Call us on: +91-9716244500

Free shipping On all orders above Rs 600/-

We are available 10am-5 pm, Need help? contact us

Dhananjay in Odia (ଧନଞ୍ଜୟ)

450.00

In stock

Other Buying Options

ଏହି ଉପନ୍ୟାସଟି ମହାଭାରତ ଘଟଣାବଳୀ ଉପରେ ଆଧାରିତ । ଏହା ଏପରି ଏକ ଉପନ୍ୟାସ ଯାହାର ପଟ୍ଟଭୂମି ଉପରେ ତର୍କ ଅନୁରୂପ ବପନ କରାଯାଇଛି ।
ଉପନ୍ୟାସର ନାୟକ ମହାଭାରତର ପ୍ରମୁଖ ପାତ୍ର ବୀର ଅର୍ଜୁନ। ଅର୍ଜୁନଙ୍କ ନାମ ଉଚ୍ଚାରଣ ହେଲା ମାତ୍ରେ ତାଙ୍କ ସାରଥୀ ଭଗବାନ ଶ୍ରୀକୃଷ୍ଣଙ୍କ ନାମ ମନ ମଧ୍ୟରେ ଅବତୀର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଯାଏ । ମାତ୍ର ଶ୍ରୀକୃଷ୍ଣ କେବଳ ଅଠର ଦିନ ପାଇଁ କୁରୁକ୍ଷେତ୍ର ରଣାଙ୍ଗନରେ ତାଙ୍କର ସାରଥୀ ହୋଇଥିଲେ। ଏହା ପୂର୍ବରୁ ଅର୍ଜୁନ ଅନେକ ଯୁଦ୍ଧ କରିଥିଲେ। ସେହି ଯୁଦ୍ଧଗୁଡ଼ିକରେ ଆର୍ଯ୍ୟାବର୍ଭର ସମୃଦ୍ଧ ଯୋଦ୍ଧା ଏବଂ
ଏହି ଉପନ୍ୟାସଟିରେ ବେଦବ୍ୟାସଙ୍କ ଅନୁରୂପ ଅର୍ଜୁନଙ୍କ ଅଦ୍ବିତୀୟ ଶୌର୍ଯ୍ୟ ଏବଂ ପ୍ରେମ ପ୍ରସଙ୍ଗ ସହିତ ତାଙ୍କ ଜୀବନଗାଥା ସଂଯୋଜିତ । ଏହା ନିଶ୍ଚିତ ଭାବେ ରୋଚକ ତଥା ଆକର୍ଷଣୀୟ ଏବଂ ନୂତନତାରେ ଭରପୂର ।

अरे! ये तो साक्षात महादेव हैं! क्या मैं अभी तक महादेव से युद्ध कर रहा था! सोचकर मेरा रोम-रोम सिहर उठा। उन्हें सामने देखकर मन में भावनाओं का प्रबल ज्वार उठा और एक तरंग नख से शिख तक प्रवाहित हो गई। मैं दौड़कर उनके पास गया और दंडवत मुद्रा में लेट गया।उन्होंने मुझे कंधे से पकड़कर ऊपर उठाया और बोले, “फाल्गुन! मैं तुम्हारे इस अनुपम पराक्रम, शौर्य और धैर्य से बहुत संतुष्ट हूँ। तुम्हारे समान दूसरा कोई क्षत्रिय नहीं है। तुम्हारा तेज और पराक्रम मेरी प्रशंसा का पात्र है।” उनके शब्द मेरे कानों में शहद की तरह पड़ रहे थे। मेरे मन और प्राण का कोना-कोना सिक्त हो रहा था। इस आनंद का अनुभव मेरे लिए नवीन था। भावनाओं के अतिरेक से मेरे नेत्र बंद हो गए।उन्होंने आगे कहा, “मेरी ओर देखो भरतश्रेष्ठ! मैं तुम्हें वरदान देता हूँ कि तुम युद्ध में अपने शत्रुओं पर, वे चाहे सम्पूर्ण देवता ही क्यों न हों, विजय पाओगे। मैं तुम्हें अपना पाशुपत अस्त्र दूंगा, जिसकी गति को कोई नहीं रोक सकता। तुम शीघ्र ही मेरे उस अस्त्र को धारण करने में समर्थ हो जाओगे। समस्त त्रिलोक में कोई ऐसा नहीं है, जो उसके द्वारा मारा न जामैं अपने घुटनों पर बैठ गया और उनके चरणों पर मैंने अपना सिर रख दिया। मेरी आँखों से आँसू झरने लगे। मेरे आराध्य मेरे सम्मुख खड़े थे। मुझे आशीर्वाद दे रहे थे।-इसी पुस्तक से.

