Ek Ek Kadam (एक एक कदम)

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मैं आपको कहूं कि कोई कितना भी कमजोर हो, एक कदम उठाने की सामर्थ्य सबमें है। हजार मील चलने की न हो, हिमालय चढ़ने की न हो, लेकिन एक कदम उठा लेने की सामर्थ्य सबके भीतर है। अगर हम थोड़ा सा साहस जुटाएं, तो एक कदम निश्चित ही उठा सकते हैं।…एक कदम सबके लिए काफी है, क्योंकि दो कदम कोई भी एक साथ नहीं उठा सकता है। एक ही कदम उठाने की सामर्थ्य जुटा लेने की बात है। और उतनी सामर्थ्य प्रत्येक में है, जो जीवित है।ओशोपुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु: भारत, और भारत के लोग अहिंसात्मक क्रांति का क्या अर्थ है? प्रेम संतति-नियमन जिज्ञासा.

About the Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
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मैं आपको कहूं कि कोई कितना भी कमजोर हो, एक कदम उठाने की सामर्थ्य सबमें है। हजार मील चलने की न हो, हिमालय चढ़ने की न हो, लेकिन एक कदम उठा लेने की सामर्थ्य सबके भीतर है। अगर हम थोड़ा सा साहस जुटाएं, तो एक कदम निश्चित ही उठा सकते हैं।…एक कदम सबके लिए काफी है, क्योंकि दो कदम कोई भी एक साथ नहीं उठा सकता है। एक ही कदम उठाने की सामर्थ्य जुटा लेने की बात है। और उतनी सामर्थ्य प्रत्येक में है, जो जीवित है।ओशोपुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु: भारत, और भारत के लोग अहिंसात्मक क्रांति का क्या अर्थ है? प्रेम संतति-नियमन जिज्ञासा.

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ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

Additional information

Author

osho

ISBN

9789354867019

Pages

292

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Toons

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9354867014

Flipkart

https://www.flipkart.com/ek-kadam/p/itmd9pafyjkdsnqw?pid=9789354867019

ISBN 10

9354867014