिखर तक कुहूकिनी की यात्रा का लीक से हटकर व रोमांचक चित्रण है।
– डॉ. उषा लाल, कुरूक्षेत्र
“दर्द भी कब तक चुभता । उसने भी चुप्पी धर ली। मोह या प्रेम के धागे अब जंजीर में उसे नहीं जकड़ रहे थे । उसके जीवन की सूनी संकरी गलियों में अबीर की स्मृतियों के बेतरतीब जंगल सूखने लगे थे
“कुहूकिनी की आध्यात्मिक यात्रा में अबीर एक पड़ाव था। पड़ाव कभी स्कन्धावार नहीं बनते। कभी-कभी जिसे हम घृणा समझते हैं वह प्रेमसूत्र का दूसरा छोर ही होता है।”
– इसी उपन्यास से

ISBN10-9359640484

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