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Dharmputra In Hindi (धर्मपुत्र) In Hardcover

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किताब के बारे में

धर्मपुत्र मनुष्य की अस्मिता के बारे में मूल प्रश्न उठाता है- क्या किसी इंसान का अस्तित्व इस बात पर निर्भर है कि वह किस परिवार में जन्मा या उसे किस प्रकार की शिक्षा संस्कार दिए गए या फिर इंसान की अस्मिता धर्म, शिक्षा और संस्कारों से परे इंसानियत से जुड़े जीवन-मूल्यों से है। यह कहानी है हिन्दू और मुसलमान परिवार की जिनका आपस में प्रेम भरा संबंध है। मुस्लिम परिवार की जवान लड़की की नाजायज औलाद को हिन्दू परिवार अपना लेता है और हिन्दू संस्कारों से उसका पालन-पोषण करता है। जवान होते-होते यह लड़का कट्टर हिन्दू बन जाता है और उसकी धारणा है कि मुसलमानों को भारत छोड़ देना चाहिए। इसी दौरान उसे अपनी जन्म देनेवाली मां की सच्चाई का पता चलता है। मां और बेटे के आपसी संबंध होने के बावजूद वे नदी के दो अलग-अलग किनारों की तरह खड़े हैं और बीच में घृणा और अविश्वास की सुलगती नदी वह रही है।मशहूर फ़िल्म-निर्माता यश चोपड़ा ने 1961 में इस उपन्यास पर इसी नाम से फ़िल्म बनाई थी जो बहुत ही लोकप्रिय हुई थी।

लेखक के बारे में

आचार्य चतुरसेन जी साहित्य की किसी एक विशिष्ट विधा तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने किशोरावस्था में कहानी और गीतिकाव्य लिखना शुरू किया, बाद में उनका साहित्य-क्षितिज फैला और वे जीवनी, संस्मरण, इतिहास, उपन्यास, नाटक तथा धार्मिक विषयों पर लिखने लगे।
शास्त्रीजी साहित्यकार ही नहीं बल्कि एक कुशल चिकित्सक आचाय चतुरसन भी थे। वैद्य होने पर भी उनकी साहित्य-सर्जन में गहरी रुचि थी। उन्होंने राजनीति, धर्मशास्त्र, समाजशास्त्र, इतिहास और युगबोध जैसे विभिन्न विषयों पर लिखा। ‘वैशाली की नगरवधू’, ‘वयं रक्षाम’ और ‘सोमनाथ’, ‘गोली’, ‘सोना औरखून’ (तीन खंड), ‘रत्तफ की प्यास’, ‘हृदय की प्यास’, ‘अमर अभिलाषा’, ‘नरमेघ’, ‘अपराजिता’, ‘धर्मपुत्र’ सबसे ज्यादा चर्चित कृतियाँ हैं।

धर्मपुत्र उपन्यास किस विषय पर आधारित है?

यह कहानी है हिन्दू और मुसलमान परिवार की जिनका आपस में प्रेम भरा संबंध है। मुस्लिम परिवार की जवान लड़की की नाजायज औलाद को हिन्दू परिवार अपना लेता है और हिन्दू संस्कारों से उसका पालन-पोषण करता है।

धर्मपुत्र का मुख्य संदेश क्या है?

इसका मुख्य संदेश है परिवार, त्याग, और मानवता के मूल्यों का महत्व अदि को दर्शाता है।

फ़िल्म-निर्माता यश चोपड़ा ने धर्मपुत्र उपन्यास पर इसी नाम से फ़िल्म कब बनाई थी?

मशहूर फ़िल्म-निर्माता यश चोपड़ा ने 1961 में इस उपन्यास पर इसी नाम से फ़िल्म बनाई थी जो बहुत ही लोकप्रिय हुई थी।

क्या धर्मपुत्र पुस्तक में पारिवारिक संघर्षों का चित्रण है?

इस उपन्यास में मुख्य पात्र की धारणा है कि मुसलमानों को भारत छोड़ देना चाहिए। इसी दौरान उसे अपनी जन्म देनेवाली मां की सच्चाई का पता चलता है। मां और बेटे के आपसी संबंध होने के बावजूद वे नदी के दो अलग-अलग किनारों की तरह खड़े हैं और बीच में घृणा और अविश्वास की सुलगती नदी वह रही है।

धर्मपुत्र की कहानी का मुख्य पात्र किस बात को अधिक महत्व देता है?

इस उपन्यास का मुख्य पात्र धर्म और आदर्शों को अधिक महत्व देता है। यह उपन्यास धर्म से जुड़े मूल्यों को दर्शाता है, लेकिन यह किसी विशेष धर्म पर आधारित नहीं है।

Additional information

Weight 0.260 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 0.97 cm
Author

Acharya Chatursen

Pages

144

Format

Hardcover

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN10-: 935599348X

SKU 9789355993489 Categories , Tags ,

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