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गूंगे केरी सरकरा-Gunge Keri Sarkar by Osho

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अकथ कहानी प्रेम की, कछु कही न जाय।
गंूगे केरी सरकारा, खाइ और मुसकाय।
एक-एक शब्द बहुमूल्य है। उपनिषद फीके पड़ जाते हैं कबीर के सामने। वेद दयनीय मालूम पड़ने लगता है। कबीर बहुत अनूठे हैं। बेपढ़े-लिखे हैं, लेकिन जीवन के अनुभव से उन्होंने कुछ सार पा लिया है। और चूंकि वे पंडित नहीं हैं, इसलिए सार की बात संक्षिप्त में कह दी है। उसमें विस्तार नहीं है। बीज की तरफ उनके वचन हैं- -बीज-मंत्र की भांति।

पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदु:

  • जीवन का सूत्र है: असुरक्षा में जीना
  • प्रेम साधना का सार-तत्व
  • है अकेले होने का साहस
  • समाज निर्मित अंतःकरण से मुक्ति
  • मनस्विद और मनोविश्लेषण
  • धर्म की सारी कला मृत्यु की कला है- – जीते-जी मर जाना।

ISBN10-9350831961

Gunge Keri Sarkar-0
गूंगे केरी सरकरा-Gunge Keri Sarkar by Osho
250.00 Original price was: ₹250.00.249.00Current price is: ₹249.00.

गूंगे केरी सरकरा- जीते-जी मरने का अर्थ है जो मर कर होगा, उसे तुम एक घंटा रोज हो जाने दो। कुछ दिन के निरंतर अभ्यास के बाद धीरे-धीरे, धीरे धीरे यह अवस्था सधने लगेगी। एक घंटा तुम मुर्दे की भांति पड़े रहोगे। धीरे-धीरे तुम पाओगे, श्वास धीमी होती जाती है। जैसे जैसे सधेगी यह कला, श्वास धीमी हो जाएगी। क्योंकि जीने वाले के लिए श्वास की जरूरत है; जो मर गया उसके लिए श्वास की क्या जरूरत है? और एक दिन ऐसी घड़ी आएगी कि तुम अचानक पाओगे, श्वास बंद है; श्वास चल ही नहीं रही है, शरीर बिलकुल मुर्दा पड़ा है। और उसी क्षण तुम्हें पहली दफा बोध होगा अपने पृथक होने का। उसी क्षण– ‘जम ते उलटि भए हैं राम’–उसी क्षण मृत्यु विलीन हो जाती है; राम प्रकट हो जाते हैं; अमृत का अनुभव हो जाता है। फिर तुम तेईस घंटे जीते रहोगे, लेकिन रहोगे मुर्दे की भांति। तुम उठोगे, काम करोगे, सब करोगे; लेकिन तुम जानोगे कि यह शरीर तो मरणधर्मा है, मरा हुआ ही है।ओशो

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About the Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है। हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

गूंगे केरी सरकरा” किस विषय पर है?

यह पुस्तक गहन आध्यात्मिक अनुभवों और उनके व्यक्त करने में आने वाली कठिनाइयों के बारे में है। ओशो ने बताया है कि कैसे परम सत्य को अनुभव करना शब्दों से परे है।

ओशो ने इस पुस्तक में कौन-से मुख्य विचार व्यक्त किए हैं?

ओशो ने ध्यान, आत्म-जागरण और जीवन के गहरे सत्य के बारे में अपने विचार साझा किए हैं, जिसमें वे बताते हैं कि ध्यान के माध्यम से कैसे हम अपने भीतर की सच्चाई को पहचान सकते हैं।

क्या “गूंगे केरी सरकरा” को हर कोई पढ़ सकता है?

हां, यह पुस्तक उन सभी के लिए है जो आध्यात्मिकता में रुचि रखते हैं, चाहे वे नए हों या अनुभवी साधक।

ओशो की शिक्षाएं इस पुस्तक में कैसे प्रस्तुत की गई हैं?

ओशो ने अपनी शिक्षाओं को सरल और प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया है, जिससे पाठकों को समझना आसान हो जाता है।

क्या “गूंगे केरी सरकरा” केवल एक आध्यात्मिक पुस्तक है?

यह पुस्तक केवल आध्यात्मिकता पर नहीं, बल्कि मानव अनुभव के विभिन्न पहलुओं पर भी प्रकाश डालती है, जैसे प्रेम, साक्षात्कार और अस्तित्व।

ओशो के प्रवचन का क्या महत्व है?

ओशो के प्रवचन का महत्व इस बात में है कि वे व्यक्तिगत अनुभवों के माध्यम से गहन सत्य की खोज को सरल बनाते हैं, जो पाठकों को आत्म-समर्पण की ओर ले जाता है।

क्या “गूंगे केरी सरकरा” को पढ़ने के बाद पाठकों को कोई विशेष लाभ होता है?

हां, यह पुस्तक पाठकों को आत्म-जागरूकता और गहन ध्यान के माध्यम से जीवन के प्रति एक नया दृष्टिकोण प्रदान कर सकती है

Additional information

Weight 290 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 1.29 cm
Author

Osho

ISBN

9789350831960

Pages

24

Format

Paper Back

Language

Hindi

Publisher

Jr Diamond

ISBN 10

9350831961