Jataka ki Naitik Kahaniya (जातक की नैतिक कहानियाँ)

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जातक कथाएँ पंचतंत्र की कहानियाँ की तरह ही प्राचीन हैं। तथा लंबी परंपरा से पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलती जा रही है। बुद्धिमता व नैतिक शिक्षाओं की ये कहानियाँ 200 ई. पु. के लगभग लिखी गईं। ये मूलतः ‘पाली’ भाषा में लिखी गई तथा बाद में विभिन्न भाषाओं में इनका अनुवाद हुआ।
जातक कथाएँ भगवान बुद्ध के पूर्व जन्मों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो कभी किसी पशु, पक्षी या फिर कभी एक साधारण मनुष्य के रूप में थे। तकरीबन सभी कहानियाँ उत्तर केंद्रीय भारत के पवित्र नगर वाराणसी के आस-पास की है।
ये कहानियाँ काफी मनोरंजक होने के साथ-साथ किसी भी आयुवर्ग के व्यक्ति को आत्म-त्याग, ईमानदारी तथा सच्चाई की राह भी दिखाती है। ये दर्शाती है कि अंततः बुराई पर अच्छाई की विजय होती है। यहां हम जातक कथाओं का सरल व रोचक संग्रह प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा करते हैं कि युवा पाठकों को ये अवश्य भाएँगीं।

About the Author

प्रियंका वर्मा बाल पुस्तकों की लेखिका हैं। उन्होंने बच्चों पर कई किताबें लिखी हैं। उनकी लेखन शैली बहुत ही सरल एवं समझने में आसान है। बच्चों को उनकी कहानियां बहुत पसंद हैं और वे इन्हें पूरी रुचि से पढ़ते हैं। इसके अलावा, बहुत सारे संस्करण और समीक्षाएं भी लिखी हैं। उनमें लिखने का एक जुनून है और इस कार्य को वह बेहद पसंद करती हैं।
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Jataka ki Naitik Kahaniya (जातक की नैतिक कहानियाँ)
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जातक कथाएँ पंचतंत्र की कहानियाँ की तरह ही प्राचीन हैं। तथा लंबी परंपरा से पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलती जा रही है। बुद्धिमता व नैतिक शिक्षाओं की ये कहानियाँ 200 ई. पु. के लगभग लिखी गईं। ये मूलतः ‘पाली’ भाषा में लिखी गई तथा बाद में विभिन्न भाषाओं में इनका अनुवाद हुआ।
जातक कथाएँ भगवान बुद्ध के पूर्व जन्मों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो कभी किसी पशु, पक्षी या फिर कभी एक साधारण मनुष्य के रूप में थे। तकरीबन सभी कहानियाँ उत्तर केंद्रीय भारत के पवित्र नगर वाराणसी के आस-पास की है।
ये कहानियाँ काफी मनोरंजक होने के साथ-साथ किसी भी आयुवर्ग के व्यक्ति को आत्म-त्याग, ईमानदारी तथा सच्चाई की राह भी दिखाती है। ये दर्शाती है कि अंततः बुराई पर अच्छाई की विजय होती है। यहां हम जातक कथाओं का सरल व रोचक संग्रह प्रस्तुत कर रहे हैं। आशा करते हैं कि युवा पाठकों को ये अवश्य भाएँगीं।

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प्रियंका वर्मा बाल पुस्तकों की लेखिका हैं। उन्होंने बच्चों पर कई किताबें लिखी हैं। उनकी लेखन शैली बहुत ही सरल एवं समझने में आसान है। बच्चों को उनकी कहानियां बहुत पसंद हैं और वे इन्हें पूरी रुचि से पढ़ते हैं। इसके अलावा, बहुत सारे संस्करण और समीक्षाएं भी लिखी हैं। उनमें लिखने का एक जुनून है और इस कार्य को वह बेहद पसंद करती हैं।

Additional information

Author

Priyanka Verma

ISBN

9789355134967

Pages

448

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

Amazon

https://www.amazon.in/dp/9355134967

Flipkart

https://www.flipkart.com/moral-tales-jataka-hindi-jataka-ki-naitik-kahaniya/p/itma1a1f6a526c1f?pid=9789355134967

ISBN 10

9355134967