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Jansakhya Visphot (जनसंख्‍या विस्‍फोट)

Original price was: ₹175.00.Current price is: ₹174.00.

समाज जितना समृद्ध होता है, वह उतना ही कम बच्‍चे पैदा करता है। लेकिन दीन-दुखी-दरिद्र लोग जीवन में किसी अन्‍य मनोरंजन और सुख की सुविधा न होने से सिर्फ सेक्‍स में ही सुख ढूढ़ लेते हैं, उनके पास और कोई उपाय नहीं रहता। समृद्ध व्‍यक्ति अगर संगीत सुनता है, साहित्‍य पढ़ता है, चित्र देखता है, घूमने जाता है, पहाड़ की यात्रा भी करता है, तब उसकी शक्ति बहुत दिशाओं में बह जाती है। एक गरीब आदमी के पास शक्ति बहाने का और कोई उपाय नहीं रहता अर्थात् उसके मनोरंजन खर्चीले है, सिर्फ सेक्‍स ही ऐसा मनोरंजन है जो घर में बीबीके साथ मुफ्त उपलब्‍ध है इसलिए गरीब आदमी बच्‍चे पैदा करते चला जाता है। इस प्रकार ओशो ने इस पुस्‍तकमें जनसंख्‍या विस्‍फोट के मूल कारणों पर प्रकाश डाला है।

ISBN10-8128809687

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Jansakhya Visphot (जनसंख्‍या विस्‍फोट)
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Jansakhya Visphot (जनसंख्‍या विस्‍फोट)
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Jansakhya Visphot (जनसंख्‍या विस्‍फोट)
Gunge Keri Sarkar-0
Jansakhya Visphot (जनसंख्‍या विस्‍फोट)

“पुस्तक के बारे में”

जनसंख्‍या विस्‍फोट” एक विचारशील पुस्तक है जिसमें ओशो ने जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे पर गहराई से विचार किया है। उन्होंने बताया है कि कैसे बढ़ती जनसंख्या हमारे समाज, पर्यावरण और व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित कर रही है। ओशो का यह लेखन केवल जनसंख्या वृद्धि के आंकड़ों का विश्लेषण नहीं है, बल्कि यह मानवता के अस्तित्व और जीवन के अर्थ पर भी प्रकाश डालता है। पुस्तक पाठकों को आत्मिक विकास के लिए प्रेरित करती है और एक नई सोच को जन्म देती है।

“लेखक के बारे में”

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

u0022u003cstrongu003eजनसंख्‍या विस्‍फोटu0022u003c/strongu003e का अर्थ u003cstrongu003eक्याu003c/strongu003e u003cstrongu003eहै?u003c/strongu003e

जनसंख्या विस्फोट का अर्थ- यह किसी क्षेत्र में मनुष्यों की जनसंख्या में तेज़ी से होने वाली वृद्धि को दर्शाता है। इसके अलावा, यह ऐसी स्थिति है जहाँ अर्थव्यवस्था अपनी आबादी की बढ़ती माँग को पूरा करने में सक्षम नहीं है।

u003cstrongu003eक्या ओशो ने u003cstrongu003eu0022u003cstrongu003eजनसंख्‍या विस्‍फोटu0022u003c/strongu003eu003c/strongu003e पुस्तक में जनसंख्या के परिणामों पर चर्चा की है?u003c/strongu003e

हां, ओशो ने जनसंख्या विस्फोट के सामाजिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय परिणामों को स्पष्ट रूप से बताया है। वह बताते हैं कि यह वृद्धि मानवता और धरती पर बोझ कैसे बन सकती है। इसके साथ ही, यह विषय जागरूकता फैलाने का भी एक माध्यम है।

u003cstrongu003eu0022u003cstrongu003eजनसंख्‍या विस्‍फोटu0022u003c/strongu003e पुस्तक में ओशो की लेखन शैली कैसी है?u003c/strongu003e

ओशो की लेखन शैली सरल, स्पष्ट और विचारशील है, जो पाठकों को आसानी से प्रभावित करती है। उनके विचार एक गहरे अनुभव और आत्मज्ञान से भरे हुए हैं। यह शैली पाठकों को विचारों में खो जाने की अनुमति देती है।

u003cstrongu003eक्या u0022u003cstrongu003eजनसंख्‍या विस्‍फोटu0022u003c/strongu003e पुस्तक में ओशो के अन्य विचारों का समावेश है?u003c/strongu003e

हां, पुस्तक में ओशो के अन्य विचारों का उल्लेख किया गया है, जो उनके व्यापक ज्ञान को दर्शाते हैं। यह पाठकों को उनके गहन विचारों से परिचित कराता है। ओशो के दर्शन और शिक्षाएं एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती हैं।

जनसंख्या विस्फोट के कौन से कारण हैं?

जनसंख्या विस्फोट के मुख्य कारणों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, खाद्य उत्पादन में वृद्धि, पारंपरिक परिवार संरचनाएं, शिक्षा की कमी, महिलाओं की स्थिति, और आर्थिक विकास की कमी शामिल हैं। इन कारणों से मृत्यु दर में कमी आई है और अधिक बच्चे पैदा हो रहे हैं, जिससे जनसंख्या में तेज़ वृद्धि हो रही है।

Additional information

Weight 120 g
Dimensions 21.6 × 14 × 0.58 cm
Author

Osho

ISBN

8128809687

Pages

200

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8128809687

SKU 9798128809681 Categories , , , Tags ,

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