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जनसंख्या विस्फोट” एक विचारशील पुस्तक है जिसमें ओशो ने जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे पर गहराई से विचार किया है। उन्होंने बताया है कि कैसे बढ़ती जनसंख्या हमारे समाज, पर्यावरण और व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित कर रही है। ओशो का यह लेखन केवल जनसंख्या वृद्धि के आंकड़ों का विश्लेषण नहीं है, बल्कि यह मानवता के अस्तित्व और जीवन के अर्थ पर भी प्रकाश डालता है। पुस्तक पाठकों को आत्मिक विकास के लिए प्रेरित करती है और एक नई सोच को जन्म देती है।
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
जनसंख्या विस्फोट का अर्थ- यह किसी क्षेत्र में मनुष्यों की जनसंख्या में तेज़ी से होने वाली वृद्धि को दर्शाता है। इसके अलावा, यह ऐसी स्थिति है जहाँ अर्थव्यवस्था अपनी आबादी की बढ़ती माँग को पूरा करने में सक्षम नहीं है।
हां, ओशो ने जनसंख्या विस्फोट के सामाजिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय परिणामों को स्पष्ट रूप से बताया है। वह बताते हैं कि यह वृद्धि मानवता और धरती पर बोझ कैसे बन सकती है। इसके साथ ही, यह विषय जागरूकता फैलाने का भी एक माध्यम है।
ओशो की लेखन शैली सरल, स्पष्ट और विचारशील है, जो पाठकों को आसानी से प्रभावित करती है। उनके विचार एक गहरे अनुभव और आत्मज्ञान से भरे हुए हैं। यह शैली पाठकों को विचारों में खो जाने की अनुमति देती है।
हां, पुस्तक में ओशो के अन्य विचारों का उल्लेख किया गया है, जो उनके व्यापक ज्ञान को दर्शाते हैं। यह पाठकों को उनके गहन विचारों से परिचित कराता है। ओशो के दर्शन और शिक्षाएं एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती हैं।
जनसंख्या विस्फोट के मुख्य कारणों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, खाद्य उत्पादन में वृद्धि, पारंपरिक परिवार संरचनाएं, शिक्षा की कमी, महिलाओं की स्थिति, और आर्थिक विकास की कमी शामिल हैं। इन कारणों से मृत्यु दर में कमी आई है और अधिक बच्चे पैदा हो रहे हैं, जिससे जनसंख्या में तेज़ वृद्धि हो रही है।
Weight | 120 g |
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Dimensions | 21.6 × 14 × 0.58 cm |
Author | Osho |
ISBN | 8128809687 |
Pages | 200 |
Format | Paperback |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 8128809687 |
समाज जितना समृद्ध होता है, वह उतना ही कम बच्चे पैदा करता है। लेकिन दीन-दुखी-दरिद्र लोग जीवन में किसी अन्य मनोरंजन और सुख की सुविधा न होने से सिर्फ सेक्स में ही सुख ढूढ़ लेते हैं, उनके पास और कोई उपाय नहीं रहता। समृद्ध व्यक्ति अगर संगीत सुनता है, साहित्य पढ़ता है, चित्र देखता है, घूमने जाता है, पहाड़ की यात्रा भी करता है, तब उसकी शक्ति बहुत दिशाओं में बह जाती है। एक गरीब आदमी के पास शक्ति बहाने का और कोई उपाय नहीं रहता अर्थात् उसके मनोरंजन खर्चीले है, सिर्फ सेक्स ही ऐसा मनोरंजन है जो घर में बीबीके साथ मुफ्त उपलब्ध है इसलिए गरीब आदमी बच्चे पैदा करते चला जाता है। इस प्रकार ओशो ने इस पुस्तकमें जनसंख्या विस्फोट के मूल कारणों पर प्रकाश डाला है। ISBN10-8128809687
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