डॉ. कुँअर बेचैन जी ने गीत, ग़ज़ल, दोहे, माहिया, हाइकू, उपन्यास आदि विधाओं में बहुत काम किया। इसके साथ-साथ “पाँचाली ” एक महाकाव्य भी लिखा । ग़ज़ल की बारीकियाँ बताते हुए “ग़ज़ल का व्याकरण” नामक एक पुस्तक भी लिखी। इन पुस्तकों को पढ़कर लाखों लोगों ने ज्ञान अर्जित किया। और अब जनक छंद, नया कलेवर, नई विधा । पाँच सौ अड़तालीस जनक छंद इस पुस्तक में हैं डॉ. कुँअर बेचैन जी की सेना के सेनापति / संरक्षक श्री शरद एच रायजादा की अनुयायी में इस पुस्तक का सम्पादन हो रहा है। वन्दना दीदी और मैं ( दुर्गेश अवस्थी) एक सैनिक की तरह काम कर रहे हैं।
आप सभी पाठकों से निवेदन है कि इस पुस्तक के सारे जनक छंदों को पढ़ें और अपना आशीष प्रदान करें।
Chatke Hue Gilas Hum (चटके हुए गिलास हम)
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डॉ. कुँअर बेचैन जी ने गीत, ग़ज़ल, दोहे, माहिया, हाइकू, उपन्यास आदि विधाओं में बहुत काम किया। इसके साथ-साथ “पाँचाली ” एक महाकाव्य भी लिखा । ग़ज़ल की बारीकियाँ बताते हुए “ग़ज़ल का व्याकरण” नामक एक पुस्तक भी लिखी। इन पुस्तकों को पढ़कर लाखों लोगों ने ज्ञान अर्जित किया। और अब जनक छंद, नया कलेवर, नई विधा । पाँच सौ अड़तालीस जनक छंद इस पुस्तक में हैं डॉ. कुँअर बेचैन जी की सेना के सेनापति / संरक्षक श्री शरद एच रायजादा की अनुयायी में इस पुस्तक का सम्पादन हो रहा है। वन्दना दीदी और मैं ( दुर्गेश अवस्थी) एक सैनिक की तरह काम कर रहे हैं।
आप सभी पाठकों से निवेदन है कि इस पुस्तक के सारे जनक छंदों को पढ़ें और अपना आशीष प्रदान करें।
ISBN10-9359649740
Additional information
Author | Dr. Kunwar Bechain |
---|---|
ISBN | 9789359649740 |
Pages | 156 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/chatke-hue-gilas-hum-hindi/p/itmce8ea0e4be2ee?pid=9789359649740 |
ISBN 10 | 9359649740 |
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