पुस्तक के बारे में
यह पुस्तक आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के सबसे बड़े धोखे यानी ‘डायबिटीज’ का खुलासा करती है। इसमें बताया गया है कि डायबिटीज एक एंडोक्राइन डिसऑर्डर की बजाए कहीं अधिक, एक राजनीतिक रोग है और अंत में यह पुस्तक पाठकों को ऐसे सरल व सहज उपाय सुझाती है, जो किसी भी रोगी को इस योग्य बना देते हैं कि वह स्वयं को 3 डी अर्थात वह डायबिटीज, ड्रग्स व डॉक्टर से छुटकारा दिला सके और इस तरह देश को भी इस रोग की चिकित्सा पर होने वाले भारी-भरकम आर्थिक बोझ से छुटकारा दिला सकता है। यह पुस्तक लेखक द्वारा विश्व के सबसे रोगी राष्ट्र (कुवैत, जहां डायबिटिक रोगियों का प्रतिशत सबसे अधिक 17.5% है ) में बिताए गए समय तथा विश्व की सबसे अधिक आयु वाली महिला (121 वर्षीया न्यूगेन थ्री थ्रू) के साथ हुए अनुभवों पर आधारित है।
लेखक के बारे में
डायबिटीज में पीएचडी करने वाले डॉ. बिस्वरूप रॉय चौधरी अपने क्रांतिकारी डीआईपीडाइट, एनआईसीई प्रोटोकॉल और पोस्व्युरल मेडिसिन के लिए विश्व विख्यात हैं। उन्होंने 25 किताबें लिखी हैं और स्विट्जरलैंड, मलेशिया, वियतनाम तथा भारत में अपने स्वास्थ्य केन्द्र चलाते हैं। वह लिंकन यूनिवर्सिटी के लिए इमरजेंसी लाइफ स्पोर्ट कार्यक्रम के अलावा मेडिकल न्यूट्रिशन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाते हैं। उनके हाल ही के नवीन कार्यों में हिम्स अस्पताल शामिल है जो सीकेडी को रिवर्स करने में विशेषज्ञता हासिल करने वाले अस्पतालों की एक श्रृंखला है।
क्या यह संभव है कि 72 घंटों में डायबिटीज का उपचार हो सके?
यह पुस्तक वैकल्पिक उपचार पद्धतियों का सुझाव देती है, जो 72 घंटों में मधुमेह के प्रभाव को नियंत्रित करने या कम करने में सहायक हो सकती है। हालांकि, चिकित्सकीय परामर्श और सावधानियों का पालन अनिवार्य है।
इस डायबिटीज टाइप I u0026amp; II 72 घंटों मे रोगमुक्ति में दिए गए उपाय किस प्रकार के हैं?
इस पुस्तक में विभिन्न प्राकृतिक पद्धतियों, आहार संबंधी सुझावों और जीवनशैली में बदलाव के माध्यम से मधुमेह के नियंत्रण और रोगमुक्ति पर जोर दिया गया है।
क्या ये डायबिटीज टाइप I u0026amp; II 72 घंटों मे रोगमुक्ति हर प्रकार के मधुमेह रोगियों के लिए सुरक्षित हैं?
हर व्यक्ति के स्वास्थ्य की स्थिति अलग होती है, इसलिए इन उपायों को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करना आवश्यक है, खासकर यदि व्यक्ति टाइप I मधुमेह से पीड़ित हैं।
क्या डायबिटीज टाइप I u0026amp; II 72 घंटों मे रोगमुक्ति पुस्तक में दिए गए सुझाव वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित हैं?
पुस्तक में दिए गए उपायों का समर्थन कुछ अध्ययनों और अनुभवों से किया जा सकता है, लेकिन यह पुस्तक वैकल्पिक चिकित्सा पर आधारित है और इसे अपनाने से पहले पेशेवर स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए।
डायबिटीज टाइप I u0026amp; II 72 घंटों मे रोगमुक्ति पुस्तक का उद्देश्य क्या है?
इस पुस्तक का उद्देश्य मधुमेह रोगियों को जागरूक करना और उन्हें रोगमुक्त जीवन की ओर प्रेरित करना है। इसके जरिए पाठक अपनी दिनचर्या में बदलाव लाकर मधुमेह पर नियंत्रण पा सकते हैं।