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हंसे खेले न करे मन भंग-Hanse Khele Na Karein Man Bhang by osho

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परमात्मा अज्ञात नहीं है, यही धर्म और विज्ञान का भेद है। धर्म कहता है: जगत में तीन तरह की बातें हैं- ज्ञात, जो जान लिया गयाऋ अज्ञात, जो जान लिया जाएगा और अज्ञेय, जो न जाना गया है और न जाना जाएगा। विज्ञान कहता है: जगत में सिर्फ दो ही चीजें हैं – ज्ञात और अज्ञात। विज्ञान दो हिस्सों में बांटता है जगत को – जो जान लिया गया और जो जान लिया जाएगा। बस उस एक अज्ञेय शब्द में ही धर्म का सारा सार छुपा है। कुछ ऐसा भी है जो न जाना गया और न जाना जाएगा। क्योंकि उसका राज यह है कि उसे खोजनेवाला खो जाता है उसमें।

ISBN10-8171822444

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हंसे खेले न करे मन भंग-Hanse Khele Na Karein Man Bhang by osho
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हंसे खेले न करे मन भंग-Hanse Khele Na Karein Man Bhang By Osho

पुस्तक का सारांश:

इस पुस्तक में ओशो यह बताते हैं कि जीवन में हंसी और खेल का महत्व कितना बड़ा है। वे यह सुझाव देते हैं कि हमें अपने मन और सोच के नकारात्मक पहलुओं से दूर रहकर खुश रहने का प्रयास करना चाहिए। ओशो का मानना है कि हंसी एक गहरा अनुभव है जो हमें आत्मा के करीब लाता है और जीवन को सहज बनाता है।

मुख्य विचार:

  • खुशी का अनुभव: ओशो का कहना है कि हमें जीवन में खेल और हंसी का अनुभव लेना चाहिए ताकि हम अपने भीतर की खुशी को महसूस कर सकें।
  • आध्यात्मिक विकास: पुस्तक में ओशो ने यह भी बताया है कि कैसे हंसी और खुशी आध्यात्मिक विकास में सहायक हो सकती हैं।

About the Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

हंसे खेले न करे मन भंग” पुस्तक का मुख्य विषय क्या है?

यह पुस्तक हंसी, खेल और खुशी के महत्व पर केंद्रित है और यह बताती है कि ये तत्व जीवन को कैसे आनंदित बना सकते हैं।

ओशो इस पुस्तक में हमें क्या सिखाते हैं?

ओशो हमें सिखाते हैं कि हंसी और खेल के माध्यम से हम तनाव को कम कर सकते हैं और अपने जीवन को और बेहतर बना सकते हैं।

क्या यह पुस्तक केवल आध्यात्मिक लोगों के लिए है?

नहीं, यह पुस्तक सभी के लिए है, चाहे वे किसी भी पृष्ठभूमि से हों, जो खुशी और सकारात्मकता की तलाश में हैं।

क्या हंसी का आध्यात्मिकता से कोई संबंध है?

हां, ओशो का कहना है कि हंसी और खुशी आध्यात्मिकता के लिए जरूरी हैं, क्योंकि ये हमारे भीतर की ऊर्जा को जागृत करते हैं।

ओशो की लेखन शैली कैसी है?

ओशो की लेखन शैली सरल और प्रेरणादायक है, जो पाठकों को गहराई से सोचने पर मजबूर करती है।

Additional information

Weight 216 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 0.81 cm
Author

Osho

ISBN

9788171822447

Pages

188

Format

Hard Bound

Language

Hindi

Publisher

Jr. Diamond

ISBN 10

8171822444