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यह पुस्तक अपनी सोच बदल कर जीवन बदलने के लिए प्रेरित करेगी। इंसान जो सोच सकता है वह कर सकता है बस उसे खुद पर विश्वास रखना होगा। इस पुस्तक में अवचेतन मन की शक्ति एवं आकर्षण के नियम के बारे में बताया गया है। इंसान अपनी आदतें एवं संगत बदल कर खुद को बदल सकता है। खुद पर विश्वास रखकर कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। खराब किस्मत का रोना नहीं रोये ईश्वर ने हमें इंसान के रूप में जन्म दिया इससे अच्छी किस्मत क्या हो सकती है। शिकायत नहीं करें कर्म करते रहें सफलता आपके कदम चूमेगी। कोई भी चीज दो बार बनती है एक बार हमारी सोच में दूसरी बार हकीकत में। हम जैसा सोचते हैं वैसा हमारे साथ होने लग जाता है। हम अपनी सोच को बदल कर जीवन बदल सकते हैं। हम अपनी सोच को बदल कर रिश्तों को मधुर बना सकते हैं, स्वास्थ्य सुधार सकते हैं, धन को आकर्षित कर सकते हैं। यदि आप अपना जीवन बदलना चाहते हैं तो आपको जरूरत है बस अपनी सोच बदल डालने की। अभी देर नहीं हुई, आपकी एक सोच बदल सकती है तकदीर।
जीत और हार दोनों आपकी सोच पर निर्भर करती है। मान लो तो हार ठान लो तो जीत।
Author | Sunil Kumar Khoiwal |
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ISBN | 9789356846609 |
Pages | 48 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
Amazon | |
Flipkart | https://www.flipkart.com/ek-soch-badal-sakti-hai-taqdeer/p/itmfbbb7668b1bc4?pid=9789356846609 |
ISBN 10 | 935684660X |
यह पुस्तक अपनी सोच बदल कर जीवन बदलने के लिए प्रेरित करेगी। इंसान जो सोच सकता है वह कर सकता है बस उसे खुद पर विश्वास रखना होगा। इस पुस्तक में अवचेतन मन की शक्ति एवं आकर्षण के नियम के बारे में बताया गया है। इंसान अपनी आदतें एवं संगत बदल कर खुद को बदल सकता है। खुद पर विश्वास रखकर कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। खराब किस्मत का रोना नहीं रोये ईश्वर ने हमें इंसान के रूप में जन्म दिया इससे अच्छी किस्मत क्या हो सकती है। शिकायत नहीं करें कर्म करते रहें सफलता आपके कदम चूमेगी। कोई भी चीज दो बार बनती है एक बार हमारी सोच में दूसरी बार हकीकत में। हम जैसा सोचते हैं वैसा हमारे साथ होने लग जाता है। हम अपनी सोच को बदल कर जीवन बदल सकते हैं। हम अपनी सोच को बदल कर रिश्तों को मधुर बना सकते हैं, स्वास्थ्य सुधार सकते हैं, धन को आकर्षित कर सकते हैं। यदि आप अपना जीवन बदलना चाहते हैं तो आपको जरूरत है बस अपनी सोच बदल डालने की। अभी देर नहीं हुई, आपकी एक सोच बदल सकती है तकदीर।
जीत और हार दोनों आपकी सोच पर निर्भर करती है। मान लो तो हार ठान लो तो जीत।
Diamond Books, Diet & nutrition