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Hari Anant Hari Katha Ananta – (हरी अनन्त हरी कथा अनन्ता)

595.00

जीवन-संगीतः 1942-2018 यह बात ध्यान देने की है कि यह बोध मेरे द्वारा किसी उपाय या चेष्टा से नहीं, बल्कि स्वयं उस सत्ता के वात्सल्य मय गुण के कारण, उसी की इच्छा से हो सका है। शायद इसी को सद्गुरू कृपा कहते हैं। (डायरी नं.-21 से साभार).

 

About the Author

स्वामी जी:- मैं यह जान गया हूँ कि एक रहस्यपूर्ण सत्ता अस्तिवान है- शायद वही अस्तित्व है। वह सत्ता चैतन्य है- परम संवेदनशील है। वह सत्ता परम स्वतंत्र है और वह शक्ति संपन्न है। यह मैं सद्गुरू कृपा से कुछेक रहस्यपूर्ण अनुभवों से जान पाया। उस सत्ता का कोई आदि-अंत नहीं, कोई ओर-छोर नहीं। उसे मैंने सर्वज्ञ, शक्तिमान और सर्वव्यापक जाना है।.

ISBN10-9388274903

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जीवन-संगीतः 1942-2018 यह बात ध्यान देने की है कि यह बोध मेरे द्वारा किसी उपाय या चेष्टा से नहीं, बल्कि स्वयं उस सत्ता के वात्सल्य मय गुण के कारण, उसी की इच्छा से हो सका है। शायद इसी को सद्गुरू कृपा कहते हैं। (डायरी नं.-21 से साभार).

 

About the Author

स्वामी जी:- मैं यह जान गया हूँ कि एक रहस्यपूर्ण सत्ता अस्तिवान है- शायद वही अस्तित्व है। वह सत्ता चैतन्य है- परम संवेदनशील है। वह सत्ता परम स्वतंत्र है और वह शक्ति संपन्न है। यह मैं सद्गुरू कृपा से कुछेक रहस्यपूर्ण अनुभवों से जान पाया। उस सत्ता का कोई आदि-अंत नहीं, कोई ओर-छोर नहीं। उसे मैंने सर्वज्ञ, शक्तिमान और सर्वव्यापक जाना है।.

Additional information

Author

Swami Chaitanya Vitraag

ISBN

9789388274906

Pages

104

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9388274903

Flipkart

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ISBN 10

9388274903

SKU 9789388274906 Category