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Jhuk Aaye Badriya Sawan Ki by Osho-झुक आयी बदरियां सावन की

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झुक आयी बदरियां सावन की ओशो की एक अनूठी रचना है, जो मानसून के प्रतीक का उपयोग करते हुए आत्मिक विकास और ध्यान की महत्ता को समझाती है। इस पुस्तक में, ओशो ने मानसून की बूंदों और धरती की मिलन यात्रा को आत्मा और शरीर की गहराइयों से जोड़ा है। यह पाठकों को आंतरिक शांति और आत्म-जागृति के मार्ग पर प्रेरित करता है।

ISBN10-8171822789

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झुक आयी बदरियां सावन की ओशो की एक अनूठी रचना है, जो मानसून के प्रतीक का उपयोग करते हुए आत्मिक विकास और ध्यान की महत्ता को समझाती है। इस पुस्तक में, ओशो ने मानसून की बूंदों और धरती की मिलन यात्रा को आत्मा और शरीर की गहराइयों से जोड़ा है। यह पाठकों को आंतरिक शांति और आत्म-जागृति के मार्ग पर प्रेरित करता है।

About the Author

ओशो एक ऐसे आध्यात्मिक गुरू रहे हैं, जिन्होंने ध्यान की अतिमहत्वपूर्ण विधियाँ दी। ओशो के चाहने वाले पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। इन्होंने ध्यान की कई विधियों के बारे बताया तथा ध्यान की शक्ति का अहसास करवाया है।
हमें ध्यान क्यों करना चाहिए? ध्यान क्या है और ध्यान को कैसे किया जाता है। इनके बारे में ओशो ने अपने विचारों में विस्तार से बताया है। इनकी कई बार मंच पर निंदा भी हुई लेकिन इनके खुले विचारों से इनको लाखों शिष्य भी मिले। इनके निधन के 30 वर्षों के बाद भी इनका साहित्य लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है।
ओशो दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। ओशो ने अपने प्रवचनों में नई सोच वाली बाते कही हैं। आचार्य रजनीश यानी ओशो की बातों में गहरा अध्यात्म या धर्म संबंधी का अर्थ तो होता ही हैं। उनकी बातें साधारण होती हैं। वह अपनी बाते आसानी से समझाते हैं मुश्किल अध्यात्म या धर्म संबंधीचिंतन को ओशो ने सरल शब्दों में समझया हैं।

ओशो की पुस्तक ‘झुक आयी बदरियां सावन की’ का मुख्य उद्देश्य क्या है?

यह पुस्तक मानसून के प्रतीक के माध्यम से आत्मिक जागरूकता और ध्यान के महत्व को समझाती है, जो आंतरिक शांति की खोज में सहायक है

झुक आयी बदरियां सावन की’ में ओशो ने मानसून को किस रूप में प्रस्तुत किया है?

ओशो ने मानसून को आत्मा और शरीर के मिलन के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया है, जिसमें बूंदों के गिरने को ध्यान और आत्म-जागरूकता के साथ जोड़ा गया है।

झुक आयी बदरियां सावन की’ किसके लिए उपयुक्त है?

यह पुस्तक उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो आत्मिक विकास, ध्यान, और आंतरिक शांति की खोज में हैं। ओशो की शिक्षाएँ सभी के लिए प्रेरणादायक हैं।

झुक आयी बदरियां सावन की’ में ओशो का ध्यान के प्रति दृष्टिकोण क्या है?

ओशो ने ध्यान को एक प्राकृतिक और आनंदमय प्रक्रिया के रूप में प्रस्तुत किया है, जो आंतरिक शांति और जागरूकता का मार्ग है।

ओशो की यह पुस्तक आधुनिक जीवन के लिए कैसे प्रासंगिक है?

आधुनिक जीवन में आत्मिक शांति और संतुलन की आवश्यकता अधिक है, और ओशो की यह पुस्तक ध्यान और आत्म-जागरूकता के माध्यम से उस शांति की खोज में सहायक है।

Additional information

Weight 256 g
Dimensions 20 × 14 × 4 cm
Author

Osho

ISBN

8171822789

Pages

200

Format

Paperback

Language

Hindi

Publisher

Diamond Books

ISBN 10

8171822789