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ध्‍यान दर्शन-Dhyan Darshan by osho

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ओशो स्वयं तूफानों को पाले हुए थे। और उनका अक्षर-अक्षर मुहब्बत का दीया बनकर उन तूफानों में जलता रहा… जलता रहेगा। यह अक्षर उन्हीं के नाम जिस ओशो से मैंने बहुत कुछ पाया है, अर्पित करती हूं-
‘कह दो मुखालिफ हवाओं से कह दो
मुहब्बत का दीया तो जलता रहेगा।’”

—अमृता प्रीतम

ISBN10-8128802771

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Osho
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About the Author

Osho: Osho was an Indian spiritual leader and philosopher. He was a prolific author, with over 600 books to his name. He also received several honours, including the Rajiv Gandhi Award for International Understanding.

ओशो (1931-1990), जिन्हें आचार्य रजनीश और भगवान श्री रजनीश के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रख्यात भारतीय आध्यात्मिक गुरु, दार्शनिक और विचारक थे। ओशो ने ध्यान, प्रेम, और जीवन के सार को गहराई से समझाया और समाज के स्थापित मान्यताओं को चुनौती दी। उन्होंने अपने प्रवचनों के माध्यम से ध्यान को एक नई दृष्टि दी और इसे आधुनिक जीवन की समस्याओं से निपटने का साधन बताया। उनका शिक्षण जीवन के प्रत्येक पहलू को छूता है, जिसमें आत्म-ज्ञान, प्रेम, स्वतंत्रता, और भक्ति का अद्वितीय मिश्रण शामिल है।
ओशो की शिक्षाएं ध्यान और आत्म-जागृति पर आधारित हैं और उनका जीवन-दर्शन पूरी दुनिया में लाखों अनुयायियों द्वारा सराहा जाता है।

ओशो के अनुसार ध्यान का क्या महत्व है?

ओशो के अनुसार, ध्यान व्यक्ति को उसकी आत्मा से जोड़ता है और उसे सच्ची शांति और संतुलन प्रदान करता है। यह आत्म-ज्ञान का साधन है।

ध्यान के क्या लाभ हैं?

ध्यान के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर की शांति, संतुलन और आनंद पा सकता है। यह मानसिक तनाव को कम करने और आत्म-ज्ञान प्राप्त करने में सहायक होता है।

ओशो ने ध्यान को जीवनशैली के रूप में कैसे प्रस्तुत किया है?

ओशो ने ध्यान को केवल एक आध्यात्मिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक जीवनशैली के रूप में प्रस्तुत किया है, जो व्यक्ति के जीवन में गहरे बदलाव ला सकती है।

ओशो के अनुसार ध्यान की प्रक्रिया क्या है?

ओशो के अनुसार, ध्यान एक साधन है जो व्यक्ति को निर्विचार अवस्था में ले जाता है, जहां वह अपनी आत्मा से जुड़ता है और सच्ची शांति का अनुभव करता है।

ध्यान के बिना जीवन कैसा होता है?

ओशो के अनुसार, ध्यान के बिना जीवन अस्थिर और अशांत रहता है। ध्यान व्यक्ति को बाहरी दुनिया की हलचल से मुक्त करता है और आंतरिक शांति प्रदान करता है।

ध्यान और भक्ति में क्या संबंध है?

ध्यान के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर की शांति प्राप्त करता है, जो उसे भक्ति और परमात्मा की खोज की ओर ले जाती है।

ओशो के ध्यान दर्शन का मुख्य संदेश क्या है?

ओशो के ध्यान दर्शन का मुख्य संदेश है कि ध्यान आत्म-ज्ञान प्राप्त करने का सबसे महत्वपूर्ण साधन है और इसे जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाया जाना चाहिए

Additional information

Weight 160 g
Dimensions 17.78 × 12.7 × 1 cm
Author

Osho

ISBN

8128802771

Pages

120

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128802771