ISBN10-9356846251

ଏହି ଉପନ୍ୟାସଟି ମହାଭାରତ ଘଟଣାବଳୀ ଉପରେ ଆଧାରିତ । ଏହା ଏପରି ଏକ ଉପନ୍ୟାସ ଯାହାର ପଟ୍ଟଭୂମି ଉପରେ ତର୍କ ଅନୁରୂପ ବପନ କରାଯାଇଛି ।
ଉପନ୍ୟାସର ନାୟକ ମହାଭାରତର ପ୍ରମୁଖ ପାତ୍ର ବୀର ଅର୍ଜୁନ। ଅର୍ଜୁନଙ୍କ ନାମ ଉଚ୍ଚାରଣ ହେଲା ମାତ୍ରେ ତାଙ୍କ ସାରଥୀ ଭଗବାନ ଶ୍ରୀକୃଷ୍ଣଙ୍କ ନାମ ମନ ମଧ୍ୟରେ ଅବତୀର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଯାଏ । ମାତ୍ର ଶ୍ରୀକୃଷ୍ଣ କେବଳ ଅଠର ଦିନ ପାଇଁ କୁରୁକ୍ଷେତ୍ର ରଣାଙ୍ଗନରେ ତାଙ୍କର ସାରଥୀ ହୋଇଥିଲେ। ଏହା ପୂର୍ବରୁ ଅର୍ଜୁନ ଅନେକ ଯୁଦ୍ଧ କରିଥିଲେ। ସେହି ଯୁଦ୍ଧଗୁଡ଼ିକରେ ଆର୍ଯ୍ୟାବର୍ଭର ସମୃଦ୍ଧ ଯୋଦ୍ଧା ଏବଂ
ଏହି ଉପନ୍ୟାସଟିରେ ବେଦବ୍ୟାସଙ୍କ ଅନୁରୂପ ଅର୍ଜୁନଙ୍କ ଅଦ୍ବିତୀୟ ଶୌର୍ଯ୍ୟ ଏବଂ ପ୍ରେମ ପ୍ରସଙ୍ଗ ସହିତ ତାଙ୍କ ଜୀବନଗାଥା ସଂଯୋଜିତ । ଏହା ନିଶ୍ଚିତ ଭାବେ ରୋଚକ ତଥା ଆକର୍ଷଣୀୟ ଏବଂ ନୂତନତାରେ ଭରପୂର ।

अरे! ये तो साक्षात महादेव हैं! क्या मैं अभी तक महादेव से युद्ध कर रहा था! सोचकर मेरा रोम-रोम सिहर उठा। उन्हें सामने देखकर मन में भावनाओं का प्रबल ज्वार उठा और एक तरंग नख से शिख तक प्रवाहित हो गई। मैं दौड़कर उनके पास गया और दंडवत मुद्रा में लेट गया।उन्होंने मुझे कंधे से पकड़कर ऊपर उठाया और बोले, “फाल्गुन! मैं तुम्हारे इस अनुपम पराक्रम, शौर्य और धैर्य से बहुत संतुष्ट हूँ। तुम्हारे समान दूसरा कोई क्षत्रिय नहीं है। तुम्हारा तेज और पराक्रम मेरी प्रशंसा का पात्र है।” उनके शब्द मेरे कानों में शहद की तरह पड़ रहे थे। मेरे मन और प्राण का कोना-कोना सिक्त हो रहा था। इस आनंद का अनुभव मेरे लिए नवीन था। भावनाओं के अतिरेक से मेरे नेत्र बंद हो गए।उन्होंने आगे कहा, “मेरी ओर देखो भरतश्रेष्ठ! मैं तुम्हें वरदान देता हूँ कि तुम युद्ध में अपने शत्रुओं पर, वे चाहे सम्पूर्ण देवता ही क्यों न हों, विजय पाओगे। मैं तुम्हें अपना पाशुपत अस्त्र दूंगा, जिसकी गति को कोई नहीं रोक सकता। तुम शीघ्र ही मेरे उस अस्त्र को धारण करने में समर्थ हो जाओगे। समस्त त्रिलोक में कोई ऐसा नहीं है, जो उसके द्वारा मारा न जामैं अपने घुटनों पर बैठ गया और उनके चरणों पर मैंने अपना सिर रख दिया। मेरी आँखों से आँसू झरने लगे। मेरे आराध्य मेरे सम्मुख खड़े थे। मुझे आशीर्वाद दे रहे थे।-इसी पुस्तक से.

Additional information

Author

Pratap Narayan Singh

ISBN

9789356846258

Pages

130

Format

Paperback

Language

Oriya

Publisher

Junior Diamond

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9356846251

Flipkart

https://www.flipkart.com/dhananjay-in-odia/p/itm657a269c2b8a4?pid=9789356846258

ISBN 10

9356846251

SKU 9789356846258 Categories , ,

Social Media Posts

This is a gallery to showcase images from your recent social posts