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Dhyan ki Vidhiyan Evam Mann Ki Shaktiyan (ध्यान की विधियाँ एवं मन की शक्तियां) : Swami Vivekananda’s Guide to Meditation and Mental Power (Hindi Edition)
Dhyan ki Vidhiyan Evam Mann Ki Shaktiyan (ध्यान की विधियाँ एवं मन की शक्तियां) : Swami Vivekananda’s Guide to Meditation and Mental Power (Hindi Edition)
Dhyan ki Vidhiyan Evam Mann Ki Shaktiyan (ध्यान की विधियाँ एवं मन की शक्तियां) : Swami Vivekananda’s Guide to Meditation and Mental Power (Hindi Edition)

Dhyan ki Vidhiyan Evam Mann Ki Shaktiyan (ध्यान की विधियाँ एवं मन की शक्तियां) : Swami Vivekananda’s Guide to Meditation and Mental Power (Hindi Edition)-In Paperback

Original price was: ₹200.00.Current price is: ₹199.00.

किताब के बारे में

ध्यान की विधियाँ एवं मन की शक्तियां -: यह पुस्तक स्वामी विवेकानंद के व्याख्यानों और लेखों का एक संग्रह है, जिसमें उन्होंने ध्यान की वैज्ञानिक और व्यावहारिक विधियों पर प्रकाश डाला है। वे बताते हैं कि किस प्रकार नियमित ध्यान के अभ्यास से हम अपने मन को एकाग्र कर सकते हैं, आंतरिक शांति प्राप्त कर सकते हैं और अपनी मानसिक शक्तियों का विकास कर सकते हैं।विवेकानंद विभिन्न प्रकार के ध्यान के तरीकों का वर्णन करते हैं, जैसे कि श्वास पर ध्यान केंद्रित करना, मंत्र जप, और विभिन्न मानसिक छवियों का उपयोग करना। वे यह भी स्पष्ट करते हैं कि मन की शक्ति का उपयोग करके हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि दूसरों की भी सहायता कर सकते हैं।यह पुस्तक हमें सिखाती है कि मन एक शक्तिशाली उपकरण है, और ध्यान के माध्यम से हम इस शक्ति को जागृत कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए एक अमूल्य मार्गदर्शिका है जो अपने आध्यात्मिक और मानसिक विकास में रुचि रखते हैं और ध्यान के गहरे रहस्यों को समझना चाहते हैं। स्वामी विवेकानंद के ओजस्वी विचारों और स्पष्ट व्याख्याओं के कारण, यह पुस्तक आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी अपने प्रकाशन के समय थी।

लेखक के बारे में

स्वामी विवेकानंद, जिनका बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, इनका जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ था। उनके पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता उच्च न्यायालय में अटॉर्नी (वकील) थे और उनकी माता भुवनेश्वरी देवी एक धर्मपरायण महिला थीं। बचपन से ही नरेंद्र कुशाग्र बुद्धि के थे और उनकी धर्म तथा आध्यात्म में गहरी रुचि थी।शुरुआत में वे ब्रह्म समाज से जुड़े, लेकिन उन्हें वहां संतोष नहीं मिला। अपनी आध्यात्मिक जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए वे कई साधु-संतों के पास गए और अंततः उन्हें रामकृष्ण परमहंस में अपना गुरु मिला। रामकृष्ण परमहंस के रहस्यमय व्यक्तित्व और शिक्षाओं ने नरेंद्र के जीवन को पूरी तरह बदल दिया।25 वर्ष की आयु में नरेंद्रनाथ ने संन्यास ले लिया और ‘विवेकानंद’ के नाम से जाने जाने लगे। उन्होंने पूरे भारतवर्ष की पैदल यात्रा की और देश की गरीबी और दुर्दशा को करीब से देखा। उनका मानना था कि ‘मेरा ईश्वर दुखी, पीड़ित हर जाति का निर्धन मनुष्य है। 1893 में, स्वामी विवेकानंद ने शिकागो (अमेरिका) में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत और सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया। उनके प्रभावशाली भाषण ने पश्चिमी दुनिया को भारतीय दर्शन और आध्यात्मिकता से परिचित कराया। उन्होंने वेदांत और योग को पश्चिमी देशों में लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।उन्होंने 1897 में अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के नाम पर ‘रामकृष्ण मिशन’ की स्थापना की। यह मिशन शिक्षा, चिकित्सा सहायता, आपदा राहत और जनजातियों के कल्याण जैसे सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से संलग्न है। स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को ‘उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो’ का नारा दिया।वे भारतीय राष्ट्रवाद के प्रमुख प्रतीक और एक देशभक्त संत के रूप में जाने जाते हैं। उनका जन्मदिन 12 जनवरी को भारत में ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। 4 जुलाई, 1902 को मात्र 39 वर्ष की अल्पायु में स्वामी विवेकानंद का निधन हो गया, लेकिन उनके विचार और शिक्षाएं आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं।

ध्यान की विधियाँ एवं मन की शक्तियां पुस्तक किसने लिखी है और इसका मुख्य विषय क्या है?

यह पुस्तक स्वामी विवेकानंद के व्याख्यानों और लेखों पर आधारित है, जिसमें ध्यान की विधियों और मन की शक्ति पर प्रकाश डाला गया है।

ध्यान की विधियाँ एवं मन की शक्तियां पुस्तक में ध्यान को किस प्रकार प्रस्तुत किया गया है?

पुस्तक में ध्यान को वैज्ञानिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से समझाया गया है, न कि केवल धार्मिक रीति से।

स्वामी विवेकानंद ध्यान की कौन-कौन सी विधियाँ बताते हैं?

जैसे: श्वास पर ध्यान, मंत्र-जप, मानसिक छवियों का प्रयोग आदि।

ध्यान की विधियाँ एवं मन की शक्तियां पुस्तक में मन की शक्ति का क्या महत्व है ?

विवेकानंद बताते हैं कि मन एक अद्भुत उपकरण है, जिसे ध्यान के माध्यम से साधा जा सकता है।

स्वामी विवेकानंद का ध्यान में विश्वास कैसे विकसित हुआ?

यह विश्वास रामकृष्ण परमहंस के मार्गदर्शन और अनुभव से विकसित हुआ।

Additional information

Weight 0.175 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 1.4 cm
Author

Swami Vivekanand

Pages

192

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN10-: 9363233006

SKU 9789363233003 Category Tags ,