किताब के बारे में
हृदय की प्यास आचार्यजी का अत्यंत रोचक उपन्यास है। यह उपन्यास ऐसे युवक-युवतियों की सरस कथा है जिसमें वे वासनाओं की ओर झुकते हैं और फिर भावना तथा कर्तव्य की पहेली को सुलझाने का प्रयास करते रहते हैं। यह प्रयास ऐसी कथा बुनता चला जाता है कि पाठक बंधता चला जाता है। प्रारंभ से अन्त तक अत्यंत कौतूहलपूर्ण उपन्यास, जिसे अपने संपूर्ण रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।
किसी मनुष्य के हृदय में जब प्यास-सी उठती है, तो अजीब तरह की बेचैनी और छटपटाहट होने लगती है। मन चंचल होने लगता है और इसी के साथ शुरू होता है बहकना-भटकना। आचार्य जी ने इसी मनोवैज्ञानिक सत्य को रोचक ढंग से ‘हृदय की प्यास’ की कथा में मोती की तरह पिरोया है। यह उपन्यास युवा मन को समझने का भी प्रयास करती है।
लेखक के बारे में
आचार्य चतुरसेन शास्त्री का जन्म 26 अगस्त, 1891 को भारत में उत्तर प्रदेश राज्य के बुलंदशहर जिले के एक छोटे से गाँव औरंगाबाद चंडोक (अनूपशहर के पास) में हुआ था। उनके पिता पंडित केवाल राम ठाकुर थे और माता नन्हीं देवी थीं। उनका जन्म का नाम चतुर्भुज था। अपनी प्राथमिक शिक्षा समाप्त करने के बाद उन्होंने राजस्थान के जयपुर के संस्कृत कॉलेज में दला लिया जहाँ से उन्होंने वर्ष 1915 में आयुर्वेद और शास्त्री में आयुर्वेद की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने आयुर्वेद विद्यापीठ से आयुर्वेदाचार्य की उपाधि भी प्राप्त की।
अपनी शिक्षा समाप्त करने के बाद वह आयुर्वेदिक चिकित्सक के रूप में अपना अभ्यास शुरू करने के लिए दिल्ली आ गए। लेकिन यह अच्छी तरह से नहीं चला और उन्हें इसे बंद करना पड़ा। फिर वह अपने ससुर के औषधालय में उनकी मदद करने के लिए अजमेर चले गए। इस औषधालय में काम करते हुए उन्होंने लिखना शुरू किया और जल्द ही एक कहानीकार और उपन्यासकार के रूप में प्रसिद्ध हो गए।
हृदय की प्यास उपन्यास किसके द्वारा लिखा गया है?
यह उपन्यास आचार्य चतुरसेन शास्त्री द्वारा लिखा गया है।
हृदय की प्यास उपन्यास का मुख्य विषय क्या है?
यह उपन्यास युवक-युवतियों की भावनाओं, वासनाओं और कर्तव्य के संघर्ष की कथा पर आधारित है।
उपन्यास का शीर्षक हृदय की प्यास क्या दर्शाता है?
यह मनुष्य के भीतर उठने वाली इच्छाओं, बेचैनी और भावनात्मक संघर्ष को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाता है।
आचार्य चतुरसेन शास्त्री का साहित्यिक योगदान क्या है?
उन्होंने ऐतिहासिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक विषयों पर कई प्रसिद्ध उपन्यास और कहानियाँ लिखी हैं।
हृदय की प्यास में किस प्रकार के पात्रों का चित्रण किया गया है?
इसमें युवक-युवतियों के मनोभावों को गहराई से चित्रित किया गया है, जो वासना, भावना और कर्तव्य के बीच संतुलन बनाने का प्रयास करते हैं।