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Gandhi Par Punarvichar (गाँधी पर पुनर्विचार)

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A Book Is Forever
Gandhi Par Punarvichar (गाँधी पर पुनर्विचार)
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Gandhi Par Punarvichar (गाँधी पर पुनर्विचार)

पुस्तक के बारे में

गाँधी पर पुनर्विचार एक गहरी और विचारशील पुस्तक है, जो महात्मा गांधी के सिद्धांतों और उनके आदर्शों पर पुनः विचार करती है। यह पुस्तक गांधी जी के विचारों की समग्र समीक्षा प्रस्तुत करती है और उनके दृष्टिकोण को आज के समय में लागू करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। यह पाठकों को गांधी के सत्य, अहिंसा, और स्वराज के विचारों से पुनः अवगत कराती है, साथ ही उनकी प्रासंगिकता को आज के समाज में समझाने की कोशिश करती है।

लेखक के बारे में

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

गाँधी पर पुनर्विचार पुस्तक गांधी जी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर आधारित है?

हां, यह पुस्तक गांधी जी के सत्य, अहिंसा, और स्वराज के सिद्धांतों पर केंद्रित है और यह समझाती है कि इन सिद्धांतों का आज के समय में क्या महत्व है।

गाँधी पर पुनर्विचार पुस्तक में गांधी जी के सिद्धांतों को आधुनिक समय में कैसे लागू किया जा सकता है?

पुस्तक में यह बताया गया है कि गांधी जी के सिद्धांतों को आज के समाज और राजनीति में किस तरह से लागू किया जा सकता है, ताकि हम सामाजिक और व्यक्तिगत बदलाव ला सकें।

क्या गाँधी पर पुनर्विचार पुस्तक गांधी जी के राजनीतिक विचारों पर भी आधारित है?

हां, यह पुस्तक गांधी जी के राजनीतिक विचारों का विश्लेषण करती है, विशेष रूप से उनके स्वराज, अहिंसा और स्वतंत्रता संग्राम के सिद्धांतों पर।

क्या गाँधी पर पुनर्विचार पुस्तक में गांधी जी के विचारों की आधुनिक संदर्भ में आलोचना की गई है?

हां, यह पुस्तक गांधी जी के विचारों की आधुनिक समय में प्रासंगिकता और उनके आलोचनात्मक मूल्यांकन पर भी चर्चा करती है।

क्या गाँधी पर पुनर्विचार पुस्तक में गांधी जी के विचारों का आधुनिक राजनीति और समाज में लागू करने के लिए सुझाव दिए गए हैं?

हां, पुस्तक में गांधी जी के विचारों को आज के समय में लागू करने के लिए कई व्यावहारिक सुझाव और विचार प्रस्तुत किए गए हैं।

क्या गाँधी पर पुनर्विचार पुस्तक में गांधी जी की शिक्षाओं के प्रभावों का उल्लेख किया गया है?

हां, यह पुस्तक गांधी जी की शिक्षाओं के दीर्घकालिक प्रभावों पर भी प्रकाश डालती है, और यह दिखाती है कि उनके विचारों ने न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित किया।

Additional information

Weight 130 g
Dimensions 17.8 × 12.7 × 0.8 cm
Author

Osho

ISBN

8128801295

Pages

176

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Fusion Books

ISBN 10

8128801295

ओशो के प्रखर विचारों ने ओजस्‍वी वाणी ने मनुष्‍यता के दुश्‍मनों पर, संप्रदायों पर मठाधीशों पर, अंधे राजनेताओं पर जोरदार प्रहार किया लेकिन पत्र-पत्रिकाओं ने छापीं या तो ओशो पर चटपटी मनगढ़ंत खबरे या उनकी निंदा की। भ्रम के बादल फैलाए, ये भ्रम के बादल आड़े आ गये ओशो और लोगों के जैसे सूरज के आगे बादल आ जाते हैं। इससे देर हुई। इससे देर हो रही है मनुष्‍य के सौभाग्‍य को मनुष्‍य तक पहुंचने में।

ISBN10-8128801295

SKU 9798128801296 Categories , Tags ,