नाम: आचार्यश्री सुदर्शनजी महाराज
शिक्षा: एम.ए., पी-एच.डी, विद्यावाचस्पति, साहित्य विशारद्, साहित्य रत्न।
प्रकाशित पुस्तकें: विभिन्न विषयों पर 95 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें 900 पृष्ठों का ‘सुदर्शन रामायण’ ;जीवन का महाकाव्य, पहली बार संगीतमय श्रीराम कथा जिसमें जीवन के विभिन्न पक्षों की चर्चा की गई है।द्ध एवं ‘श्रीराम दया करना’ 108 भजनों का संग्रह प्रमुुख हैं।
पत्रिकाएँ: देश के विभिन्न पत्रा-पत्रिकाओं में विचारपूर्ण लेखों का नियमित प्रकाशन।
प्रवचन: अब तक 1500 से अध्कि विभिन्न विषयों पर दिये गये प्रवचनों के एपिसोड उपलब्ध्।
विदेश यात्राएँ: मॉरिशस, इंग्लैण्ड, नीदरलैण्ड, जर्मनी, स्वीट्जरलैण्ड, प्रफांस, साउफथ अप्रफीका आदि प्रमुख हैं।
योजनाएँ: पूरे देश में शिक्षण संस्थाओं की स्थापना, गरीब बच्चों के लिए निःशुल्क ‘हमें भी पढ़ाओ केन्द्र’, ‘भक्ति संगीत के केन्द्र’ तथा हिन्दी एवं संस्कृत भाषाओं के उत्थान के लिए अनेक
संस्थाओं की स्थापना।
Jeevan Ke Swar (Hindi)
₹300.00
In stock
नाम: आचार्यश्री सुदर्शनजी महाराज
शिक्षा: एम.ए., पी-एच.डी, विद्यावाचस्पति, साहित्य विशारद्, साहित्य रत्न।
प्रकाशित पुस्तकें: विभिन्न विषयों पर 95 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें 900 पृष्ठों का ‘सुदर्शन रामायण’ ;जीवन का महाकाव्य, पहली बार संगीतमय श्रीराम कथा जिसमें जीवन के विभिन्न पक्षों की चर्चा की गई है।द्ध एवं ‘श्रीराम दया करना’ 108 भजनों का संग्रह प्रमुुख हैं।
पत्रिकाएँ: देश के विभिन्न पत्रा-पत्रिकाओं में विचारपूर्ण लेखों का नियमित प्रकाशन।
प्रवचन: अब तक 1500 से अध्कि विभिन्न विषयों पर दिये गये प्रवचनों के एपिसोड उपलब्ध्।
विदेश यात्राएँ: मॉरिशस, इंग्लैण्ड, नीदरलैण्ड, जर्मनी, स्वीट्जरलैण्ड, प्रफांस, साउफथ अप्रफीका आदि प्रमुख हैं।
योजनाएँ: पूरे देश में शिक्षण संस्थाओं की स्थापना, गरीब बच्चों के लिए निःशुल्क ‘हमें भी पढ़ाओ केन्द्र’, ‘भक्ति संगीत के केन्द्र’ तथा हिन्दी एवं संस्कृत भाषाओं के उत्थान के लिए अनेक
संस्थाओं की स्थापना।
Additional information
Author | Sudarshan Maharaj |
---|---|
ISBN | 9789381382455 |
Pages | 24 |
Format | Paper Back |
Language | Hindi |
Publisher | Diamond Books |
ISBN 10 | 938138245X |