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Hindu Aur Hindutwa : Sanatan Ka Sanskritik Samanway (हिन्दू और हिन्दुत्व (सनातन का सांस्कृतिक समन्वय)

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Hindu Aur Hindutwa : Sanatan Ka Sanskritik Samanway (हिन्दू और हिन्दुत्व (सनातन का सांस्कृतिक समन्वय)
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सनातन शाश्वत सत्य है और सदैव रहेगा। सनातन शब्द संस्कृति का प्रतीक है और हिंदू शब्द एक विशेष भूखंड का प्रतीक । पूर्व काल में सबसे पहले सनातन था। वह एक जीवन पद्धति थी। हमारे पूर्वजों ने प्राकृतिक संपदाओं पर अनेक अनुसंधान और शोध करके मानव जीवन को एक वैज्ञानिक पद्धति प्रदान की जो सेहतमंद दीघार्यु की शैली बन गई। उस युग में सनातन शब्द सभ्यता और संस्कृति के संदर्भ में प्रयुक्त होता था धर्म के अर्थ में नहीं। कालांतर में सनातन से अन्य अनेक जीवन पद्धतियां अस्तित्व में आई। इसके बाद जीवन पद्धति के कर्तव्यों के निर्वहन के लिए एक शब्द का जन्म हुआ। वह शब्द है – धर्म। ऋग्वेद सहित अन्य सभी प्राचीन ग्रंथों में धर्म शब्द का अर्थ बताया गया है – कर्तव्य, निर्वहन, कार्य पद्धति इत्यादि । वर्तमान समय में जितने भी धर्म अस्तित्व में हैं वह सभी सनातन संस्कृति की ही शाखाएं हैं। भारत में कुछ लोग हिंदू शब्द का प्रयोग करते हैं। क्या है हिंदू शब्द का अर्थ इसको विस्तार से जानेंगे।
हिंदू, हिंदुस्तान और हिंदुत्व आज प्रयुक्त होने लगे हैं। उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट होता है कि हिंदू शब्द धार्मिक आस्था का नहीं बल्कि एक भूखंड का प्रतीक है। हिंदू नामक भूखंड को कालांतर में हिंदुस्तान कहा गया। हिंदुस्तान की विचारधारा को हिंदुत्व शब्द दिया गया है। यह विचारधारा धार्मिक परिपेक्ष्य में न होकर वैज्ञानिक जीवन पद्धति के संदर्भ में है। सरल शब्दों में हिंदुत्व भारत में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए स्वस्थ जीवन शैली है।

About the Author -: डॉ संदीप कुमार शर्मा विभिन्न समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं के संपादकीय विभाग में विभिन्न पदों पर कार्य करने के बाद वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में लेखक एवं निर्देशन से संबद्ध |
पुस्तकें : आपकी चर्चित पुस्तकों में रेखांकित भारतीय इतिहास, राजधानी : इंद्रप्रस्थ से नयी दिल्ली, प्रकृति की ओर, अनकही दास्तां (उपन्यास), दामन गांव का (उपन्यास),
दशग्रीव से दशानन (उपन्यास), उत्तर प्रदेश : देवालय, मंदिर और पर्यटन, भारतीय
शास्त्रीय नृत्य : सांस्कृतिक धरोहर, बातें फिल्मों की (संपादित), हिमाचल प्रदेश : सांस्कृतिक धरोहर, मेरे आराध्य राम, मेरे आराध्य शिव, सेंगोल राज सत्ता का प्रतीक एवं Sengol Symbol of royal power, मेरे श्रद्धेय गुरु जी, केदारनाथ त्रासदी : हिमवीरों का पराक्रम, वचन अनमोल, मेरे आराध्य शिव आदि प्रमुख पुस्तकों सहित लगभग 26 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
आजीविकाः स्वतंत्र लेखन, दूरदर्शन एवं अन्य चौनलों पर विभिन्न विधाओं के लगभग 875 एपिसोड प्रसारित हो चुके हैं। आकाशवाणी दिल्ली से लगभग 35 नाट्यरूपांतर, 21 वार्ताएं, 5 फीचर एवं कार्यक्रम प्रसारित हैं।

पुरस्कार : अनेक सम्मान एवं पुरस्कारों से सम्मानित।
सदस्य : कार्यकारिणी सदस्य, आई आर आर ओ एवं आजीवन सदस्य, ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ।

Additional information

Weight 0.175 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 1.5 cm
Author

Dr. Sandeep Kumar Sharma

ISBN-13

9789363183520

ISBN-10

9363183521

Pages

224

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

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