Divyangana PB Hindi

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दिव्यांगना नाम की एक बिहारी लड़की थी, उसे झारखंड के रेहान नाम के एक मुस्लिम लड़के से प्यार हो गया। फि़र एक दिन दोनों ने भागकर शादी कर ली। लेकिन रेहान ने आई-ए-एस अफ़सर बनने के बाद दिव्यांगना को तलाक दे दिया। इस बात ने दिव्यांगना को बहुत चोट पहुँचाई और वह भी नौ महीने की अपनी बेटी के साथ आई-ए-एस की तैयारी करने निकल पड़ी।
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यह एक खूबसूरत प्रेम-कहानी का पहला हिस्सा है, जो हर किसी के दिल को छू जाएगी और खासकर युवा पीढ़ी के लोगों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी।

झारखंड के साहिबगंज जिले के बरहरवा प्रखण्ड के एक छोटे-से गांव ‘डोमपाड़ा‘ में 1991 में जन्मे अब्दुल बारी का साहित्य के क्षे= में यह पहला उपन्यास है। मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले अब्दुल बारी बी- एस- के- कॉलेज बरहरवा से बी-एस-सी- की पढ़ाई पूरी करने के बाद चाणक्य टीचर टेªेनिंग कॉलेज मधाुपुर, देवघर से बी-एड- की टेªनिंग ली। अपने लेखन से समाज में बदलाव लाने की इच्छा रखने वाले अब्दुल बारी एम-एस-सी- के छा= हैं।

Additional information

Author

Abdul Bari

ISBN

9789352961665

Pages

24

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

9352961668

दिव्यांगना नाम की एक बिहारी लड़की थी, उसे झारखंड के रेहान नाम के एक मुस्लिम लड़के से प्यार हो गया। फि़र एक दिन दोनों ने भागकर शादी कर ली। लेकिन रेहान ने आई-ए-एस अफ़सर बनने के बाद दिव्यांगना को तलाक दे दिया। इस बात ने दिव्यांगना को बहुत चोट पहुँचाई और वह भी नौ महीने की अपनी बेटी के साथ आई-ए-एस की तैयारी करने निकल पड़ी।
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यह एक खूबसूरत प्रेम-कहानी का पहला हिस्सा है, जो हर किसी के दिल को छू जाएगी और खासकर युवा पीढ़ी के लोगों को अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करेगी।

झारखंड के साहिबगंज जिले के बरहरवा प्रखण्ड के एक छोटे-से गांव ‘डोमपाड़ा‘ में 1991 में जन्मे अब्दुल बारी का साहित्य के क्षे= में यह पहला उपन्यास है। मूल रूप से बिहार से ताल्लुक रखने वाले अब्दुल बारी बी- एस- के- कॉलेज बरहरवा से बी-एस-सी- की पढ़ाई पूरी करने के बाद चाणक्य टीचर टेªेनिंग कॉलेज मधाुपुर, देवघर से बी-एड- की टेªनिंग ली। अपने लेखन से समाज में बदलाव लाने की इच्छा रखने वाले अब्दुल बारी एम-एस-सी- के छा= हैं।

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