पुस्तक के बारे में
जीवन क्या है?
उस जीवन के प्रति प्यास तभी पैदा हो सकती है, जब हमें यह स्पष्ट बोध हो जाए, हमारी चेतना इस बात को ग्रहण कर ले कि जिसे हम जीवन जान रहे हैं, वह जीवन नहीं है । जीवन को जीवन मान कर कोई व्यक्ति वास्तविक जीवन की तरफ कैसे जाएगा? जीवन जब मृत्यु की भांति दिखाई पड़ता है, तो अचानक हमारे भीतर कोई प्यास, जो जन्म-जन्म से सोई हुई है, जाग कर खड़ी हो जाती है । हम दूसरे आदमी हो जाते हैं। आप वही हैं, जो आपकी प्यास है । अगर आपकी प्यास धन के लिए है, मन के लिए है, अगर आपकी प्यास पद के लिए है, तो आप वही हैं, उसी कोटि के व्यक्ति हैं। अगर आपकी प्यास जीवन के लिए है, तो आप दूसरे व्यक्ति हो जाएंगे। आपका पुनर्जन्म हो जाएगा !
ओशो
पुस्तक के कुछ मुख्य विषय-बिंदुः
वास्तविक जीवन क्या है?
चित्त की स्वतंत्रता ही सत्य का मार्ग है
न तो विचार द्वार है न अविचार द्वार है-द्वारर है निर्विचार-सजगता
जीवन को तो वही उपलब्ध होगा, जो जागरण के पक्ष में हो.
लेखक के बारे में
ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है। हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।
“जीवन की खोज” पुस्तक के लेखक किस प्रकार का जीवन दर्शन प्रस्तुत करते हैं?
“जीवन की खोज” पुस्तक में लेखक एक ऐसा जीवन दर्शन प्रस्तुत करते हैं जो आत्म-अवलोकन, ध्यान, और आंतरिक शांति की खोज पर आधारित है, जिससे व्यक्ति जीवन के सच्चे अर्थों को समझ सकता है।
“जीवन की खोज” पुस्तक का शीर्षक क्या संकेत करता है?
“जीवन की खोज” शीर्षक संकेत करता है कि यह पुस्तक व्यक्ति के जीवन की आंतरिक यात्रा, आत्मिक उन्नति, और स्वयं की पहचान को खोजने की प्रक्रिया पर केंद्रित है।
क्या “जीवन की खोज” पुस्तक केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से है, या इसमें जीवन के अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की गई है?
यह पुस्तक न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि इसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक भलाई, और व्यक्तिगत विकास पर भी चर्चा की गई है। यह एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।
क्या “जीवन की खोज” पुस्तक में आत्म-सुधार के लिए कोई विशेष तकनीकें हैं?
हां, इस पुस्तक में आत्म-सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण तकनीकें और उपाय दिए गए हैं, जैसे ध्यान, आत्म-चिंतन, और मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सकारात्मक विचारों को अपनाना। ये सभी तकनीकें जीवन को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
“जीवन की खोज” पुस्तक की सिखाई गई बातें केवल पढ़ने तक सीमित हैं, या इन्हें जीवन में लागू भी किया जा सकता है?
यह पुस्तक केवल पढ़ने तक सीमित नहीं है। इसमें दी गई बातों और सिद्धांतों को जीवन में लागू किया जा सकता है, और यदि इन्हें सही तरीके से अपनाया जाए तो यह जीवन में वास्तविक परिवर्तन ला सकती है।