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Jas Panihar Dhare Sir Gagar by osho-(जस पनिहार धरे सिर गागर)

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ओशो की वाणी आत्म-चिंतन की बुद्धत्व-प्राप्त वाणी है। उनके प्रवचन पढ़ना एक ध्यान प्रक्रिया है। ऐसी प्रक्रिया जो मन और मन के समस्त बंधों के पार ले जाती है।”

— मंगेश पाडगांवकर (मशहूर मराठी कवि)

ISBN10-8171822568

जस पनिहार धरे सिर गागर-0
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Gunge Keri Sarkar-0
Jas Panihar Dhare Sir Gagar By Osho-(जस पनिहार धरे सिर गागर)

जस पनिहार धरे सिर गागर” ओशो की एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें उन्होंने जीवन के गहरे आध्यात्मिक पक्षों को सरल शब्दों में प्रस्तुत किया है। यह पुस्तक पाठकों को आत्मज्ञान और जीवन के असली रहस्यों को समझने की दिशा में प्रेरित करती है। ओशो के विचार और उपदेश हमें जीवन के प्रति नई दृष्टि प्रदान करते हैं।

About the Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है। हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

जस पनिहार धरे सिर गागर” पुस्तक का मुख्य विषय क्या है?

यह पुस्तक जीवन के गहरे आध्यात्मिक पहलुओं और आत्मज्ञान के रहस्यों पर आधारित है। ओशो इसे एक सुंदर प्रतीकात्मकता के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं, जो जीवन के असली अर्थ को समझने में मदद करता है।

ओशो ने इस पुस्तक में किस तरह के विषयों पर चर्चा की है?

ओशो ने इस पुस्तक में जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे आत्मा, चेतना, और जीवन के गहरे प्रश्नों पर विचार किया है। वह पाठकों को गहरे चिंतन और आत्म-विश्लेषण की ओर प्रेरित करते हैं।

यह पुस्तक किस प्रकार के पाठकों के लिए है?

यह पुस्तक उन पाठकों के लिए है जो जीवन और आध्यात्मिकता के गूढ़ रहस्यों को समझने में रुचि रखते हैं। ओशो के विचार नई दृष्टि प्रदान करते हैं, जिससे हर पाठक लाभान्वित हो सकता है

जस पनिहार धरे सिर गागर” पुस्तक का मुख्य विषय क्या है?

यह पुस्तक जीवन के गहरे आध्यात्मिक पहलुओं और आत्मज्ञान के रहस्यों पर आधारित है। ओशो इसे एक सुंदर प्रतीकात्मकता के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं, जो जीवन के असली अर्थ को समझने में मदद करता है।

ओशो ने इस पुस्तक में किस तरह के विषयों पर चर्चा की है?

ओशो ने इस पुस्तक में जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे आत्मा, चेतना, और जीवन के गहरे प्रश्नों पर विचार किया है। वह पाठकों को गहरे चिंतन और आत्म-विश्लेषण की ओर प्रेरित करते हैं।

क्या “जस पनिहार धरे सिर गागर” में कोई प्रतीकात्मकता है?

हां, इस पुस्तक का शीर्षक और ओशो की बातें गहरे प्रतीकात्मक अर्थों से भरी हुई हैं। यह जीवन के जटिल पहलुओं को प्रतीकात्मक रूप में समझने का एक प्रयास है।

Additional information

Weight 370 g
Dimensions 21.59 × 13.97 × 1.73 cm
Author

Osho

ISBN

8171822568

Pages

368

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8171822568