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Godan (गोदान)

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गोदान’ प्रेमचंद की सर्वोत्तम कृति है, जिसमें उन्होंने ग्राम और शहर की दो कथाओं का यथार्थ रूप और संतुलित मिश्रण प्रस्तुत किया है। ‘गोदान’ होरी की कहानी है। उस होरी की जो जीवन-भर मेहनत करता है, अनेक कष्ट सहता है, केवल इसलिए कि उसकी मर्यादा की रक्षा हो सके और इसीलिए वह दूसरों को प्रसन्न रखने का प्रयास भी करता है किन्तु उसे इसका फल नहीं मिलता, फिर भी अपनी मर्यादा नहीं बचा पाता। अंततः वह तप-तप के अपने जीवन को ही होम कर देता है। यह केवल होरी की ही नहीं, अपितु उस काल के हर भारतीय किसान की आत्मकथा है। इसके साथ ही जुड़ी है शहर की प्रासंगिक कहानी, दोनों कथाओं का संगठन इतनी कुशलता से हआ है कि उसमें प्रवाह आद्योपांत बना रहता है। प्रेमचंद की कलम की यही विशेषता है।

ISBN: 8171822495

 
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Product Discription

धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो प्रेमचंद नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनमें से अधिकांश हिन्दी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। उन्होंने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा। उन्होंने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में रहा और बन्द करना पड़ा। प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई आए और लगभग तीन वर्ष तक रहे। जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे। महाजनी सभ्यता उनका अंतिम निबन्ध, साहित्य का उद्देश्य अन्तिम व्याख्यान, कफन अन्तिम कहानी, गोदान अन्तिम पूर्ण उपन्यास तथा मंगलसूत्र अन्तिम अपूर्ण उपन्यास माना जाता है।

About the Author
गोदान’ प्रेमचंद की सर्वोत्तम कृति है, जिसमें उन्होंने ग्राम और शहर की दो कथाओं का यथार्थ रूप और संतुलित मिश्रण प्रस्तुत किया है। ट्टगोदान’ होरी की कहानी है। उस होरी की जो जीवन-भर मेहनत करता है, अनेक कष्ट सहता है, केवल इसलिए कि उसकी मर्यादा की रक्षा हो सके और इसीलिए वह दूसरों को प्रसन्न रखने का प्रयास भी करता है किन्तु उसे इसका फल नहीं मिलता, फिर भी अपनी मर्यादा नहीं बचा पाता। अंततः वह तप-तप के अपने जीवन को ही होम कर देता है। यह केवल होरी की ही नहीं, अपितु उस काल के हर भारतीय किसान की आत्मकथा है। इसके साथ ही जुड़ी है शहर की प्रासंगिक कहानी, दोनों कथाओं का संगठन इतनी कुशलता से हुआ है कि उसमें प्रवाह आघोपांत बना रहता है। प्रेमचंद की कलम की यही विशेषता है।

गोदान उपन्यास किस बारे में है?

गोदान एक गरीब किसान होरी की कहानी है, जो भारतीय ग्रामीण जीवन और सामाजिक संघर्षों का प्रतीक है। यह उपन्यास आर्थिक विषमता, सामाजिक शोषण, और भारतीय समाज की चुनौतियों पर प्रकाश डालता है।

गोदान के मुख्य पात्र कौन हैं?

मुख्य पात्र होरी है, जो एक गरीब किसान है। अन्य महत्वपूर्ण पात्रों में उसकी पत्नी धनिया, बेटा गोबर, बेटी रूपा, और अन्य ग्रामीण पात्र शामिल हैं, जो कहानी को जीवंत बनाते हैं।

गोदान का मुख्य संदेश क्या है?

गोदान भारतीय समाज में गरीब किसानों के संघर्ष, शोषण, और सामाजिक विषमताओं की गहरी तस्वीर पेश करता है। यह उपन्यास गरीबी, धार्मिक आस्थाओं, और सामाजिक मर्यादाओं के प्रति समाज की उदासीनता पर सवाल उठाता है।

क्यों गोदान को हिंदी साहित्य में इतनी महत्वपूर्ण जगह मिली है?

गोदान को भारतीय ग्रामीण जीवन और समाज की वास्तविकताओं को बेहद गहन और सजीव ढंग से प्रस्तुत करने के लिए हिंदी साहित्य में विशेष स्थान प्राप्त है। मुंशी प्रेमचंद की लेखनी ने इसे कालजयी बना दिया है।

क्या गोदान केवल किसानों की कहानी है?

हालांकि गोदान का मुख्य केंद्र किसान होरी है, लेकिन यह उपन्यास भारतीय समाज के विभिन्न वर्गों और उनके संघर्षों का व्यापक चित्रण करता है। यह सामाजिक असमानता, शोषण, और मानवता की कहानी है।

Additional information

Weight 0.3 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 2.2 cm
Author

Premchand

ISBN

9788171822492

Pages

100

Format

Papeback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/8171822495?ref=myi_title_dp

Flipkart

https://www.flipkart.com/godan/p/itmduxzsbn97fndg?pid=9788171822492

ISBN 10

8171822495