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Hindusthan mein Hindu ka Astitwa (हिंदुस्थान में हिंदू का अस्तित्व)

150.00

हिंदुस्तान में हिंदू का अस्तित्व निश्चय ही उस समय चिंता और चिंतन का विषय बन जाता है जब हिंदू विरोध की राजनीति, हिंदू विरोध का साहित्य और देश के विद्यालयों में हिंदू विरोध का पाठ्यक्रम देखा जाता है। हमें यह समझ लेना चाहिए कि हिंदुस्तान हिंदुओं की अंतिम शरणस्थली है। यदि इसके लिए यहां भी दमघोंटू परिस्थितियां बनाई जाएंगी तो समझ लीजिए कि यहां से हिंदू को संसार के किसी अन्य देश में जाने का अवसर नहीं मिलेगा। ऐसे में उसे या तो धर्मातरण करना होगा या फिर मृत्यु को गले लगाना होगा।
डॉ. राकेश कुमार आर्य ने इस पुस्तक के माध्यम से अनेक तथ्यों को हमारे सामने लाकर इस बात पर बल दिया है कि जहां- जहां मुस्लिम बहुल क्षेत्र या मुस्लिम बहुल प्रदेश बढ़ते बनते जा रहे हैं वहां – वहां हिंदू के अस्तित्व के लिए संकट उत्पन्न हो गया है। पूर्वोत्तर भारत में जिस प्रकार ईसाइयों का वर्चस्व बढ़ा है उसने वहां पर हिंदू के लिए जीना दूभर कर दिया है।

About the Author

राकेश कुमार आर्य हिन्दी दैनिक ‘उगता भारत के मुख्य संपादक हैं। 17 जुलाई 1967 को उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जनपद के महावड़ ग्राम में जन्मे लेखक की अब तक दो दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिन पर उन्हें राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह जी सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से देश में विभिन्न स्थानों पर सम्मानित भी किया जा चुका है। उनका भारतीय संस्कृति पर गहन अध्ययन है, इसलिए लेखन में भी गंभीरता और प्रामाणिकता है। उनका लेखन निरंतर जारी है।

Additional information

Author

Dr. Rakesh Kumar Arya

ISBN

9789355993823

Pages

96

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Toons

Amazon

https://www.amazon.in/dp/935599382X

Flipkart

https://www.flipkart.com/hindusthan-mein-hindu-ka-astitwa-hindi/p/itm0ee474860fe30?pid=9789355993823

ISBN 10

935599382X

हिंदुस्तान में हिंदू का अस्तित्व निश्चय ही उस समय चिंता और चिंतन का विषय बन जाता है जब हिंदू विरोध की राजनीति, हिंदू विरोध का साहित्य और देश के विद्यालयों में हिंदू विरोध का पाठ्यक्रम देखा जाता है। हमें यह समझ लेना चाहिए कि हिंदुस्तान हिंदुओं की अंतिम शरणस्थली है। यदि इसके लिए यहां भी दमघोंटू परिस्थितियां बनाई जाएंगी तो समझ लीजिए कि यहां से हिंदू को संसार के किसी अन्य देश में जाने का अवसर नहीं मिलेगा। ऐसे में उसे या तो धर्मातरण करना होगा या फिर मृत्यु को गले लगाना होगा।
डॉ. राकेश कुमार आर्य ने इस पुस्तक के माध्यम से अनेक तथ्यों को हमारे सामने लाकर इस बात पर बल दिया है कि जहां- जहां मुस्लिम बहुल क्षेत्र या मुस्लिम बहुल प्रदेश बढ़ते बनते जा रहे हैं वहां – वहां हिंदू के अस्तित्व के लिए संकट उत्पन्न हो गया है। पूर्वोत्तर भारत में जिस प्रकार ईसाइयों का वर्चस्व बढ़ा है उसने वहां पर हिंदू के लिए जीना दूभर कर दिया है।

About the Author

राकेश कुमार आर्य हिन्दी दैनिक ‘उगता भारत के मुख्य संपादक हैं। 17 जुलाई 1967 को उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जनपद के महावड़ ग्राम में जन्मे लेखक की अब तक दो दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिन पर उन्हें राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह जी सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से देश में विभिन्न स्थानों पर सम्मानित भी किया जा चुका है। उनका भारतीय संस्कृति पर गहन अध्ययन है, इसलिए लेखन में भी गंभीरता और प्रामाणिकता है। उनका लेखन निरंतर जारी है।