₹200.00 Original price was: ₹200.00.₹199.00Current price is: ₹199.00.
महाबलेश्वर के प्राकृतिक वातावरण में ओशो द्वारा संचालित ध्यान शिविर के दौरान हुए प्रवचनों व प्रायोगिक ध्यान प्रयोगों का संकलन है यह पुस्तक। शरीर, विचारों और भावों की एक-एक परत से ग्रंथियों को विलीन करने की कला समझते हुए, ओशो हमें समग्र स्वास्थ्य और संतुलन की ओर लिए चलते हैं। पुस्तक के कुछ अन्य विषय-बिन्दुः • सेक्स उर्जा का सृजनात्मक उपयोग कैसे करें? • क्रोध् क्या है? क्या है उसकी शक्ति?
• अहंकार को किस शक्ति में बदलें
• वैज्ञानिक युग में अध्यात्म का क्या स्थान है?”
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
ओशो एक उच्च कोटि के वक्ता थे। उनका बोलने पर इतना आत्मविश्वास था की एक बार जो बोल दिया सो बोला दिया वही आखिरी होगा।
ओशो ने लगभग-लगभग हर एक विषय पर बात/प्रवचन दिए हैं। यदि साहित्यिक लेखिकी को छोड़ दें तो भारत में सबसे ज्यादा किताबें ओशो की बिकती हैं। ओशो सेक्सुअलिटी पर खुले रूप से बातें किया करते थे और वो सेक्स को लेकर बड़े स्वतंत्र होकर बातें किया करते थे ।
ओशो एक बहुत ही गजब के तर्क शास्त्री थे। वह किसी भी बात को सही और गलत साबित करने के पूरी क्षमता रखते थे।
ओशो बचपन से ही लक्सरी लाइफ जीने के आदि रहे थे।
ओशो को अमीरों का गुरु कहा जाता है और खुद भी उन्होंने अपने इंटरव्यूज मे बार-बार जिक्र किया है की वो अमीरों के गुरु हैं। आपको पता है ओशो के पास 90 रॉयल्स रोल्स कारें थीं।
ओशो की म्रत्यु आज भी रहस्य है। कहा तो ये भी जाता है की उन्हीं के करीबी शिष्यों ने उनकी हत्या को अंजाम दिया था।
इसके सबूत भी मिलते हैं क्योंकि उनकी हत्या शिष्यों के बीच हुई और उन्होंने कहा कि गुरु जी ने देह त्याग दी।
ध्यान सूत्र ध्यान और आत्मज्ञान की गहरी समझ-ओशो द्वारा लिखित ‘ध्यान सूत्र’ एक गहन और प्रभावशाली पुस्तक है जो ध्यान और आत्मज्ञान के मार्ग को सरलता से समझाती है। यह पुस्तक ध्यान की विभिन्न विधियों, मानसिक शांति, और आत्म-खोज के रहस्यों पर केंद्रित है। ध्यान की प्राचीन विधियों को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करते हुए, यह मानसिक शांति और आत्म-ज्ञान की ओर बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शिका है।
ओशो एक प्रसिद्ध अध्यात्मिक गुरु थे, जो ध्यान और आत्मज्ञान पर अपने विचारों के लिए जाने जाते हैं।
नहीं, यह पुस्तक ध्यान के साथ-साथ जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
यह पुस्तक ध्यान की गहरी तकनीकों और आत्मज्ञान की खोज में मदद करती है।
इसमें सेक्स ऊर्जा, क्रोध की शक्ति, अहंकार का सकारात्मक रूपांतरण, और आधुनिक युग में अध्यात्म का स्थान शामिल हैं।
ओशो के शिक्षण में ध्यान और आत्म-खोज का गहरा संबंध है, जो व्यक्तियों को मानसिक शांति की ओर अग्रसर करता है।
Weight | 150 g |
---|---|
Dimensions | 21.6 × 14 × 0.9 cm |
Author | Osho |
ISBN | 9788128834752 |
Pages | 112 |
Format | Paper back |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128834754 |
महाबलेश्वर के प्राकृतिक वातावरण में ओशो द्वारा संचालित ध्यान शिविर के दौरान हुए प्रवचनों व प्रायोगिक ध्यान प्रयोगों का संकलन है यह पुस्तक। शरीर, विचारों और भावों की एक-एक परत से ग्रंथियों को विलीन करने की कला समझते हुए, ओशो हमें समग्र स्वास्थ्य और संतुलन की ओर लिए चलते हैं।
पुस्तक के कुछ अन्य विषय-बिन्दुः • सेक्स उर्जा का सृजनात्मक उपयोग कैसे करें? • क्रोध् क्या है? क्या है उसकी शक्ति? • अहंकार को किस शक्ति में बदलें? • वैज्ञानिक युग में अध्यात्म का क्या स्थान है?”
ISBN10-8128834754
Business and Management, Religions & Philosophy
Diamond Books, Books, Business and Management, Economics
Self Help, Books, Diamond Books