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Dinesh Dohavali (दिनेश दोहावली)

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दोहा अर्धसम मात्रिक छंद है और साहित्य – क्षेत्र में अत्यंत लोकप्रिय है । दोहे की रचना आसान है परन्तु इतने छोटे से और स्वतंत्र छंद में भावों- विचारों को पिरोना थोड़ा कठिन कार्य है। मुझे दोहा छंद अत्यंत प्रिय है और मैं काफी समय से दोहे लिख रहा हूँ। मुझे यह महसूस होता रहा कि मैं अभी इससे अच्छा लिख सकता हूँ, यही एहसास मुझे दिनेश- दोहावली तक खींच लाया जो आपके हाथों में है । पुस्तक में ख़ाली स्थानों पर कुंडलिया छंद एवं एक गीतिका भी दी गई है।

About the Author

डॉ0 दिनेश चंद्र अवस्थी
जन्म – 15 अगस्त 1951, ग्राम अवस्थी पुरवा (धौरहरा)
जिला – लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश |
पिता – स्वर्गीय अवध बिहारी लाल अवस्थी (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी)
माता – स्वर्गीय विद्यावती
पत्नी – श्रीमती पुष्पा अवस्थी
शिक्षा – एम० ए० इतिहास एवं हिंदी अनुवाद एलएल0बी, पीएचडी
व्यवसाय – सेवानिवृत्त वित्त नियंत्रक विधानसभा उत्तर प्रदेश
संपत्ति – अधिवक्ता प्रकाशन- दिनेश की कुंडलियाँ, सामयिक कुंडलियाँ भावांजलि (गीतिका संग्रह) एहसास की खुशबू (फारसी लिपि में), कवि प्रदीप का हिंदी साहित्य में अवदान, व्यंग्य बाण, पधात्मक सूक्ति कोष, दोहा- वल्लरी |
विशेष – राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश के संस्थापक एवं महामंत्री | संस्थान के माध्यम से राज्य कर्मियों को प्रतिवर्ष एक लाख के 24 पुरस्कार दिए जाते हैं अपरिहार्य, पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है, दूरदर्शन लखनऊ पर साहित्य सरिता के 117 एपिसोड का प्रसारण किया गया एवं विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। अवध श्याम लल्ली विद्या संस्थान के संस्थापक एवं अध्यक्ष, राज्य विधानमंडल पेंशनर्स संस्थान उत्तर प्रदेश के संस्थापक | अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित, समाज सेवा एवं इमानदारी अपने माता-पिता से उत्तराधिकार के रूप में प्राप्त | साहित्य सृजन हेतु साहित्यकारों को प्रोत्साहित करने वाले अनुपम हिंदी सेवी के रूप में उत्कृष्ट ख्याति प्राप्त|

दोहा अर्धसम मात्रिक छंद है और साहित्य – क्षेत्र में अत्यंत लोकप्रिय है । दोहे की रचना आसान है परन्तु इतने छोटे से और स्वतंत्र छंद में भावों- विचारों को पिरोना थोड़ा कठिन कार्य है। मुझे दोहा छंद अत्यंत प्रिय है और मैं काफी समय से दोहे लिख रहा हूँ। मुझे यह महसूस होता रहा कि मैं अभी इससे अच्छा लिख सकता हूँ, यही एहसास मुझे दिनेश- दोहावली तक खींच लाया जो आपके हाथों में है । पुस्तक में ख़ाली स्थानों पर कुंडलिया छंद एवं एक गीतिका भी दी गई है।

About the Author

डॉ0 दिनेश चंद्र अवस्थी
जन्म – 15 अगस्त 1951, ग्राम अवस्थी पुरवा (धौरहरा)
जिला – लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश |
पिता – स्वर्गीय अवध बिहारी लाल अवस्थी (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी)
माता – स्वर्गीय विद्यावती
पत्नी – श्रीमती पुष्पा अवस्थी
शिक्षा – एम० ए० इतिहास एवं हिंदी अनुवाद एलएल0बी, पीएचडी
व्यवसाय – सेवानिवृत्त वित्त नियंत्रक विधानसभा उत्तर प्रदेश
संपत्ति – अधिवक्ता प्रकाशन- दिनेश की कुंडलियाँ, सामयिक कुंडलियाँ भावांजलि (गीतिका संग्रह) एहसास की खुशबू (फारसी लिपि में), कवि प्रदीप का हिंदी साहित्य में अवदान, व्यंग्य बाण, पधात्मक सूक्ति कोष, दोहा- वल्लरी |
विशेष – राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान उत्तर प्रदेश के संस्थापक एवं महामंत्री | संस्थान के माध्यम से राज्य कर्मियों को प्रतिवर्ष एक लाख के 24 पुरस्कार दिए जाते हैं अपरिहार्य, पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है, दूरदर्शन लखनऊ पर साहित्य सरिता के 117 एपिसोड का प्रसारण किया गया एवं विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। अवध श्याम लल्ली विद्या संस्थान के संस्थापक एवं अध्यक्ष, राज्य विधानमंडल पेंशनर्स संस्थान उत्तर प्रदेश के संस्थापक | अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत एवं सम्मानित, समाज सेवा एवं इमानदारी अपने माता-पिता से उत्तराधिकार के रूप में प्राप्त | साहित्य सृजन हेतु साहित्यकारों को प्रोत्साहित करने वाले अनुपम हिंदी सेवी के रूप में उत्कृष्ट ख्याति प्राप्त|

Additional information

Author

Dr. Dinesh Chandra Awasthi

ISBN

9789356846142

Pages

156

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Junior Diamond

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9356846146

Flipkart

https://www.flipkart.com/dinesh-dohavali/p/itmf91cb796e0b51?pid=9789356846142

ISBN 10

9356846146

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