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Chashma Tatha Anya Kahaniyan (चश्मा तथा अन्य कहानियाँ)

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प्रस्तुत संग्रह में अलग-अलग विधाओं का फ्यूजन उनकी कहानियों को रोचक, पठनीय तो बनाता ही है, शैली और रूप पर उनके अधिकार को भी प्रतिबिंबित करता है। आत्मकथात्मकता का आभास देती यह कहानियां यथार्थ और कल्पना के ताने-बाने से बुनी गई हैं।
हिमांशु जी कम शब्दों में बहुत कुछ कह देने में विश्वास रखते हैं। उनकी इन कहानियों में करुणा, सहानुभूति, दया का गहरा भाव उभरता है। कहानियां चरित्रों की समस्याओं के साथ जुड़ती हुई मर्म को छूती हैं और आंखों को नम करती हैं।

About the Author

नाम :- हिमांशु जोशी
जन्म :- 4 मई, 1935, उत्तराखंड।
कृतित्व :- यशस्वी कथाकार, उपन्यासकार। लगभग साठ वर्षों तक लेखन में सक्रिय रहे। उनके प्रमुख कहानी-संग्रह हैं- ‘अंततः तथा अन्य कहानियाँ’, ‘मनुष्य चिह्न तथा अन्य कहानियाँ’, ‘जलते हुए डेने तथा अन्य कहानियाँ’, ‘तीसरा किनारा तथा अन्य कहानियाँ’, ‘अंतिम सत्य तथा अन्य कहानियाँ’, ‘सागर तट के शहर, ‘सम्पूर्ण कहानियाँ’ आदि।
प्रमुख उपन्यास हैं :- ‘अरण्य’, ‘महासागर’, ‘छाया मत छूना मन’, ‘कगार की आग’, ‘समय साक्षी है’, ‘तुम्हारे लिए’, ‘सुराज’। वैचारिक संस्मरणों में ‘उत्तर – पर्व’ एवं ‘आठवां सर्ग’ तथा कविता-संग्रह ‘नील नदी का वृक्ष’ उल्लेखनीय हैं। ‘यात्राएं’, ‘नार्वे : सूरज चमके आधी रात’ यात्रा-वृतांत भी विशेष चर्चा में रहे। उसी तरह काला-पानी की अनकही कहानी ‘यातना शिविर में’ भी। समस्त भारतीय भाषाओं के अलावा अनेक रचनाएं अंग्रेजी, नार्वेजियन, इटालियन, चेक, जापानी, चीनी, बर्मी, नेपाली आदि भाषाओं में भी रूपांतरित होकर सराही गईं। आकाशवाणी, दूरदर्शन, रंगमंच तथा फिल्म के माध्यम से भी कुछ कृतियां सफलतापूर्वक प्रसारित एवं प्रदर्शित हुईं। बाल साहित्य की अनेक पठनीय कृतियां प्रकाशित हुईं। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अनेक सम्मानों से भी अलंकृत।
स्मृति शेष :- 23 नवम्बर, 2018 दिल्ली।

 

ISBN10-9359645931

प्रस्तुत संग्रह में अलग-अलग विधाओं का फ्यूजन उनकी कहानियों को रोचक, पठनीय तो बनाता ही है, शैली और रूप पर उनके अधिकार को भी प्रतिबिंबित करता है। आत्मकथात्मकता का आभास देती यह कहानियां यथार्थ और कल्पना के ताने-बाने से बुनी गई हैं।
हिमांशु जी कम शब्दों में बहुत कुछ कह देने में विश्वास रखते हैं। उनकी इन कहानियों में करुणा, सहानुभूति, दया का गहरा भाव उभरता है। कहानियां चरित्रों की समस्याओं के साथ जुड़ती हुई मर्म को छूती हैं और आंखों को नम करती हैं।

About the Author

नाम :- हिमांशु जोशी
जन्म :- 4 मई, 1935, उत्तराखंड।
कृतित्व :- यशस्वी कथाकार, उपन्यासकार। लगभग साठ वर्षों तक लेखन में सक्रिय रहे। उनके प्रमुख कहानी-संग्रह हैं- ‘अंततः तथा अन्य कहानियाँ’, ‘मनुष्य चिह्न तथा अन्य कहानियाँ’, ‘जलते हुए डेने तथा अन्य कहानियाँ’, ‘तीसरा किनारा तथा अन्य कहानियाँ’, ‘अंतिम सत्य तथा अन्य कहानियाँ’, ‘सागर तट के शहर, ‘सम्पूर्ण कहानियाँ’ आदि।
प्रमुख उपन्यास हैं :- ‘अरण्य’, ‘महासागर’, ‘छाया मत छूना मन’, ‘कगार की आग’, ‘समय साक्षी है’, ‘तुम्हारे लिए’, ‘सुराज’। वैचारिक संस्मरणों में ‘उत्तर – पर्व’ एवं ‘आठवां सर्ग’ तथा कविता-संग्रह ‘नील नदी का वृक्ष’ उल्लेखनीय हैं। ‘यात्राएं’, ‘नार्वे : सूरज चमके आधी रात’ यात्रा-वृतांत भी विशेष चर्चा में रहे। उसी तरह काला-पानी की अनकही कहानी ‘यातना शिविर में’ भी। समस्त भारतीय भाषाओं के अलावा अनेक रचनाएं अंग्रेजी, नार्वेजियन, इटालियन, चेक, जापानी, चीनी, बर्मी, नेपाली आदि भाषाओं में भी रूपांतरित होकर सराही गईं। आकाशवाणी, दूरदर्शन, रंगमंच तथा फिल्म के माध्यम से भी कुछ कृतियां सफलतापूर्वक प्रसारित एवं प्रदर्शित हुईं। बाल साहित्य की अनेक पठनीय कृतियां प्रकाशित हुईं। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय अनेक सम्मानों से भी अलंकृत।
स्मृति शेष :- 23 नवम्बर, 2018 दिल्ली।

 

Additional information

Author

Himanshu Joshi

ISBN

9789359645933

Pages

96

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Junior Diamond

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9359645931

Flipkart

https://www.flipkart.com/chashma-tatha-anya-kahaniyan-hindi/p/itmab6d1ec3b2f75?pid=9789359645933

ISBN 10

9359645931

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