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एक ओंकार सतनाम (Ek Onkar Satnam), जिसका अर्थ है “एक ईश्वर, और सत्य उसका नाम है”, सिख दर्शन का एक गहन आध्यात्मिक संदेश है। यह वाक्य सिख धर्म में एकता और ईश्वर की शाश्वत सच्चाई के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
यह पुस्तक इस महत्वपूर्ण सिद्धांत के गहरे अर्थों को उजागर करती है, जो कि केवल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए नहीं बल्कि उन सभी के लिए है जो शांति, प्रेम और सत्य की खोज में हैं। पुस्तक में सिख धर्म के विभिन्न पहलुओं और शास्त्रों के माध्यम से यह दर्शाया गया है कि कैसे एक ईश्वर और सत्य का यह विचार हमें एकजुट करता है और हमारे जीवन में शांति और सौहार्द लाता है।
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
एक ओंकार सतनाम का अर्थ है एक ईश्वर है, जिसका नाम सत्य है। यह सिख धर्म का प्रमुख मंत्र है, जो ईश्वर की एकता और सत्य की महत्ता को दर्शाता है
यह मंत्र सिख धर्म के मुख्य सिद्धांतों में से एक है, जो एक परमात्मा की उपासना और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। यह ईश्वर की सर्वव्यापकता और एकता को स्वीकार करता है।
इस मंत्र का जाप सिख धर्म के अनुयायियों द्वारा ध्यान और प्रार्थना के समय किया जाता है, जिससे वे ईश्वर के साथ आध्यात्मिक रूप से जुड़ सकें।
ओम और ओंकार में अंतरओम (ॐ)हिंदू धर्म का पवित्र शब्द, ब्रह्मांडीय ध्वनि और त्रिदेव का प्रतीक।ध्यान, योग, और मंत्रों में इस्तेमाल होता है। ओंकार (ੴ) सिख धर्म का प्रतीक, जिसका अर्थ एक ईश्वर है। सिख धर्म में ईश्वर की एकता और सत्य का प्रतिनिधित्व करता है। मुख्य अंतर ओम हिंदू धर्म में ब्रह्मांडीय ध्वनि है। ओंकार सिख धर्म में एक ईश्वर की एकता का प्रतीक है।
हाँ, पुस्तक में गुरु ग्रंथ साहिब और अन्य सिख धार्मिक ग्रंथों के उद्धरण शामिल हैं, जो सिख धर्म की शिक्षाओं को स्पष्ट करते हैं। ये उद्धरण पाठकों को गहरी सोचने और समझने के लिए प्रेरित करते हैं।
Weight | 0.375 g |
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Dimensions | 21.59 × 13.97 × 2.7 cm |
Author | Osho |
ISBN | 9788171823437 |
Pages | 144 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Toons |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/ek-onkar-satnam/p/itmdyu32hhu9atxc?pid=9788171823437 |
ISBN 10 | 8171823432 |
ओशो को हम किसी व्यक्ति विशेष के रूप में नहीं देखते। ओशो तो प्रेम, ध्यान, संगीत, नृत्य, गीत, रस, मस्ती सभी कुछ हैं।
जबसे हमने ओशो साहित्य का अध्ययन प्रारंभ किया तब से हमारे संगीत में प्रेम की फुहार पड़ने लगी है।
ओशो ने संगीत को प्रेम बांटने का सशक्त माध्यम बताया है। और ओशो का यही प्रेम हमारे संगीत के प्राण बनकर झरने लगा है।
— राजन साजन मिश्र
प्रसिद्ध संगीतज्ञ बंधु ISBN10-8171823432
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